मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबाआई) ने 'बुलेट' पुनर्भुगतान योजना (Bullet Repayment scheme) के तहत सोने के बदले कर्ज यानी गोल्ड लोन को दोगुना कर चार लाख रुपये कर दिया है. केंद्रीय बैंक RBI ने मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक में इसे 2 लाख से बढ़ाकर 4 लाख करने का फैसला किया है.
4 से 6 अक्टूबर तक चली मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की मीटिंग के बाद RBI ने ब्याज दरें स्थिर रखने समेत कई एलान किए. MPC की मीटिंग में ही UCBs के लिए गोल्ड लोन की सीमा बढ़ाने का भी फैसला किया गया है. यह सीमा उन शहरी सहकारी बैंकों के लिए बढ़ाई गई है, जिन्होंने प्राथमिक क्षेत्र को कर्ज के तहत सभी लक्ष्यों को 31 मार्च 2023 तक पूरा किया है.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करते हुए कहा कि 'शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) जिन्होंने 31 मार्च 2023 तक प्राथमिकता क्षेत्र ऋण (पीएसएल) के तहत समग्र लक्ष्य, उप-लक्ष्य पूरा कर लिया है, उनके लिए बुलेट पुनर्भुगतान योजना के तहत गोल्ड लोन की मौजूदा सीमा को दो लाख रुपये से बढ़ाकर चार लाख रुपये करने का निर्णय लिया गया है.'
बता दें, शहरी को-ऑपरेटिव बैंक अपने ग्राहकों को बुलेट री-पेमेंट स्कीम के तहत अब तक 2 लाख रुपये तक का गोल्ड लोन दे रहे थे. वहीं RBI के फैसले के बाद अब वे अपने ग्राहकों को 4 लाख रुपये तक का लोन दे सकेंगे. शहरी को-ऑपरेटिव बैंकों के ग्राहकों के लिए ये अच्छी खबर है कि सोने के आभूषणों के बदले 4 लाख रुपये तक का लोन उठा सकेंगे.
गवर्नर दास ने कहा कि 'यह उपाय हमारी उस पिछली घोषणा के तहत है, जिसमें कहा गया था कि '31 मार्च 2023 तक निर्धारित प्राथमिक क्षेत्र कर्ज के लक्ष्यों को पूरा करने वाले यूसीबी को उपयुक्त प्रोत्साहन दिया जाएगा.'