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रतन टाटा ने किया मुंबई हमलों के शहीदों को याद, दिया ये खास संदेश

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Published : Nov 26, 2020, 12:50 PM IST

टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन रतन टाटा ने मुंबई हमलों की बरसी पर कहा कि आज से 12 साल पहले किया गया प्रचंड विनाश कभी भुलाया नहीं जा सकेगा.

रतन टाटा ने किया मुंबई हमलों के शहीदों को याद, दिया ये खास संदेश
रतन टाटा ने किया मुंबई हमलों के शहीदों को याद, दिया ये खास संदेश

मुंबई: 26 नवंबर, 2008 को मुंबई में हुई नृशंस आतंकवादी हमलों की 12 वीं वर्षगांठ पर पूरे देश ने इन हमलों के शहीदों और पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित की.

टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन रतन टाटा ने भी इन हमलों की बरसी पर कहा कि आज से 12 साल पहले किया गया प्रचंड विनाश कभी भुलाया नहीं जा सकेगा.

टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन रतन टाटा ने ट्वीट कर कहा कि आज से 12 साल पहले किया गया प्रचंड विनाश कभी नहीं भुलाया जा सकता है. लेकिन जो बात अधिक यादगार है, वह यह है कि मुंबई के विभिन्न लोग उस दिन आतंकवाद को खत्म करने के लिए अपने सभी मतभेदों को दूर रख एक साथ आगे आएं.

उन्होंने आगे कहा कि आज, हम निश्चित रूप से अपने खोए हुए लोगों का शोक मना सकते हैं और उन बहादुरों के बलिदान का सम्मान कर सकते हैं, जिन्होंने शत्रु पर विजय पाने में मदद की, लेकिन हमें जिसकी सराहना करनी चाहिए, वह एकता और दयालुता और संवेदनशीलता का कार्य है, जिसे हमें संजोना चाहिए, औरो उम्मीद है, यह आगे भी जारी रहेगा आगे के वर्षों में चमकने के लिए.

लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों की ओर से किए गए इस नृशंस आतंकवादी हमले में 165 लोगों की जान गई थी. पुलिस ने नौ आतंकवादियों को मौके पर मार गिराया था और जिंदा गिरफ्तार किए गए एक आतंकी अजमल कसाब को बाद में फांसी दी गई थी.

ये भी पढ़ें: 26/11 हमला : ना'पाक' आतंकी हरकत से छलनी हुई थी मायानगरी

मुंबई: 26 नवंबर, 2008 को मुंबई में हुई नृशंस आतंकवादी हमलों की 12 वीं वर्षगांठ पर पूरे देश ने इन हमलों के शहीदों और पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित की.

टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन रतन टाटा ने भी इन हमलों की बरसी पर कहा कि आज से 12 साल पहले किया गया प्रचंड विनाश कभी भुलाया नहीं जा सकेगा.

टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन रतन टाटा ने ट्वीट कर कहा कि आज से 12 साल पहले किया गया प्रचंड विनाश कभी नहीं भुलाया जा सकता है. लेकिन जो बात अधिक यादगार है, वह यह है कि मुंबई के विभिन्न लोग उस दिन आतंकवाद को खत्म करने के लिए अपने सभी मतभेदों को दूर रख एक साथ आगे आएं.

उन्होंने आगे कहा कि आज, हम निश्चित रूप से अपने खोए हुए लोगों का शोक मना सकते हैं और उन बहादुरों के बलिदान का सम्मान कर सकते हैं, जिन्होंने शत्रु पर विजय पाने में मदद की, लेकिन हमें जिसकी सराहना करनी चाहिए, वह एकता और दयालुता और संवेदनशीलता का कार्य है, जिसे हमें संजोना चाहिए, औरो उम्मीद है, यह आगे भी जारी रहेगा आगे के वर्षों में चमकने के लिए.

लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों की ओर से किए गए इस नृशंस आतंकवादी हमले में 165 लोगों की जान गई थी. पुलिस ने नौ आतंकवादियों को मौके पर मार गिराया था और जिंदा गिरफ्तार किए गए एक आतंकी अजमल कसाब को बाद में फांसी दी गई थी.

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