शिमला: नगर निगम शिमला की लेटलतीफी के चलते उत्कृष्ट शिक्षा केंद्र राजकीय महाविद्यालय संजौली में गर्ल्स हॉस्टल बनाने का कार्य शुरू नहीं हो पा रहा है. नगर निगम शिमला द्वारा पेड़ काटने बाद ही जमीन पर हॉस्टल बनाने का काम शुरू हो पाएगा. कॉलेज प्रशासन ने अपने सभी दस्तावेज निगम को दे दिए हैं, लेकिन नगर निगम ने अभी तक अपनी रिपोर्ट कॉलेज प्रशासन को नहीं सौंपी है.
दरअसल, संजौली कॉलेज 80 कमरों का गर्ल्स हॉस्टल बनवाने की तैयारी में है. कॉलेज को एनजीटी से पेड़ काटने अनुमति मिल गई है, लेकिन शहर में मजदूरों की कमी के चलते कॉलेज प्रशासन ने पेड़ काटने के लिए निगम को पत्र लिखा है. निगम जैसे ही पेड़ कटवाएगा, उसके बाद हॉस्टल का काम शुरू हो पाएगा.
गौर रहे कि एमसी व एनजीटी शिमला की ओर से 25 सितंबर को कॉलेज में गर्ल्स हॉस्टल व ऐतिहासिक भवन के जीर्णोद्धार का निरीक्षण किया गया था. वहीं, बीते साल कॉलेज के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य पर मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री ने गर्ल्स हॉस्टल को जल्द से जल्द बनवाने की बात कही थी. प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने प्राचार्य, उच्च शिक्षा के निदेशक को जल्द से जल्द एनजीटी से स्वीकृति लेने को कहा था. शिक्षा मंत्री ने कहा था कि किसी प्रकार की समस्या आने पर वो खुद एनजीटी के पास जाएंगे.
संजौली कॉलेज प्रदेश का एकमात्र सेंटर ऑफ एक्सीलेंस कॉलेज है, जिसमें अभी तक गर्ल्स हॉस्टल नहीं है. इसके अलावा नेक की टीम ने भी कॉलेज में हॉस्टल न होने के चलते कॉलेज के ग्रेड में कटौती की थी. नेक की टीम ने प्रदेश के सभी कॉलेजों को गर्ल्स हॉस्टल बनाने को कहा था. ए ग्रेड मिलने पर संजौली कॉलेज प्रशासन ने कॉलेज के साथ बनी पुरानी बिल्डिंग को गिराकर गर्ल्स हॉस्टल बनाने का निर्णय लिया है.
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