मंडी: अगर किसी को सच्ची श्रद्धांजलि देनी हो तो क्या किया जाता है. उस व्यक्ति के परिवार के लिए कुछ सहयोग, कोई स्मारक बना दी जाए, या फिर उसके संदेश को लोगों तक पहुंचाने का काम किया जाएगा, लेकिन क्या किसी को सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए बिना पैसों के भारत भ्रमण करने का सोचा जा सकता है. शायद नहीं, लेकिन केरल और तमिलनाडु के दो युवकों ने कुछ ऐसा करने की ठान रखी है. इनके नाम हैं चंद्रू और यासीन. चंद्रू केरल का रहने वाला है और यासीन तमिलनाडु का रहने वाला है. यह दोनों छठी कक्षा से दोस्त हैं और कॉलेज की पढ़ाई के बाद फोटोग्राफी का काम भी साथ में ही करते हैं.
दिवंगत अनस हजस को श्रद्धांजलि देने निकले दोनों युवक: पिछले पांच महीनों से दोनों घर बार सब छोड़कर निकले हैं, दिवंगत स्केटबोर्डर अनस हजस को सच्ची श्रद्धांजलि देने. अनस हजस केरल निवासी थे और पिछले साल कन्याकुमारी से कश्मीर तक स्केटबोर्ड पर यात्रा के लिए निकले थे. साल 2022 में अगस्त महीने में चंडीगढ़ के पास एक सड़क दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई थी. ये दोनों अनस हजस को अपना आदर्श मानते थे. इसलिए उनकी इच्छा को पूरा करने और उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए इन्होंने बिना पैसों के भारत भ्रमण करने की सोची.
13 राज्यों को पार करते हुए पहुंचे हिमाचल प्रदेश: 19 दिसंबर को इन्होंने केरल से अपनी यात्रा शुरू की और 13 राज्यों से गुजरते हुए इन दिनों हिमाचल प्रदेश का भ्रमण कर रहे हैं. इन्होंने अनस के स्केटबोर्ड को अपने पास रखा है जिसे ये वापस केरल पहुंचकर अनस के परिजनों के हवाले करेंगे. चंद्रू ने बताया कि वो अभी तक 30 हजार किलोमीटर से ज्यादा का सफर कर चुके हैं. अपने इस पूरे सफर के दौरान वह 40 से 45 हजार किलोमीटर की यात्रा तय करेंगे.
कभी पैदल तो कभी लिफ्ट लेकर कर रहे हैं यात्रा: इन्होंने 19 दिसंबर 2022 को केरल से अपनी यात्रा शुरू की थी. केरल के बाद कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, पंजाब, जम्मू कश्मीर और लद्दाख से होते हुए हिमाचल पहुंचे हैं. यह उनकी यात्रा का 14 वां राज्य है. यासीन ने बताया कि उनके पास पैसे नहीं हैं और दोनों एक गरीब परिवार से संबंध रखते हैं. रहने के लिए सिर्फ एक टेंट है जिसे रात को कहीं भी गाड़कर सो जाते हैं. लोगों से मांगकर खाना खा रहे हैं और कपड़े भी मांगकर ही पहन रहे हैं. जब किसी से लिफ्ट मिल जाती है तो उसमें सवार हो जाते हैं नहीं तो पैदल ही चलते रहते हैं. कहीं भंडारा या लंगर दिख जाए तो वहीं पेट भर लेते हैं.
1 साल में पूरा करेंगे भारत भ्रमण का लक्ष्य: इन दोनों ने एक वर्ष के भीतर अपनी इस यात्रा को संपन्न करने का लक्ष्य रखा है. अभी तक अपनी यात्रा को चलाए हुए, इन्हें पांच महीने हो चुके हैं. अब ये उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश होते हुए पूर्वोत्तर की तरफ जाएंगे और वहां से वापस अपने घर की तरफ प्रस्थान करेंगे. इस तरह यह दोनों युवक भारत भ्रमण करते हुए अपने आइडियल को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं.
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