नई दिल्ली : अतीक और उसके भाई की शनिवार रात हुई हत्या से पहले पुलिस और यूपी एटीएस उसके पाकिस्तान लिंक के बारे में उससे पूछताछ कर रही थी. हालांकि, हत्या के बाद अतीक के आपराधिक साठगांठ के राज उसके साथ ही दफन हो जायेंगे. लेकिन पाकिस्तान कनेक्शन ने अंतिम समय तक अतीक का पीछा नहीं छोड़ा. पुलिस और यूपी एटीएस के सूत्रों की माने तो अतिक और उसके भाई अशरफ के ऊपर 18 गोलियां दागी गई. यूपी पुलिस के फॉरेंसिक विभाग के सूत्रों की माने तो अतीक और अशरफ के तीनों हत्यारों के पास इम्पोर्टेड जिगाना पिस्टल थी.
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फॉरेंसिक विभाग के सूत्रों ने बताया कि हत्या के लिए 'जिगाना पिस्टल' का इस्तेमाल किया गया. 'जिगाना पिस्टल' तुर्की में तैयार एक खास तरह की पिस्टल है जिसे एक बार लोड करने के बाद 15 राउंड फायरिंग की जा सकती है. मीडिया में उपलब्ध जानकारी के मुताबिक 'जिगाना पिस्टल' भारत में बैन है. लेकिन देश में कई गैंगस्टर करीबी मुठभेड़ में इस घातक हथियार का इस्तेमाल करते हैं. हाल के दिनों में पंजाबी गायक और कांग्रेस नेता सिद्धु मुसेवाला हत्याकांड में भी इस जिगाना पिस्टल के इस्तेमाल के सबूत मिले थे. हथियार तस्करी के बाजार में इस पिस्टल की कीमत छह से सात लाख रुपये बताई जाती है.
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हथियार तस्करी पर नजर रखने वाले जानकार बताते हैं कि भारत में बैन होने के कारण इस पिस्टल की तस्करी पाकिस्तान के मार्फत होती है. पंजाब में पाकिस्तान से सटे इलाकों में ड्रोन के माध्यम से यह पिस्टल पाकिस्तान द्वारा भारत में गिराया जाता है. इसकी डीलिंग तुर्की या अरब देशों में रह रहे तस्करों के माध्यम से होती है. पाकिस्तानी हथियार तस्कर के पास सिर्फ इसे भारतीय सीमा के अंदर गिराने की जिम्मेदारी होती है. हालांकि, अतीक की हत्या में इस्तेमाल हुए पिस्टल सिर्फ इसी काम के लिए तस्करी के द्वारा मंगाये गये थे या इन हथियारों से पहले भी किसी अपराध को अंजाम दिया जा चुका है इसका पता तो आरोपियों से पूछताछ और पिस्टल की फॉरेंसिक जांच के बाद ही चल पायेगा.
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