अगरतला : त्रिपुरा में अगरतला सहित 14 नगर निकायों (Tripura civic election results) के लिए हुए चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नगर निकाय चुनाव में क्लीन स्वीप किया है. इन सीटों पर 25 नवंबर को चुनाव हुए थे. 20 नगर निकायों में से, 14 में चुनाव कराए गए थे. 6 निकायों में भाजपा निर्विरोध जीती है. गत 25 नवंबर को मतदान हुआ था और आज मतगणना हुई. भाजपा ने ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और वाम दलों को पछाड़ते हुए अगरतला नगर निगम और 13 अन्य निकायों में शानदार प्रदर्शन किया. इन निकायों में भाजपा के पास अब 334 सीटों में से 329 सीटें हैं. पूर्वोत्तर राज्य में 2018 में सत्ता में आने के बाद पहला निकाय चुनाव लड़ रही भाजपा को इन चुनावों में विपक्ष से एक कमजोर चुनौती मिली.
अगरतला नगर निगम की सभी 51 सीटों पर भी बीजेपी ने जीत हासिल की है. अभी तब अगरतला नगर निगम पर माकपा का कब्जा था. विपक्षी सीपीआईएम ने दो वार्डों में जीत हासिल की है. अंबासा नगर परिषद के वार्ड नंबर 15 और पानीसागर नगर निगम के वार्ड नंबर 2 में सीपीआईएम उम्मीदवार को जीत हासिल हुई है.
राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने बताया कि भाजपा ने 15 सदस्यीय खोवाई नगर परिषद, 17 सदस्यीय बेलोनिया नगर परिषद, 15 सदस्यीय कुमारघाट नगर परिषद और नौ सदस्यीय सबरूम नगर पंचायत के सभी वार्ड में जीत हासिल की.
अधिकारियों ने बताया कि पार्टी ने 25 वार्ड वाले धर्मनगर नगर परिषद, 15 सदस्यीय तेलियामुरा नगर परिषद और 13 सदस्यीय अमरपुर नगर पंचायत में विपक्षी दलों का सूपड़ा साफ कर दिया.
भाजपा ने सोनामूरा नगर पंचायत और मेलाघर नगर पंचायत की सभी 13-13 सीटों पर जीत हासिल कर ली. उसने 11 सदस्यीय जिरानिया नगर पंचायत में भी विजय प्राप्त की.
तृणमूल कांग्रेस को केवल एक वार्ड- अंबासा नगर निगम के वार्ड नंबर 13 में जीत हासिल हुई है. एक वार्ड में निर्दलीय प्रत्याशी जीता है.
पीएम मोदी की प्रतिक्रिया
भाजपा की जीत पर पीएम मोदी ने भाजपा कार्यकर्ताओं और सीएम बिप्लब देब को बधाई दी. उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों ने स्पष्ट संदेश दिया है कि वे सुशासन की राजनीति को तरजीह देते हैं. मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'ये आशीर्वाद हमें त्रिपुरा में प्रत्येक व्यक्ति के कल्याण के लिए काम करने की और अधिक ताकत देते हैं.'
उन्होंने कहा, 'मैं त्रिपुरा के भाजपा कार्यकर्ताओं की सराहना करूंगा, जिन्होंने जमीनी स्तर पर अथक परिश्रम किया और लोगों की सेवा की. बिप्लब देब के नेतृत्व में राज्य सरकार कई पहल में सबसे आगे रही है, जिसे लोगों ने अपना आशीर्वाद दिया है.'
भाजपा प्रमुख ने कहा- त्रिपुरा में लोकतंत्र की जीत
नड्डा ने कहा, 'मैं त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब, राज्य भाजपा अध्यक्ष और सभी पार्टी कार्यकर्ताओं को इस ऐतिहासिक जीत के लिए बधाई देता हूं. यह लोकतंत्र की जीत है.' उन्होंने दावा किया कि लोगों ने विभाजनकारी ताकतों और हिंसा में रुचि रखने वालों को खारिज कर दिया है.
जीत से गदगद भाजपा ने कहा है कि निकाय चुनाव के नतीजों ने तृणमूल कांग्रेस के 'खोखलेपन' का खुलासा कर दिया है जो दावा कर रही है कि उसने पूर्वोत्तर के इस राज्य में अपनी पैठ बना ली है. पड़ोसी राज्य में अपनी पार्टी की जीत का जश्न मनाने के लिए यहां कई भाजपा कार्यकर्ताओं को मिठाई खाते और एक-दूसरे पर गुलाल लगाते हुए देखा गया.
त्रिपुरा में तृणमूल का प्रदर्शन 'असाधारण'
टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने ट्विटर पर कहा कि यह उनकी पार्टी के लिए '20 प्रतिशत मत' हासिल करना 'असाधारण' बात है, जिसकी त्रिपुरा में न के बराबर उपस्थिति थी. उन्होंने ट्वीट किया, 'हमने बमुश्किल 3 महीने पहले अपनी गतिविधियां शुरू कीं, इसके बावजूद हमें यह प्रतिक्रिया मिली है जबकि भाजपा ने त्रिपुरा में लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. त्रिपुरा टीएमसी के सभी बहादुर सैनिकों को उनके अनुकरणीय साहस के लिए बधाई.'
मुख्यमंत्री विप्लव कुमार देव ने जीत को 'ऐतिहासिक' करार दिया और कहा कि त्रिपुरा के लोगों ने भाजपा का विरोध करने वालों को सटीक जवाब दिया है. देब राज्य में सांप्रदायिक हिंसा को लेकर विपक्ष के निशाने पर थे.
देव ने कहा, 'जिन लोगों ने त्रिपुरा को बदनाम करने की कोशिश की, उन्हें देखना चाहिए कि नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों ने मिलकर विकास के पक्ष में मतदान किया है.'
इससे पहले त्रिपुरा में मतगणना स्थलों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई. दोपहर 2.30 बजे की रिपोर्ट के मुताबिक त्रिपुरा राज्य चुनाव आयोग के अनुसार अंबासा, जिरानिया, तेलियामुरा और सबरूम में भाजपा के पास बढ़त थी.
त्रिपुरा में 25 नवंबर को मतदान में 81 प्रतिशत से अधित लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. त्रिपुरा निकाय चुनाव के दौरान कथित तौर पर हिंसा की घटनाएं भी सामने आई थीं.
वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए मतगणना को स्थगित करने की मांग की थी. टीएमसी ने त्रिपुरा में निकाय चुनाव के दौरान हुई हिंसा की जांच के लिए शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था और अदालत की निगरानी वाली समिति से जांच कराने का अनुरोध किया था.
हालांकि, भाजपा ने हिंसा और चुनाव में धांधली के आरोपों का खंडन किया था. भाजपा प्रवक्ता नबेंदु भट्टाचार्य ने कहा था कि तृणमूल और माकपा निराधार आरोप लगा रहे हैं क्योंकि उन्हें पता है कि चुनाव में उनकी पराजय होगी.
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त्रिपुरा में 20 नगर निकायों की कुल 334 सीटों में से 222 पर 25 नवंबर को 81.54 फीसदी मतदान हुआ था. क्योंकि सत्तारूढ़ भाजपा 112 सीटें पहले ही निर्विरोध जीत चुकी है. इन सीटों पर किसीन अन्य दल के उम्मीदवार ने नामांकन नहीं किया था.