श्रीनगर: कश्मीर घाटी में युवा न केवल गैर-पारंपरिक खेलों की ओर रुख कर रहे हैं, बल्कि इन खेलों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर देश और कश्मीर का नाम भी रोशन कर रहे हैं. 21 वर्षीय ताइक्वांडो खिलाड़ी आफरीन हैदर राष्ट्रीय चैंपियनशिप के दौरान रिंग में अपने प्रतियोगियों से लड़ रही हैं. आफरीन ने अब तक विभिन्न राज्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के प्रतियोगिताओं में अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए कई पदक और पुरस्कार जीते हैं. आफरीन 7 साल की उम्र से ही ताइक्वांडो खेल रही हैं. हालाँकि शुरुआत में उसने इस खेल को शौकिया तौर पर खेला था परंतु बाद में यह खेल उसका प्रोफेशन बन गया. ताइक्वांडो न केवल उसके लिए एक जुनून है, बल्कि वह इस खेल में अपने भविष्य की तलाश कर रही है और ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने की इच्छा रखती है.
आफरीन हैदर दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक पढ़ाई पूरी कर चुकी है. आफरीन बेहतर समय निर्धारित कर अपने कोच की देखरेख में कड़ी प्रैक्टिस कर रही है. वर्ल्ड ताइक्वांडो एसोसिएशन द्वारा आयोजित दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग ले रही है. G2 स्तर के कार्यक्रम उच्च स्तरीय ताइक्वांडो प्रतियोगिताएं हैं. जिससे विश्व स्तरीय प्रतियोगिताओं के लिए क्वालीफाई करने की संभावना बढ़ जाती है और आफरीन कश्मीर की एकमात्र महिला एथलीट है जो नियमित रूप से 62 किग्रा वर्ग में ऐसी प्रतियोगिताओं में भाग ले रही है.
आफरीन हैदर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जूनियर ताइक्वांडो का आधिकारिक पदक जीतने वाली जम्मू-कश्मीर की पहली महिला एथलीट हैं. आफरीन की मां शिराज मलिक का कहना है कि आफरीन उनके सपनों को साकार कर रही है और उन्हें अपनी बेटी पर गर्व है. आफरीन की मां कहती है कि आफरीन को परिषद और कोच के पद पर नियुक्त किया गया था, लेकिन किसी कारणवश उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था. वर्तमान में आफरीन अंडर 62 किग्रा वर्ग में प्रतिस्पर्धा करती है. वह देश में नंबर एक और विश्व स्तर पर अपनी श्रेणी में 85 वें स्थान पर है.
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