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प्रवासी कामगारों के लिए क्या किया? केंद्र व राज्य सौंपे रिपोर्ट: सुप्रीम कोर्ट - प्रवासी कामगारों के लिए क्या किया

सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने सोमवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र व राज्यों सरकारों को निर्देश जारी किया है. जिसमें कहा गया है कि केंद्र और राज्यों ने प्रवासी कामगारों के लिए क्या कदम उठाए हैं? इसके संबंध में रिपोर्ट दाखिल करें.

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Published : Apr 18, 2022, 8:41 PM IST

Updated : Apr 18, 2022, 10:51 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने सोमवार को सभी राज्यों और केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वे उन प्रवासी कामगारों के लिए उठाए गए कदमों के बारे में अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करें, जिन्होंने कोविड की वजह से अपनी नौकरियां खो दीं. न्यायमूर्ति एमआर शाह और बीवी नागरथ ने कार्यकर्ता हर्ष मंदर, अंजलि भारद्वाज और जगदीप चोकर के आवेदन पर सुनवाई कर रहे हैं.

याचिकर्ताओं का आरोप है कि प्रवासी श्रमिकों को राहत प्रदान करने के लिए सरकार को निर्देश पर अदालत के पिछले साल के आदेश को अभी तक लागू नहीं किया गया है. कोर्ट ने सरकार को उन लोगों को भी राशन उपलब्ध कराने का आदेश दिया था जिनके पास राशन कार्ड नहीं है. इस पर कोर्ट ने कहा कि आप स्थिति रिपोर्ट दर्ज करें, कार्रवाई रिपोर्ट दर्ज करें.

यह भी पढ़ें- कुपोषित बच्चों की पढ़ाई-दवाई का हुआ इंतजाम, हरियाणा के मुस्कान केंद्र में होंगे ये काम

प्रवासी श्रमिकों और असंगठित मजदूरों के पंजीकरण के बारे में एक निर्देश था कि सरकार ने अपने आदेश में कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के वकील द्वारा अदालत को सूचित करने के बाद एक राष्ट्र एक राशन कार्ड नीति लागू की है. यह रिपोर्ट 18 अप्रैल 2022 से 4 सप्ताह के भीतर दाखिल की जानी है और अदालत मामले की दोबारा सुनवाई करेगा.

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने सोमवार को सभी राज्यों और केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वे उन प्रवासी कामगारों के लिए उठाए गए कदमों के बारे में अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करें, जिन्होंने कोविड की वजह से अपनी नौकरियां खो दीं. न्यायमूर्ति एमआर शाह और बीवी नागरथ ने कार्यकर्ता हर्ष मंदर, अंजलि भारद्वाज और जगदीप चोकर के आवेदन पर सुनवाई कर रहे हैं.

याचिकर्ताओं का आरोप है कि प्रवासी श्रमिकों को राहत प्रदान करने के लिए सरकार को निर्देश पर अदालत के पिछले साल के आदेश को अभी तक लागू नहीं किया गया है. कोर्ट ने सरकार को उन लोगों को भी राशन उपलब्ध कराने का आदेश दिया था जिनके पास राशन कार्ड नहीं है. इस पर कोर्ट ने कहा कि आप स्थिति रिपोर्ट दर्ज करें, कार्रवाई रिपोर्ट दर्ज करें.

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प्रवासी श्रमिकों और असंगठित मजदूरों के पंजीकरण के बारे में एक निर्देश था कि सरकार ने अपने आदेश में कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के वकील द्वारा अदालत को सूचित करने के बाद एक राष्ट्र एक राशन कार्ड नीति लागू की है. यह रिपोर्ट 18 अप्रैल 2022 से 4 सप्ताह के भीतर दाखिल की जानी है और अदालत मामले की दोबारा सुनवाई करेगा.

Last Updated : Apr 18, 2022, 10:51 PM IST
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