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शंघाई में सख्त लॉकडाउन से बढ़ी नाराजगी, अपार्टमेंट में चीख-चिल्ला रहे हैं लोग

कोरोना के नई लहर से निपटने के लिए चीन की जीरो कोविड पॉलिसी (Zero Covid Policy) शंघाई के लोगों के लिए मुसीबत बन गई. अब शंघाई में लोगों को अपने अपार्टमेंट में चिल्ला रहे हैं. सोशल मीडिया पर शंघाई की ऐसा वीडियो अब वायरल हो रहा है.

Shanghai Lockdown
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Published : Apr 11, 2022, 6:23 PM IST

शंघाई. चीन में ओमीक्रोन के BA.2 वैरिएंट का प्रकोप एक बार फिर बढ़ रहा है. ऐहतियात के तौर पर चीन के कई शहरों में सख्त लॉकडाउन लगाए गए हैं. काफी समय से लॉकडाउन लगे होने के चलते शंघाई जैसे शहरों में स्थिति अब बेकाबू हो रही है. अमेरिका के रहने वाले मेडिकल एक्सपर्ट डॉ एरिक फीगल-डिंग ने शंघाई के कुछ वीडियो ट्वीट किए हैं. उन्होंने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा है कि सात दिन के लॉकडाउन के कारण शंघाई के हाई राइज बिल्डिंग में रहने वाले शंघाइनी में चिल्ला रहे हैं. लोग ज्यादा समय तक घरों में नहीं रुक पाएंगे, जिस कारण देश में बड़ी त्रासदी देखने को मिल सकती है.

अपने ट्वीट थ्रेड में उन्होंने लिखा है कि ये लोग स्थानीय शंघाई भाषा में बोल रहे हैं- “याओ मिंग ले” और “याओ सी” है. इसका मतलब होता है “जीवन और मृत्यु”

  • Residents in #Shanghai screaming from high rise apartments after 7 straight days of the city lockdown. The narrator worries that there will be major problems. (in Shanghainese dialect—he predicts people can’t hold out much longer—he implies tragedy).pic.twitter.com/jsQt6IdQNh

    — Eric Feigl-Ding (@DrEricDing) April 10, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

डॉ एरिक फीगल-डिंग ने दावा किया है कि उनका वीडियो वेरिफाइड है. उन्होंने लिखा है कि इस वीडियो को @patrickmadrid के परिवार ने सत्यापित किया है. उन्होंने बताया कि शांघाइनी एक स्थानीय बोली है, जिसे1.3 बिलियन चीनी में से केवल 14 मिलियन ही बोलते हैं. मैं इस बोली को इसलिए बोलता हूं क्योंकि मैं वहां पैदा हुआ था. पूरे शंघाई में पांच अप्रैल से सख्त लॉकडाउन लगा है. शहर के सभी 26 करोड़ लोगों को घर में ही रहने के आदेश दिए गए हैं. प्रशासन ने सिर्फ हेल्थ वर्कर्स, वॉलंटियर्स, डिलीवरी कर्मियों या विशेष अनुमति वाले लोगों को ही बाहर जाने की अनुमति दी है. इससे पहले एक अप्रैल को शहर के कई हिस्सों में आंशिक लॉकडाउन किया गया था.

लंबे समय से घरों में बंद होने की वजह से लोगों को भोजन, दवा और आवश्यक चीजों के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. पुलिस लोगों को खाने-पीने के सामान लाने के लिए भी घर से बाहर नहीं निकलने दे रही है.लोगों पर नजर रखने के लिए ड्रोन तैनात किए गए. खाने-पीने की कमी से जूझ रहे लोग चिल्लाकर प्रशासन का विरोध कर रहे हैं.

पढ़ें : चीन के शंघाई अस्पताल में बुजुर्गों की सिलसिलेवार मौत

शंघाई. चीन में ओमीक्रोन के BA.2 वैरिएंट का प्रकोप एक बार फिर बढ़ रहा है. ऐहतियात के तौर पर चीन के कई शहरों में सख्त लॉकडाउन लगाए गए हैं. काफी समय से लॉकडाउन लगे होने के चलते शंघाई जैसे शहरों में स्थिति अब बेकाबू हो रही है. अमेरिका के रहने वाले मेडिकल एक्सपर्ट डॉ एरिक फीगल-डिंग ने शंघाई के कुछ वीडियो ट्वीट किए हैं. उन्होंने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा है कि सात दिन के लॉकडाउन के कारण शंघाई के हाई राइज बिल्डिंग में रहने वाले शंघाइनी में चिल्ला रहे हैं. लोग ज्यादा समय तक घरों में नहीं रुक पाएंगे, जिस कारण देश में बड़ी त्रासदी देखने को मिल सकती है.

अपने ट्वीट थ्रेड में उन्होंने लिखा है कि ये लोग स्थानीय शंघाई भाषा में बोल रहे हैं- “याओ मिंग ले” और “याओ सी” है. इसका मतलब होता है “जीवन और मृत्यु”

  • Residents in #Shanghai screaming from high rise apartments after 7 straight days of the city lockdown. The narrator worries that there will be major problems. (in Shanghainese dialect—he predicts people can’t hold out much longer—he implies tragedy).pic.twitter.com/jsQt6IdQNh

    — Eric Feigl-Ding (@DrEricDing) April 10, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

डॉ एरिक फीगल-डिंग ने दावा किया है कि उनका वीडियो वेरिफाइड है. उन्होंने लिखा है कि इस वीडियो को @patrickmadrid के परिवार ने सत्यापित किया है. उन्होंने बताया कि शांघाइनी एक स्थानीय बोली है, जिसे1.3 बिलियन चीनी में से केवल 14 मिलियन ही बोलते हैं. मैं इस बोली को इसलिए बोलता हूं क्योंकि मैं वहां पैदा हुआ था. पूरे शंघाई में पांच अप्रैल से सख्त लॉकडाउन लगा है. शहर के सभी 26 करोड़ लोगों को घर में ही रहने के आदेश दिए गए हैं. प्रशासन ने सिर्फ हेल्थ वर्कर्स, वॉलंटियर्स, डिलीवरी कर्मियों या विशेष अनुमति वाले लोगों को ही बाहर जाने की अनुमति दी है. इससे पहले एक अप्रैल को शहर के कई हिस्सों में आंशिक लॉकडाउन किया गया था.

लंबे समय से घरों में बंद होने की वजह से लोगों को भोजन, दवा और आवश्यक चीजों के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. पुलिस लोगों को खाने-पीने के सामान लाने के लिए भी घर से बाहर नहीं निकलने दे रही है.लोगों पर नजर रखने के लिए ड्रोन तैनात किए गए. खाने-पीने की कमी से जूझ रहे लोग चिल्लाकर प्रशासन का विरोध कर रहे हैं.

पढ़ें : चीन के शंघाई अस्पताल में बुजुर्गों की सिलसिलेवार मौत

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