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Passport News : जम्मू कश्मीर में तीन साल में 2.82 लाख पासपोर्ट आवेदनों को मिली मंजूरी

जम्मू कश्मीर में तीन साल में करीब 2 लाख 82 हजार पासपोर्ट आवेदनों को मंजूरी दी गई है (2.82 lakh passport applications approved in JK). सिर्फ 805 खारिज हुए हैं. ये जानकारी जम्मू कश्मीर पुलिस की ओर से दी गई है.

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पासपोर्ट आवेदनों को मिली मंजूरी
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Published : Apr 9, 2023, 7:13 PM IST

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में पिछले तीन वर्षों में लगभग 2.82 लाख पासपोर्ट सत्यापन आवेदनों को मंजूरी दी गई (2.82 lakh passport applications approved in jammu kashmir) और केवल 805 को खारिज किया गया. पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी .

पुलिस ने नेताओं और पत्रकारों समेत विभिन्न वर्ग के लोगों की गतिविधियों की 'कड़ी निगरानी' किए जाने का बचाव करते हुए कहा कि 'भारत-विरोधी दुष्प्रचार' को रोकने के लिए ऐसा करना जरूरी है. पुलिस ने कहा कि आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) मुख्यालय द्वारा की गई मौजूदा पहलों से सफलता मिली है क्योंकि राष्ट्र विरोधी तत्वों द्वारा पासपोर्ट के दुरुपयोग में गिरावट देखी गई है.

पुलिस ने कहा कि एक प्रमुख व्यवसायी और एक पत्रकार सहित 143 पासपोर्ट आवेदकों ने सुविधा का दुरुपयोग किया और देश के खिलाफ नफरत फैलाने वाले प्रचार तंत्र का हिस्सा बन गए.

पुलिस ने एक बयान में कहा, 'देश-विरोधी तत्वों के नापाक मंसूबों को विफल करने के लिए समय-समय पर रणनीति में सुधार किया जाता है. ये देश विरोधी तत्व सुरक्षा बलों की आंखों में धूल झोंकने के लिए नए-नए तरीके अपनाते रहे हैं. पहले ये साफ-सुथरी छवि वाले लोगों को निशाना बनाते हैं और फिर उन्हें कट्टरपंथी बनाकर उनसे ऐसे काम कराते हैं, जो उनके नापाक मंसूबों को पूरा करने के लिए उपयुक्त होते हैं.'

बयान में कहा गया है 'भारत विरोधी प्रचार तंत्र पर अंकुश लगाने और उसे बेनकाब करने के लिए धार्मिक नेताओं, राजनेताओं, वकीलों और पत्रकारों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए गहन जांच अनिवार्य है.' पुलिस ने कहा कि खामियों को दूर कर यह सुनिश्चित किया गया है कि स्वच्छ छवि वाले छात्र जो देश के बाहर उच्च शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक हैं, उन्हें पासपोर्ट सुविधा प्राप्त करने में कोई बाधा न आए.

सीआईडी ​​मुख्यालय ने पासपोर्ट सुविधाओं के किसी भी दुरुपयोग से बचने के इरादे से खामियों को दूर करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के रूप में व्यापक दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं.

5,151 आवेदन लंबित : पुलिस ने बताया कि पिछले तीन वर्षों के दौरान प्राप्त कुल 2,87,715 पासपोर्ट सत्यापन आवेदनों में से 2,81,759 को मंजूरी दी गई. केवल 805 को मंजूरी नहीं दी गई और 5,151 आवेदन लंबित हैं.

पुलिस ने बारामूला के एक डॉक्टर आसिफ मकबूल डार का भी हवाला दिया और कहा कि वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और पाकिस्तान स्थित अलगाववादी नेताओं के लिए काम कर रहा था. पुलिस ने कहा कि इसी तरह वैध यात्रा दस्तावेज पर तुर्की गए पत्रकार मुख्तार अहमद बाबा ने भारत विरोधी दुष्प्रचार शुरू कर दिया, जबकि मजीद इरशाद खान को 26 अक्टूबर, 2017 को पासपोर्ट जारी करने के लिए मंजूरी दी गई, लेकिन बाद में उसी वर्ष नौ नवंबर को वह आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हो गया.

पुलिस ने कहा कि शब्बीर अहमद डार नामक व्यक्ति को 2013 में बरी कर दिया गया था और उसने सऊदी अरब पहुंचने पर सोशल मीडिया पर भारत विरोधी पोस्ट अपलोड करने शुरू कर दिए.

इसी तरह कई नेताओं की सुरक्षा में तैनात रहा वसीम राजा मल्ला सर्विस राइफल लेकर भाग गया और आतंकवादी बन गया. 2022 में सुरक्षा बलों ने उसे मार गिराया. उसके पास से एक पासपोर्ट भी मिला था.

पढ़ें- Jammu Kashmir News: महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा को दो साल की वैधता वाला पासपोर्ट जारी

(पीटीआई-भाषा)

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में पिछले तीन वर्षों में लगभग 2.82 लाख पासपोर्ट सत्यापन आवेदनों को मंजूरी दी गई (2.82 lakh passport applications approved in jammu kashmir) और केवल 805 को खारिज किया गया. पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी .

पुलिस ने नेताओं और पत्रकारों समेत विभिन्न वर्ग के लोगों की गतिविधियों की 'कड़ी निगरानी' किए जाने का बचाव करते हुए कहा कि 'भारत-विरोधी दुष्प्रचार' को रोकने के लिए ऐसा करना जरूरी है. पुलिस ने कहा कि आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) मुख्यालय द्वारा की गई मौजूदा पहलों से सफलता मिली है क्योंकि राष्ट्र विरोधी तत्वों द्वारा पासपोर्ट के दुरुपयोग में गिरावट देखी गई है.

पुलिस ने कहा कि एक प्रमुख व्यवसायी और एक पत्रकार सहित 143 पासपोर्ट आवेदकों ने सुविधा का दुरुपयोग किया और देश के खिलाफ नफरत फैलाने वाले प्रचार तंत्र का हिस्सा बन गए.

पुलिस ने एक बयान में कहा, 'देश-विरोधी तत्वों के नापाक मंसूबों को विफल करने के लिए समय-समय पर रणनीति में सुधार किया जाता है. ये देश विरोधी तत्व सुरक्षा बलों की आंखों में धूल झोंकने के लिए नए-नए तरीके अपनाते रहे हैं. पहले ये साफ-सुथरी छवि वाले लोगों को निशाना बनाते हैं और फिर उन्हें कट्टरपंथी बनाकर उनसे ऐसे काम कराते हैं, जो उनके नापाक मंसूबों को पूरा करने के लिए उपयुक्त होते हैं.'

बयान में कहा गया है 'भारत विरोधी प्रचार तंत्र पर अंकुश लगाने और उसे बेनकाब करने के लिए धार्मिक नेताओं, राजनेताओं, वकीलों और पत्रकारों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए गहन जांच अनिवार्य है.' पुलिस ने कहा कि खामियों को दूर कर यह सुनिश्चित किया गया है कि स्वच्छ छवि वाले छात्र जो देश के बाहर उच्च शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक हैं, उन्हें पासपोर्ट सुविधा प्राप्त करने में कोई बाधा न आए.

सीआईडी ​​मुख्यालय ने पासपोर्ट सुविधाओं के किसी भी दुरुपयोग से बचने के इरादे से खामियों को दूर करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के रूप में व्यापक दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं.

5,151 आवेदन लंबित : पुलिस ने बताया कि पिछले तीन वर्षों के दौरान प्राप्त कुल 2,87,715 पासपोर्ट सत्यापन आवेदनों में से 2,81,759 को मंजूरी दी गई. केवल 805 को मंजूरी नहीं दी गई और 5,151 आवेदन लंबित हैं.

पुलिस ने बारामूला के एक डॉक्टर आसिफ मकबूल डार का भी हवाला दिया और कहा कि वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और पाकिस्तान स्थित अलगाववादी नेताओं के लिए काम कर रहा था. पुलिस ने कहा कि इसी तरह वैध यात्रा दस्तावेज पर तुर्की गए पत्रकार मुख्तार अहमद बाबा ने भारत विरोधी दुष्प्रचार शुरू कर दिया, जबकि मजीद इरशाद खान को 26 अक्टूबर, 2017 को पासपोर्ट जारी करने के लिए मंजूरी दी गई, लेकिन बाद में उसी वर्ष नौ नवंबर को वह आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हो गया.

पुलिस ने कहा कि शब्बीर अहमद डार नामक व्यक्ति को 2013 में बरी कर दिया गया था और उसने सऊदी अरब पहुंचने पर सोशल मीडिया पर भारत विरोधी पोस्ट अपलोड करने शुरू कर दिए.

इसी तरह कई नेताओं की सुरक्षा में तैनात रहा वसीम राजा मल्ला सर्विस राइफल लेकर भाग गया और आतंकवादी बन गया. 2022 में सुरक्षा बलों ने उसे मार गिराया. उसके पास से एक पासपोर्ट भी मिला था.

पढ़ें- Jammu Kashmir News: महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा को दो साल की वैधता वाला पासपोर्ट जारी

(पीटीआई-भाषा)

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