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धनशोधण मामले में राकांपा नेता एकनाथ खडसे की पत्नी को मिली अग्रिम जमानत

2016 में पुणे में भूमि सौदे के दौरान कथित धनशोधन मामले में आरोपी एकनाथ खडसे की पत्नी मंदाकिनी खडसे अग्रिम जमानत मिल गई है.

बंबई उच्च न्यायालय
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Published : Oct 14, 2021, 9:21 PM IST

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता एकनाथ खडसे की पत्नी मंदाकिनी खडसे को बृहस्पतिवार को धनशोधन के मामले में अग्रिम जमानत दे दी. उनके खिलाफ वर्ष 2016 में पुणे में भूमि सौदे के दौरान कथित धनशोधन करने का आरोप है.

न्यायमूर्ति एन डब्ल्यू सांब्रे की एकल पीठ ने इसके साथ ही मंदाकिनी खडसे को 17 अक्टूबर से 29 नवंबर तक हर मंगलवार और शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया.

मंदाकिनी के वकील राजा ठाकरे और अधिवक्ता मोहन टेकावडे ने उच्च न्यायालय को बताया कि उनकी मुवक्किल 21 अक्टूबर को पीएमएलए (धनशोधन निषेध अधिनियम) अदालत के समक्ष पेश होंगी ताकि गत मंगलवार (12 अक्टूबर) को जारी गैर जमानती वारंट की अनुपालना हो सके.

अदालत ने प्रवर्तन निदेशाल को 29 नवंबर तक मंदाकिनी की अग्रिम जमानत की याचिका पर जवाब दाखिल करे. इस मामले की उसी दिन आगे सुनवाई होगी.

अदालत ने सवाल किया, 'क्या आवेदक को हिरासत में लेने की जरूरत है? क्यों आपको (मंदाकिनी खडसे) ईडी के समक्ष उपस्थित होकर जांच में सहयोग नहीं करना चाहिए?'

न्यायमूर्ति सांब्रे ने कहा, 'हम मामले पर 29 नवंबर को आगे सुनवाई करेंगे, तबतक ईडी जवाबी हलफनामा दाखिल कर सकता है. तबतक आवेदक हर मंगलवार और शुक्रवार ईडी के समक्ष पेश होंगी.'

अदालत ने इसके साथ ही कहा कि आवेदक की गिरफ्तारी की स्थिति में उन्हें 50 हजार के निजी मुचलके पर रिहा किया जाएगा.

गौरतलब है कि समन के बावजूद पेश नहीं होने पर विशेष अदालत ने मंदाकिनी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था और उनकी अग्रिम जमानत की याचिका खारिज कर दी थी जिसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का रुख किया.

खडसे दंपति के आलावा उनका दामाद गिरिश चौधरी का नाम भी प्राथमिकी में है और मौजूदा समय में वह न्यायिक हिरासत में हैं.

पढ़ें - क्रूज ड्रग्स केस: जेल में ही रहेंगे आर्यन खान, 20 अक्टूबर को जमानत पर फैसला

ईडी का आरोप है कि चौधरी और खडसे ने पुणे के नजदीक भोसरी में 3.75 करोड़ रुपये की जमीन खरीदी जबकि उसकी वास्तविक कीमत 31.01 करोड़ रुपये थी.

अभियोजन पक्ष का आरोप है कि खडसे ने उस समय राज्य के राजस्व मंत्री रहते हुए इस लेन देन के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया. खडसे ने यह जमीन खरीद विवाद सामने आने के बाद जून 2016 में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. वह अक्टूबर 2020 में भाजपा से इस्तीफा देकर राकांपा में शामिल हो गए.

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता एकनाथ खडसे की पत्नी मंदाकिनी खडसे को बृहस्पतिवार को धनशोधन के मामले में अग्रिम जमानत दे दी. उनके खिलाफ वर्ष 2016 में पुणे में भूमि सौदे के दौरान कथित धनशोधन करने का आरोप है.

न्यायमूर्ति एन डब्ल्यू सांब्रे की एकल पीठ ने इसके साथ ही मंदाकिनी खडसे को 17 अक्टूबर से 29 नवंबर तक हर मंगलवार और शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया.

मंदाकिनी के वकील राजा ठाकरे और अधिवक्ता मोहन टेकावडे ने उच्च न्यायालय को बताया कि उनकी मुवक्किल 21 अक्टूबर को पीएमएलए (धनशोधन निषेध अधिनियम) अदालत के समक्ष पेश होंगी ताकि गत मंगलवार (12 अक्टूबर) को जारी गैर जमानती वारंट की अनुपालना हो सके.

अदालत ने प्रवर्तन निदेशाल को 29 नवंबर तक मंदाकिनी की अग्रिम जमानत की याचिका पर जवाब दाखिल करे. इस मामले की उसी दिन आगे सुनवाई होगी.

अदालत ने सवाल किया, 'क्या आवेदक को हिरासत में लेने की जरूरत है? क्यों आपको (मंदाकिनी खडसे) ईडी के समक्ष उपस्थित होकर जांच में सहयोग नहीं करना चाहिए?'

न्यायमूर्ति सांब्रे ने कहा, 'हम मामले पर 29 नवंबर को आगे सुनवाई करेंगे, तबतक ईडी जवाबी हलफनामा दाखिल कर सकता है. तबतक आवेदक हर मंगलवार और शुक्रवार ईडी के समक्ष पेश होंगी.'

अदालत ने इसके साथ ही कहा कि आवेदक की गिरफ्तारी की स्थिति में उन्हें 50 हजार के निजी मुचलके पर रिहा किया जाएगा.

गौरतलब है कि समन के बावजूद पेश नहीं होने पर विशेष अदालत ने मंदाकिनी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था और उनकी अग्रिम जमानत की याचिका खारिज कर दी थी जिसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का रुख किया.

खडसे दंपति के आलावा उनका दामाद गिरिश चौधरी का नाम भी प्राथमिकी में है और मौजूदा समय में वह न्यायिक हिरासत में हैं.

पढ़ें - क्रूज ड्रग्स केस: जेल में ही रहेंगे आर्यन खान, 20 अक्टूबर को जमानत पर फैसला

ईडी का आरोप है कि चौधरी और खडसे ने पुणे के नजदीक भोसरी में 3.75 करोड़ रुपये की जमीन खरीदी जबकि उसकी वास्तविक कीमत 31.01 करोड़ रुपये थी.

अभियोजन पक्ष का आरोप है कि खडसे ने उस समय राज्य के राजस्व मंत्री रहते हुए इस लेन देन के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया. खडसे ने यह जमीन खरीद विवाद सामने आने के बाद जून 2016 में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. वह अक्टूबर 2020 में भाजपा से इस्तीफा देकर राकांपा में शामिल हो गए.

(पीटीआई-भाषा)

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