नासिक : महाराष्ट्र में जाति पंचायत अभी भी मौजूद है और ये अन्यायपूर्ण निर्णय ले रही है. नासिक जिले के सिन्नर में जाति पंचायत ने एक घिनौना फैसला सुनाया है. इस पंचायत में महिला को अपना पक्ष रखे बगैर ही तलाक का एकतरफा फैसला सुना दिया गया. पंचायत में एक रुपये के मुआवजे पर तलाक का फैसला ले लिया गया. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कानून पर जाति पंचायत को तरजीह दी जा रही है.
पेश मामले के अनुसार सिन्नर की रहने वाली अश्विनी नाम की महिला की शादी लोनी (अहमदनगर जिले) में रहने वाले एक शख्स से हुई. शादी के कुछ दिनों बाद उसे ससुराल में प्रताड़ित किया जाने लगा, जिसके बाद वह अपने मायके लौट आई. यह देखकर कि वह वापस नहीं आ रही है, उसके पति ने उसे तलाक देने का फैसला किया. इसके लिए उसने कानूनी प्रावधानों का सहारा लिए बिना मामले को पंचायत में ले गया. इसके बाद लोनी में वैदु समुदाय (Vaidu community) की जाति पंचायत बुलाई गई. महिला को पंचायत में अपना पक्ष रखने के लिए नहीं बुलाया गया. उसकी अनुपस्थिति में जाति पंचायत ने महिला से बिना पूछे ही फोन पर तलाक की घोषणा कर दी. साथ ही ससुर ने महिला को मुआवजे के रूप में एक रुपये का भुगतान करने के लिए कहा.
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महिला के पति ने दूसरी शादी भी कर ली है. आरोप है कि जाति पंचायत ने उस महिला को थाने जाने से रोक दिया. वहीं, उसके पति ने अपनी पहली पत्नी को कानूनी रूप से तलाक दिए बिना दूसरी शादी कर ली. इसलिए महिला जाति पंचायत के विरोध को तोड़कर कानूनी लड़ाई लड़ने को तैयार है. अब वह पति, उसके परिवार के अन्य सदस्यों और जाति पंचायत के खिलाफ शिकायत दर्ज कराएगी.