मुंबई : महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Maharashtra Home Minister Anil Deshmukh) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले (money laundering case) में ईडी के सामने 100 करोड़ रुपये की कथित वसूली मामले में माना (Anil Deshmukh confession in front of ED) कि कैबिनेट मंत्री अनिल परब ने उन्हें एक लिस्ट दी (police transfer list given by cabinet minister Anil Parab) थी. ये लिस्ट पुलिस विभाग में तबादलों की सूची थी.
अनिल देशमुख ने बताया कि उन्होंने तबादलों की कोई लिस्ट नहीं दी थी. वह लिस्ट अनिल परब ने से मिली थी जो कि अनौपचारिक थी. उस पर किसी के भी हस्ताक्षर नहीं थे. अनिल परब को यह लिस्ट शिवसेना के विधायकों से मिलती थी और इसे अनिल देशमुख खुद या फिर अपने पीए संजीव पलांडे के जरिये एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को भेजा करते थे. एडिशनल चीफ सेक्रेटरी ही पुलिस स्टेबलिशमेंट बोर्ड के हेड (Additional Chief Secretary is chief of Police Establishment Board) थे. उन्होंने बताया कि एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को लिस्ट देने के बाद ने नियमों को ध्यान में रखते हुए जरूरी कदम उठाने को कहा जाता था.
परमबीर सिंह विस्फोटक मामले का मास्टरमाइंड
अनिल देशमुख ने आगे बताया कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह एंटीलिया विस्फोट मामले के पीछे मास्टरमाइंड (Parambir Singh Mastermind behind Antilia blast case) थे. हालांकि, परमबीर सिंह ईडी को मामले से संबंधित तथ्य देने में काफी गुमराह किया. बता दें कि अनिल देशमुख मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दो नवंबर 2021 से न्यायिक हिरासत में हैं. इस मामले को लेकर ईडी ने उनसे पूछताछ की, जहां देशमुख का यह बयान कि अनिल परब की तरफ से उन्हें पुलिस ट्रांसर्फर की लिस्ट भेजी गई थी, को रिकार्ड किया गया है.