नई दिल्ली: देश में सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र (Information Technology Sector) के कर्मचारियों के वेतन में महामारी के दौरान भी आशाजनक वृद्धि हुई. क्योंकि पिछले वित्तीय वर्ष में आईटी कंपनियों के कर्मचारियों के खर्च में करीब 18 फीसदी की वृद्धि हुई. एक रेटिंग एजेंसी द्वारा किए गए एक अध्ययन में इसका खुलासा हुआ.
इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च, फिच ग्रुप रेटिंग एजेंसी ने वित्त वर्ष 2021-22 (अप्रैल-मार्च अवधि) के लिए 2,098 कंपनियों के वित्तीय परिणामों का विश्लेषण किया. इन कंपनियों को उनके क्षेत्र और उप-क्षेत्र के आधार पर नौ व्यापक खंडों में संगठित किया गया था जबकि बैंकों, गैर-बैंकों, व्यापारिक और वित्तीय संस्थानों को अध्ययन से बाहर रखा गया था.
इन कंपनियों की कर्मचारी लागत के विश्लेषण से पता चला है कि सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में वित्त वर्ष 2021-22 में सालाना 17.9 फीसदी की वृद्धि हुई. कर्मचारियों के वेतन वृद्धि को लेकर लक्जरी क्षेत्र की कंपनियां दूसरे स्थान पर रही. इसी वित्त वर्ष में महामारी के दौरान लक्जरी क्षेत्र के कर्मचारियों के वेतन खर्च में 16.4 फीसदी की वृद्धि हुई. लक्जरी क्षेत्र की कंपनियों में मुख्य रूप से रत्न,आभूषण क्षेत्र, पेय पदार्थ और डिस्टिलरी में सक्रिय कंपनियां शामिल किये गये.
इन दो क्षेत्रों के बाद कमोडिटी और खपत क्षेत्रों में सक्रिय कंपनियों में कर्मचारी लागत में क्रमशः 13.4 प्रतिशत और 13.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई. लेकिन कुछ अन्य उद्योगों और क्षेत्रों जैसे बुनियादी ढांचा और उपयोगिता क्षेत्रों (जिसमें दूरसंचार और संबंधित सेवा कंपनियां शामिल हैं) में, कर्मचारी लागत में वृद्धि एकल अंकों में थी. जबकि बुनियादी ढांचा कंपनियों के लिए यह 5.9 प्रतिशत थी. दूरसंचार और अन्य सेवा कंपनियों के लिए इस अवधि के दौरान सालाना आधार पर कर्मचारी लागत में वृद्धि सिर्फ 3.7 फीसदी थी.
पहले वर्ष महामारी का प्रभाव: अध्ययन के अनुसार पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान कर्मचारी लागत में वृद्धि वित्त वर्ष 2020-21 के लो बेस का परिणाम था. पहला कोविड वर्ष (अप्रैल-जून) के दौरान देश में कठोर लॉकडाउन लगाया गया था. जुलाई-सितंबर 2020 की अवधि में कुछ हद तक ढील दी गई थी.
अध्ययन से पता चला है कि दूसरे कोविड वर्ष यानी वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान कर्मचारी लागत की संयुक्त औसत वृद्धि दर 13.1 प्रतिशत थी जो पिछले पांच वर्षों (वित्त वर्ष-2017-22) के दौरान सबसे अधिक है. यदि वित्त वर्ष 2021-22 में कर्मचारी लागत में वृद्धि की तुलना लॉकडाउन से पहले के तीन वित्तीय वर्षों के दौरान औसत वृद्धि के साथ की जाए, तब भी सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की विकास दर सबसे अधिक 9 फीसदी रही. इसके बाद स्वास्थ्य क्षेत्र में 7.1 फीसदी और कमोडिटी सेक्टर में 6.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई.