नई दिल्ली : यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने गुरुवार को भारतीय नागरिकों से कहा कि वे व्याकुल न हों और आप जहां भी हैं सुरक्षित रहें . दूतावास ने कहा कि यूक्रेन वायु क्षेत्र के नागरिक विमानों के लिये बंद किये जाने के मद्देनजर भारतीय नागरिकों को निकालने के लिये वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है. उसने यह भी कहा कि ऐसी व्यवस्था को अंतिम रूप देते ही दूतावास इसके बारे में जानकारी देगा.
यूक्रेन के खिलाफ रूस द्वारा सैन्य अभियान शुरू करने के बाद भारतीय दूतावास ने कुछ ही घंटे के अंतराल में दो परामर्श जारी किए. भारतीय दूतावास ने कहा कि यूक्रेन में वर्तमान हालात बेहद अनिश्चित हैं. कृपया व्याकुल नहीं हों और आप जहां भी हैं सुरक्षित रहें, चाहे घर हो, हॉस्टल हो या कोई अन्य रहने का स्थान अथवा कहीं बीच रास्ते में हों. दूतावास ने कहा कि जो लोग कीव की यात्रा कर रहे हैं जिसमें कीव का पश्चिमी हिस्सा शामिल है, उन्हें अस्थायी तौर पर अपने शहरों को लौटने की सलाह दी जाती है, खास तौर पर सुरक्षित स्थानों पर.
भारतीय दूतवास ने दूसरे परामर्श में कहा कि यूक्रेन में सभी भारतीयों को यह सूचित किया जाता है कि यूक्रेन के वायु क्षेत्र के बंद कर दिये जाने के कारण विशेष उड़ान रद्द की जाती है. दूतावास ने कहा कि भारतीय नागरिकों को निकालने के लिये वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है. नई दिल्ली में आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विदेश मंत्रालय यूक्रेन संकट पर उच्च स्तरीय बैठक कर रहा है और आकस्मिक योजनाओं पर काम चल रहा है.
सूत्रों ने बताया कि भारत इस पूर्वी यूरोप के देश से अपने नागरिकों, खासकर छात्रों की सहायता के उपायों पर ध्यान केंद्रित किये हुए है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारत, यूक्रेन में तेजी से बदलती स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए हैं और इस बात पर ध्यान केंद्रित किये हुए है कि किस प्रकार से भारतीयों की मदद की जा सकती है.
उन्होंने कहा कि हम तेजी से बदल रहे हालात पर करीब से नजर रख रहे हैं. हमारा पूरा ध्यान भारतीय नागरिकों, खासतौर पर छात्रों की रक्षा और सुरक्षा पर केन्द्रित है. सूत्रों ने बताया कि कुछ दिन पहले विदेश मंत्रालय द्वारा स्थापित नियंत्रण कक्ष का विस्तार किया जा रहा है और इसे 24 घंटे काम करने के आधार पर परिचालित किया जा रहा है. अनुमान के मुताबिक, यूक्रेन में अभी 20 हजार भारतीय हैं.
कांग्रेस मीडिया सेल के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है. सुरजेवाला ने कहा कि समय रहते भारतीय नागरिकों को बाहर निकाला जा सकता था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया.
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