शिमला: हिमाचल प्रदेश में क्रिप्टो करेंसी मामले में दिन प्रतिदिन नए खुलासे हो रहे हैं. दरअसल, हिमाचल पुलिस की एसआईटी ने शनिवार को क्रिप्टो करेंसी ठगी मामले में हिमाचल सहित पंजाब और हरियाणा में 35 ठिकानों पर छापेमारी की. इस दौरान टीम ने मामले से संबंधित दस्तावेज, संपत्ति रिकॉर्ड, मोबाइल फोन, कंप्यूटर और लैपटॉप को भी कब्जे में लिया है. बता दें कि पुलिस भी जांच में सक्रिय है. पुलिस हर संभव प्रयास कर रही है कि ठगी मामले की जड़ तक पहुंच जाए.
दरअसल, क्रिप्टो करेंसी से जुड़े मामलों की जांच के लिए डीआईजी नार्थ रेंज अभिषेक दुल्लर की अध्यक्षता में एसआईटी टीम ने हिमाचल सहित पंजाब और चंडीगढ़ में 35 ठिकानों में छापेमारी की है. प्रदेश के 7 जिलों में ये छापेमारी की गई. एसआईटी की टीम ने आरोपियों और संदिग्धों के आवासीय परिसरों में छापेमारी की है. एसआईटी ने ये छापेमारी पंजाब और चंडीगढ़ के अलावा हिमाचल में कांगड़ा, मंडी, ऊना, चंबा, हमीरपुर, बिलासपुर, शिमला और बद्दी में की है. जानकारी के अनुसार, इस दौरान एसआईटी के हाथ ठगी का पूरा नेटवर्क लगा है. इसमें शामिल संदिग्धों का पता चलने के साथ करोड़ों की संपत्ति का रिकॉर्ड हाथ लगे हैं.
बता दें कि एसआईटी को शुरुआती तौर पर क्रिप्टो करेंसी का घोटाला 200 करोड़ रुपये का बताया जा रहा था, लेकिन दो मास्टर माइंड की गुजरात से गिरफ्तारी के बाद जिस तरह से लोग प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों के साइबर थाना में शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं, उसे देखते हुए अब यह घोटाला 200 करोड़ रुपये से कही ज्यादा का लग रहा है. फिलहाल एसआईटी अब जांच में जुटी हुई है. देश छोड़ फरार हो चुके क्रिप्टो करेंसी किंगपिन सुभाष शर्मा को भारत वापस लाने के लिए राज्य के गृह मंत्रालय के जरिए केंद्रीय विदेश मंत्रालय से संपर्क किया जा रहा है.
'क्रिप्टो करेंसी मामले को लेकर एसआईटी की टीम ने पंजाब, चंडीगढ और हिमाचल में 35 ठिकानों में छापेमारी की है. इस दौरान दस्तावेज, संपत्ति रिकॉर्ड, मोबाइल फोन और अन्य डिजिटल उपकरण सहित कई वाहनों को जब्त किया गया है.' :- संजय कुंडू, डीजीपी
क्रिप्टो करेंसी के नाम पर सबसे ज्यादा ठगी मंडी जिला में हुई है. मंडी साइबर पुलिस थाना में अब तक 40 शिकायतें मिली है, जिनमें 1000 से ज्यादा लोगों से अनुमानित 25 करोड़ की ठगी हुई है. इसके तीनों मास्टरमाइंड भी मंडी जिला के ही रहने वाले है. मंडी के अलावा कांगड़ा में ज्यादा लोग ठगी का शिकार बने हैं. अभी ऐसे भी बड़ी संख्या में लोग बताए जा रहे हैं. जिन्होंने इसमें पैसा इन्वेस्ट कर रखा है, लेकिन वापसी की आस लगाए हुए और अभी पुलिस तक शिकायत लेकर नहीं पहुंच रहे. पुलिस उन लोगों की तलाश में हैं, जिन्होंने क्रिप्टो करेंसी के नाम पर ठगी को अंजाम दिया है. मुद्रा घोटाला, बाजार में हेराफेरी और निर्दोष निवेशकों का शोषण किया. पुलिस का कहना है कि कब्जे में लिए गए दस्तावेज, एकत्र किया गया डेटा जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.