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भारत के मिसाइल और परमाणु हथियार कार्यक्रम को अभेद बनाने वाले डॉ. कलाम को सलाम

भारत रत्न, देश के पूर्व राष्ट्रपति और महान वैज्ञानिक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (Dr APJ Abdul Kalam) की आज जयंती है. बेहद सहज और सरल व्यक्तित्व वाले मृदुभाषी कलाम की रहनुमाई में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने सबसे घातक और मारक हथियार प्रणालियों का देश में ही विकास किया. 'मिसाइल मैन' की 90वीं जयंती पर उनके जीवन से जुड़ी विशेष रिपोर्ट.

डॉ. कलाम
डॉ. कलाम
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Published : Oct 15, 2021, 5:02 AM IST

Updated : Oct 15, 2021, 8:08 AM IST

हैदराबाद : इतिहास में 15 अक्टूबर का दिन भारत के मिसाइल और परमाणु हथियार कार्यक्रम को फौलादी और अभेद्य बनाने वाले पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम (APJ Abdul Kalam) के जन्मदिन के तौर पर दर्ज है. बेहद सहज और सरल व्यक्तित्व वाले मृदुभाषी कलाम की रहनुमाई में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने सबसे घातक और मारक हथियार प्रणालियों का देश में ही विकास किया. 15 अक्टूबर 1931 को जन्मे कलाम देश के युवाओं को देश की सच्ची पूंजी मानते थे और बच्चों को हमेशा बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित करते थे.

तमिलनाडु के छोटे से शहर रामेश्वरम में जन्में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के पिता के पास अपने परिवार का पालन करने के लिए सिर्फ एक नाव ही सहारा थी. डॉ. कलाम बचपन से ही मेहनती थे. पांच साल की उम्र में उन्होंने परिवार का पालन पोषण करने में अपने पिता का सहयोग करना शुरू कर दिया था. वह स्कूल जाने के साथ ही अखबार बेचकर पिता की मदद करते थे. मिसाइल मैन, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में अधिक जानने के लिए नीचे दिए गए वीडियो पर क्लिक करें -

जानिए डॉ. कलाम के जीवन के बारे में

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम से जुड़ी बातें

  • डॉ. कलाम भौतिकी और गणित से प्रभावित थे.
  • डॉ. कलाम ने 1954 में संत जोसेफ कॉलेज, त्रिचुरापल्ली से स्नातक की पढ़ाई पूरी की.
  • 1955 में उन्होंने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में दाखिला लिया.
    डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम
    भारत रत्न, पद्म भूषण से नवाजे गए
  • डॉ. कलाम भारतीय वायु सेना के फाइटर पायलट बनने का अवसर चूक गए. वह इस सूची में नौवें स्थान पर थे और केवल आठ दाखिले ही सम्भव थे. इसलिए पहले आठ शॉर्टलिस्ट उम्मीदवारों की ही भर्ती की गई थी.
  • 1960 में डॉ. कलाम DRDO के वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान के साथ जुड़ गए.
  • 1969 में डॉ. कलाम को सैटेलाइट लॉन्च वाहनों के लिए परियोजना निदेशक बनाया गया और उन्हें इसरो में स्थानांतरित कर दिया गया. कलाम के निर्देशन में यह परियोजना सफल हुई. वह रोहिणी सैटेलाइट श्रृंखला को पृथ्वी की कक्षा में लॉन्च करने में सक्षम थे.
  • डॉ. कलाम को बैलिस्टिक मिसाइलों और लॉन्च वाहन प्रौद्योगिकी पर उनके निरंतर सफल काम के कारण भारत के 'मिसाइल मैन' के रूप में जाना जाता है.

तमाम पुरस्कारों से नवाजे गए, फिल्म भी बनी

  • डॉ. कलाम ने भारत की परमाणु क्षमताओं और पोखरण -2 परमाणु परीक्षणों (1998 में) में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया.
  • डॉ. कलाम को देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, भारत रत्न (1997) सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है.
  • उनके अन्य पुरस्कारों में पद्म भूषण (1981) और पद्म विभूषण (1990) शामिल हैं.
  • दिलचस्प बात यह है कि उन्हें 40 विश्वविद्यालयों के डॉक्टरेट से भी सम्मानित किया गया था.
  • उनके जीवन से प्रेरित होकर आई एम कलाम शीर्षक से एक बॉलीवुड फिल्म भी बनाई गई थी.
  • डॉ. कलाम भारत और दुनिया भर में लाखों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं.
  • 25 जुलाई, 2002 को कलाम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत के राष्ट्रपति बन गए. अपने सरल स्वभाव के कारण उन्हें 'पीपल्स प्रेसिडेन्ट' के रूप में जाना जाता था.
  • राष्ट्रपति डॉ. कलाम के दिल में छात्रों और बच्चों के लिए एक नरम स्थान था. उन्होंने लाखों युवा बच्चों को प्रेरित किया. देश भर में उनके दौरों के दौरान वह युवा बच्चों के सवालों के जवाब देते और उनसे मिलते थे. उनका मानना ​​था कि बच्चे किसी भी राष्ट्र के भविष्य हैं.
  • न्यूयॉर्क में जेएफके हवाई अड्डे पर डॉ. कलाम की जांच किए जाने पर भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विरोध जताया था.
  • उनसे एक बार एक पत्रकार ने पूछा था कि उन्हें कैसे याद किया जाना चाहिए. एक वैज्ञानिक, एक राष्ट्रपति या एक शिक्षक के रूप में और उन्होंने मुस्कुराते हुए जवाब दिया मैं पहले एक शिक्षक के रूप में और फिर किसी अन्य व्यक्ति के रूप में याद किया जाना चाहता हूं.
  • डॉ. कलाम की स्विट्जरलैंड यात्रा को देश में विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है. उनके सम्मान में यह घोषणा स्विस सरकार द्वारा इस महान व्यक्तित्व के दुखद निधन के बाद की गई थी.
  • डॉ. कलाम ने तमिल में बहुत अच्छी कविताएं लिखीं और उन्हें संगीत वाद्ययंत्र, वीणा बजाने का बहुत शौक था.
  • राष्ट्रपति की अवधि के दौरान, डॉ. कलाम को प्रतिभा पाटिल के राष्ट्रपति के पद के बाद फिर से कार्यालय में शामिल होने का अनुरोध किया गया था. हालांकि, उन्होंने विनम्रता से इसके लिए मना कर दिया.
  • डॉ. कलाम भारत में पहले अविवाहित राष्ट्रपति और वैज्ञानिक थे.
  • डॉ. कलाम भारत के केवल तीन राष्ट्रपतियों में से हैं, जिन्हें राष्ट्रपति चुने जाने से पहले भारत रत्न से सम्मानित किया गया था.
  • डॉ. कलाम ने डॉ. विक्रम साराभाई को अपना गुरु माना. उन्होंने सलाह और समर्थन के लिए भारतीय मूल के इस महान वैज्ञानिक की ओर रुख किया.
  • डॉ. कलाम की पहली बड़ी परियोजना, एसएलवी -3, विफल रही और वह बिखर गया.
  • उन्हें 2003 और 2006 में दो बार एमटीवी यूथ आइकन अवार्ड से सम्मानित किया गया.
  • अपने अंतिम दिन वह आईआईएम, शिलांग में व्याख्यान दे रहे थे. वह सैकड़ों छात्रों को अपना भाषण देने के लिए मंच पर खड़े थे, जब उन्हें कार्डियक अरेस्ट का सामना करना पड़ा, जिससे वह फर्श पर गिर गये.
  • डॉ. कलाम ने सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार के रूप में भी काम किया.
  • उन्होंने अपना राष्ट्रपति वेतन दान में दे दिया. उन्होंने PURA (ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी सुविधाएं प्रदान करना) नामक एक ट्रस्ट का गठन किया और इस ट्रस्ट को अपना वेतन दान में दिया.
  • उन्होंने इवेंट्स के दौरान विशेष कुर्सियों पर बैठने से भी इनकार कर दिया, क्योंकि वह एक विनम्र व्यक्ति थे और हमेशा समानता को बढ़ावा देते थे.
  • डॉ. कलाम ने अपने करियर की शुरुआत एक अखबार बेचने वाले लड़के के रूप में की और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के राष्ट्रपति बने.
  • उन्होंने अपने जीवन के दौरान स्थानीय और वैश्विक स्तर पर लाखों लोगों को बदलने और प्रेरणा देने के दौरान कई चीजों का अनुसरण किया और उसे आगे बढ़ाने के बारे में सोचा.
  • डॉ. कलाम असफलताओं का पूरा दोष लेते हैं, लेकिन जब टीम ने डॉ. कलाम के नेतृत्व में कुछ भी हासिल किया तो उन्होंने अपनी टीम को इसका पूरा श्रेय दिया.
  • उन्होंने अपनी आत्मकथा, विंग्स ऑफ फायर भी प्रकाशित की, जिसमें अरुण तिवारी सह-लेखक थे. यह उनके बचपन, उनके व्यक्तिगत जीवन और उनके करियर का विस्तृत विवरण देता है. इसका फ्रेंच और चीनी सहित 13 भाषाओं में अनुवाद किया गया है.
  • वह एक उत्साही पाठक और लेखक थे. उन्होंने परमाणु भौतिकी और आध्यात्मिक अनुभवों सहित विभिन्न विषयों पर लगभग 15 पुस्तकों का लेखन किया है.

15 किताबें लिखीं:

  • विंग्स ऑफ फायर (उनकी आत्मकथा)
  • 2020-ए विजन फॉर न्यू मिलेनियम
  • एनविजनिंग ऐन इम्पेयर्ड नेशन
  • इग्नाइटेड माइंडस
  • माई जर्नी
  • डेवलपमेंट ऑफ फ्लूइड मकैनिक्स एंड स्पेस टेक्नेलॉजी
  • द ल्यूमिनस स्पार्क्स
  • द लाइफ ट्री
  • मिशन इंडिया
  • चिल्ड्रन आस्क कलाम
  • इंडॉमिटेबल स्पिरिट
  • गाइडिंग सोल्स
  • इन्स्पाइरिंग थॉट्स

डॉ. कलाम की बायोपिक की स्ट्रीमिंग

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती को फिल्म्स डिवीजन भी खास तौर पर मना रही है. फिल्म्स डिवीजन अपनी वेबसाइट और यूट्यूब चैनल पर डॉ. कलाम की बायोपिक की स्ट्रीमिंग कर रहा है. पंकज व्यास द्वारा निर्देशित पीपुल्स प्रेसिडेंट (52 मिनट/अंग्रेजी/2016), भारत रत्न डॉ. अब्दुल कलाम के जीवन और कार्यों को समर्पित है. वृत्तचित्र में उनके शानदार करियर में कई महत्वपूर्ण मील के पत्थर पर प्रकाश डाला गया है. इसमें भारतीय एयरोस्पेस विज्ञान कार्यक्रम की सफलता में डॉ. कलाम की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में भी बताया गया है.

पढ़ें- भारत की अग्नि-5 मिसाइल के टेस्ट से क्यों घबराया चीन, जानिए इसकी ताकत

हैदराबाद : इतिहास में 15 अक्टूबर का दिन भारत के मिसाइल और परमाणु हथियार कार्यक्रम को फौलादी और अभेद्य बनाने वाले पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम (APJ Abdul Kalam) के जन्मदिन के तौर पर दर्ज है. बेहद सहज और सरल व्यक्तित्व वाले मृदुभाषी कलाम की रहनुमाई में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने सबसे घातक और मारक हथियार प्रणालियों का देश में ही विकास किया. 15 अक्टूबर 1931 को जन्मे कलाम देश के युवाओं को देश की सच्ची पूंजी मानते थे और बच्चों को हमेशा बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित करते थे.

तमिलनाडु के छोटे से शहर रामेश्वरम में जन्में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के पिता के पास अपने परिवार का पालन करने के लिए सिर्फ एक नाव ही सहारा थी. डॉ. कलाम बचपन से ही मेहनती थे. पांच साल की उम्र में उन्होंने परिवार का पालन पोषण करने में अपने पिता का सहयोग करना शुरू कर दिया था. वह स्कूल जाने के साथ ही अखबार बेचकर पिता की मदद करते थे. मिसाइल मैन, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में अधिक जानने के लिए नीचे दिए गए वीडियो पर क्लिक करें -

जानिए डॉ. कलाम के जीवन के बारे में

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम से जुड़ी बातें

  • डॉ. कलाम भौतिकी और गणित से प्रभावित थे.
  • डॉ. कलाम ने 1954 में संत जोसेफ कॉलेज, त्रिचुरापल्ली से स्नातक की पढ़ाई पूरी की.
  • 1955 में उन्होंने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में दाखिला लिया.
    डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम
    भारत रत्न, पद्म भूषण से नवाजे गए
  • डॉ. कलाम भारतीय वायु सेना के फाइटर पायलट बनने का अवसर चूक गए. वह इस सूची में नौवें स्थान पर थे और केवल आठ दाखिले ही सम्भव थे. इसलिए पहले आठ शॉर्टलिस्ट उम्मीदवारों की ही भर्ती की गई थी.
  • 1960 में डॉ. कलाम DRDO के वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान के साथ जुड़ गए.
  • 1969 में डॉ. कलाम को सैटेलाइट लॉन्च वाहनों के लिए परियोजना निदेशक बनाया गया और उन्हें इसरो में स्थानांतरित कर दिया गया. कलाम के निर्देशन में यह परियोजना सफल हुई. वह रोहिणी सैटेलाइट श्रृंखला को पृथ्वी की कक्षा में लॉन्च करने में सक्षम थे.
  • डॉ. कलाम को बैलिस्टिक मिसाइलों और लॉन्च वाहन प्रौद्योगिकी पर उनके निरंतर सफल काम के कारण भारत के 'मिसाइल मैन' के रूप में जाना जाता है.

तमाम पुरस्कारों से नवाजे गए, फिल्म भी बनी

  • डॉ. कलाम ने भारत की परमाणु क्षमताओं और पोखरण -2 परमाणु परीक्षणों (1998 में) में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया.
  • डॉ. कलाम को देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, भारत रत्न (1997) सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है.
  • उनके अन्य पुरस्कारों में पद्म भूषण (1981) और पद्म विभूषण (1990) शामिल हैं.
  • दिलचस्प बात यह है कि उन्हें 40 विश्वविद्यालयों के डॉक्टरेट से भी सम्मानित किया गया था.
  • उनके जीवन से प्रेरित होकर आई एम कलाम शीर्षक से एक बॉलीवुड फिल्म भी बनाई गई थी.
  • डॉ. कलाम भारत और दुनिया भर में लाखों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं.
  • 25 जुलाई, 2002 को कलाम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत के राष्ट्रपति बन गए. अपने सरल स्वभाव के कारण उन्हें 'पीपल्स प्रेसिडेन्ट' के रूप में जाना जाता था.
  • राष्ट्रपति डॉ. कलाम के दिल में छात्रों और बच्चों के लिए एक नरम स्थान था. उन्होंने लाखों युवा बच्चों को प्रेरित किया. देश भर में उनके दौरों के दौरान वह युवा बच्चों के सवालों के जवाब देते और उनसे मिलते थे. उनका मानना ​​था कि बच्चे किसी भी राष्ट्र के भविष्य हैं.
  • न्यूयॉर्क में जेएफके हवाई अड्डे पर डॉ. कलाम की जांच किए जाने पर भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विरोध जताया था.
  • उनसे एक बार एक पत्रकार ने पूछा था कि उन्हें कैसे याद किया जाना चाहिए. एक वैज्ञानिक, एक राष्ट्रपति या एक शिक्षक के रूप में और उन्होंने मुस्कुराते हुए जवाब दिया मैं पहले एक शिक्षक के रूप में और फिर किसी अन्य व्यक्ति के रूप में याद किया जाना चाहता हूं.
  • डॉ. कलाम की स्विट्जरलैंड यात्रा को देश में विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है. उनके सम्मान में यह घोषणा स्विस सरकार द्वारा इस महान व्यक्तित्व के दुखद निधन के बाद की गई थी.
  • डॉ. कलाम ने तमिल में बहुत अच्छी कविताएं लिखीं और उन्हें संगीत वाद्ययंत्र, वीणा बजाने का बहुत शौक था.
  • राष्ट्रपति की अवधि के दौरान, डॉ. कलाम को प्रतिभा पाटिल के राष्ट्रपति के पद के बाद फिर से कार्यालय में शामिल होने का अनुरोध किया गया था. हालांकि, उन्होंने विनम्रता से इसके लिए मना कर दिया.
  • डॉ. कलाम भारत में पहले अविवाहित राष्ट्रपति और वैज्ञानिक थे.
  • डॉ. कलाम भारत के केवल तीन राष्ट्रपतियों में से हैं, जिन्हें राष्ट्रपति चुने जाने से पहले भारत रत्न से सम्मानित किया गया था.
  • डॉ. कलाम ने डॉ. विक्रम साराभाई को अपना गुरु माना. उन्होंने सलाह और समर्थन के लिए भारतीय मूल के इस महान वैज्ञानिक की ओर रुख किया.
  • डॉ. कलाम की पहली बड़ी परियोजना, एसएलवी -3, विफल रही और वह बिखर गया.
  • उन्हें 2003 और 2006 में दो बार एमटीवी यूथ आइकन अवार्ड से सम्मानित किया गया.
  • अपने अंतिम दिन वह आईआईएम, शिलांग में व्याख्यान दे रहे थे. वह सैकड़ों छात्रों को अपना भाषण देने के लिए मंच पर खड़े थे, जब उन्हें कार्डियक अरेस्ट का सामना करना पड़ा, जिससे वह फर्श पर गिर गये.
  • डॉ. कलाम ने सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार के रूप में भी काम किया.
  • उन्होंने अपना राष्ट्रपति वेतन दान में दे दिया. उन्होंने PURA (ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी सुविधाएं प्रदान करना) नामक एक ट्रस्ट का गठन किया और इस ट्रस्ट को अपना वेतन दान में दिया.
  • उन्होंने इवेंट्स के दौरान विशेष कुर्सियों पर बैठने से भी इनकार कर दिया, क्योंकि वह एक विनम्र व्यक्ति थे और हमेशा समानता को बढ़ावा देते थे.
  • डॉ. कलाम ने अपने करियर की शुरुआत एक अखबार बेचने वाले लड़के के रूप में की और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के राष्ट्रपति बने.
  • उन्होंने अपने जीवन के दौरान स्थानीय और वैश्विक स्तर पर लाखों लोगों को बदलने और प्रेरणा देने के दौरान कई चीजों का अनुसरण किया और उसे आगे बढ़ाने के बारे में सोचा.
  • डॉ. कलाम असफलताओं का पूरा दोष लेते हैं, लेकिन जब टीम ने डॉ. कलाम के नेतृत्व में कुछ भी हासिल किया तो उन्होंने अपनी टीम को इसका पूरा श्रेय दिया.
  • उन्होंने अपनी आत्मकथा, विंग्स ऑफ फायर भी प्रकाशित की, जिसमें अरुण तिवारी सह-लेखक थे. यह उनके बचपन, उनके व्यक्तिगत जीवन और उनके करियर का विस्तृत विवरण देता है. इसका फ्रेंच और चीनी सहित 13 भाषाओं में अनुवाद किया गया है.
  • वह एक उत्साही पाठक और लेखक थे. उन्होंने परमाणु भौतिकी और आध्यात्मिक अनुभवों सहित विभिन्न विषयों पर लगभग 15 पुस्तकों का लेखन किया है.

15 किताबें लिखीं:

  • विंग्स ऑफ फायर (उनकी आत्मकथा)
  • 2020-ए विजन फॉर न्यू मिलेनियम
  • एनविजनिंग ऐन इम्पेयर्ड नेशन
  • इग्नाइटेड माइंडस
  • माई जर्नी
  • डेवलपमेंट ऑफ फ्लूइड मकैनिक्स एंड स्पेस टेक्नेलॉजी
  • द ल्यूमिनस स्पार्क्स
  • द लाइफ ट्री
  • मिशन इंडिया
  • चिल्ड्रन आस्क कलाम
  • इंडॉमिटेबल स्पिरिट
  • गाइडिंग सोल्स
  • इन्स्पाइरिंग थॉट्स

डॉ. कलाम की बायोपिक की स्ट्रीमिंग

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती को फिल्म्स डिवीजन भी खास तौर पर मना रही है. फिल्म्स डिवीजन अपनी वेबसाइट और यूट्यूब चैनल पर डॉ. कलाम की बायोपिक की स्ट्रीमिंग कर रहा है. पंकज व्यास द्वारा निर्देशित पीपुल्स प्रेसिडेंट (52 मिनट/अंग्रेजी/2016), भारत रत्न डॉ. अब्दुल कलाम के जीवन और कार्यों को समर्पित है. वृत्तचित्र में उनके शानदार करियर में कई महत्वपूर्ण मील के पत्थर पर प्रकाश डाला गया है. इसमें भारतीय एयरोस्पेस विज्ञान कार्यक्रम की सफलता में डॉ. कलाम की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में भी बताया गया है.

पढ़ें- भारत की अग्नि-5 मिसाइल के टेस्ट से क्यों घबराया चीन, जानिए इसकी ताकत

Last Updated : Oct 15, 2021, 8:08 AM IST
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