नई दिल्ली : दुनिया कोरोना के घातक वेरिएंट ओमीक्रोन से जूझ रही है. इस बीच वैज्ञानिकों ने दक्षिणी फ्रांस में कोविड-19 नए वेरिएंट की पहचान की है. बी.1.640.2 संस्करण को आईएचयू (IHU) नाम दिया गया है.
इसे 'आईएचयू मेडिटेरेनी इंफेक्शन' के शोधकर्ताओं ने 12 लोगों में पाया है. जिन लोगों में ये मामले सामने आए हैं उनकी ट्रैवल हिस्ट्री अफ्रीकी देश कैमरून की है. शोधकर्ताओं का कहना है कि IHU में 46 म्यूटेशन हैं.
शोधकर्ताओं के अनुसार पहला मामला पिछले साल नवंबर के मध्य में एकत्र किए गए नासोफेरींजल नमूने (nasopharyngeal sample) की RTPCR रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद सामने आया. एक वयस्क में इसके लक्षण पाए गए. वह कैमरून से लौटा था. उसका सैंपल लिया गया जिसमें वेरिएंट डेल्टा और ओमीक्रोन से अलग पाया गया.
'संक्रमण कितना घातक ये कहना अभी जल्दबाजी'
हालांकि, शोधकर्ताओं का कहना है कि जहां तक संक्रमण और टीकों से सुरक्षा का संबंध है, तो इस बारे में अभी अनुमान लगाना जल्दबाजी होगी. हेल्थ साइंस से जुड़ी इंटरनेट साइट मेडआर्काइव पर 29 दिसंबर को पोस्ट किए गए अध्ययन से पता चला है कि आईएचयू में 46 म्यूटेशन और 37 विलोपन हैं, जिसके परिणामस्वरूप 30 अमीनो एसिड प्रतिस्थापन और 12 विलोपन होते हैं. अमीनो एसिड ऐसे अणु होते हैं, जो प्रोटीन बनाने के लिए गठबंधन करते हैं और दोनों जीवन के निर्माण खंड हैं.
वर्तमान में उपयोग किए जाने वाले अधिकांश टीके सार्स-कोव-2 के स्पाइक प्रोटीन पर लक्षित होते हैं. ये वायरस कोशिकाओं में प्रवेश करने और संक्रमण के लिए इन्ही प्रोटीन को निशाना बनाते हैं.
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एन501वाई और ई484के म्यूटेशन पहले बीटा, गामा, थीटा और ओमीक्रोन स्वरूप में भी पाए गए थे. अध्ययन के लेखकों ने कहा है, 'यहां प्राप्त जीनोम के उत्परिवर्तन सेट और फाइलोजेनेटिक स्थिति हमारी पिछली परिभाषा के आधार पर आईएचयू नामक एक नए संस्करण की ओर इंगित करती है.' बी.1.640.2 को अब तक अन्य देशों में पहचाना नहीं गया है या विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जांच के तहत किसी प्रकार का लेबल नहीं लगाया गया है. एपिडेमियोलॉजिस्ट एरिक फीगल-डिंग ने एक लंबा ट्विटर थ्रेड पोस्ट किया जिसमें उन्होंने कहा कि नए स्वरूप सामने आते रहते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे अधिक खतरनाक होंगे. फीगल-डिंग ने मंगलवार को ट्वीट किया, 'जो चीज किसी वेरिएंट को अधिक खतरनाक बनाती है, वह है मूल वायरस की तुलना में वह कितना गुना उत्परिवर्तन होती है.'
100 से ज्यादा देशों में फैल चुका ओमीक्रोन
हालांकि शोधकर्ताओं का कहना है कि यह देखा जाना बाकी है कि यह नया संस्करण किस श्रेणी में आएगा. कई देश वर्तमान में ओमीक्रोन संस्करण के बढ़ते मामलों से जूझ रहे हैं, जिसे पहली बार दक्षिण अफ्रीका और बोत्सवाना में पिछले साल नवंबर में पहचाना गया था. तब से ये करीब 100 से अधिक देशों में फैल चुका है. भारत में अब तक 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ओमाक्रोन के कुल 1,892 मामले सामने आ चुके हैं.
इजरायल में सामने आया था' फ्लोरोना'
गौरतलब है कि चंद दिन पहले ही इजरायल में 'फ्लोरोना' बीमारी का पहला मामला (israel detects first case of florona disease) सामने आया था, जो कोविड-19 और इन्फ्लूएंजा का दोहरा संक्रमण (double infection of covid-19 and influenza) है. एक गर्भवती महिला में दोहरे संक्रमण का मामला दर्ज किया गया था. विशेषज्ञों का मानना है कि जांच करने पर फ्लोरोना के और भी मामले सामने आ सकते हैं.
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(भाषा इनपुट के साथ)