नई दिल्ली: पेट्रोल, डीजल और गैस के दामों मे बढ़ोतरी पर कांग्रेस ने पीएम मोदी और उनकी सरकार पर हमला बोला है. साथ ही आरोप लगाया है कि मोदी सरकार ने 2014-22 तक जनता से 26 लाख करोड़ रूपए वसूले है. इस तरह से जनता त्रस्त है परंतु सरकार यह कहकर पल्ला झाड़ रही है कि तेल और गैस के दामों पर सरकार का नियंत्रण नहीं है. बता दें की पेट्रोल और डीजल की कीमतों में आज अचानक वृद्धि कर दी गयी है. तेल की कीमतों में 80 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी देखने को मिला है. वहीं गैस के दामों में 50 रूपए प्रति सिलेंडर बढ़ाया है.
देश भर में डीज़ल, पैट्रोल और एलपीजी की बढ़ती कीमतों पर कांग्रेस पार्टी ने एक बार फिर मोदी सरकार को घेरा है. कांग्रेस के सांसदों ने लोक सभा और राज्य सभा में आज न केवल इस मुद्दे को उठाया बल्कि मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि अनुमान के मुताबिक ही मोदी सरकार चुनाव के नतीजों के बाद तेल और गैस की कीमतें बढ़ाने का काम कर रही है. राज्य सभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मोदी सरकार ने एक बार फिर गरीबों के खिलाफ जो उनकी नीति है वो जाहिर की है. पैट्रोल और डीज़ल के दाम 80 पैसा बढ़ा कर आज कम से कम जनता से वो 10 हजार करोड़ रुपये लेकर अपनी जेब में डाल रहे हैं. इसके साथ बढ़ी हुई एक्साइज ड्यूटी के आँकड़े भी सामने रखते हुए कांग्रेस पार्टी ने मोदी सरकार को घेरा है.
साथ ही यह भी कहा कि सरकार ऐसा बताने की कोशिश कर रही है कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के कारण क्रुड ऑयल के दाम बढ़ रहे हैं इसीलिए तेल कंपनियों ने भी दाम बढ़ाया हैं लेकिन कांग्रेस नेता खड़गे ने आँकड़े रखते हुए बताया कि जब पेट्रोलियम मंत्री से कल सदन में इस बाबत सवाल पूछा गया था तो उसके जवाब में सामने आया कि रूस से क्रूड आयल की खरीद बीते तीन महीनों में केवल 0.6%, 0.3 और 0.2 प्रतिशत ही रही है. इससे यह साबित होता है कि देश की कुल जरूरत का एक प्रतिशत भी भारत रूस से नहीं खरीदता है. इसके बावजूद तेल की कीमतों में बढ़ोतरी जनता के साथ अन्याय है जिसके खिलाफ कांग्रेस लड़ेगी.
पढ़ें-LPG Price: एलपीजी सिलेंडर 50 रुपये हुआ महंगा, जाने नई दरें
इसके साथ ही कांग्रस पार्टी ने यूपीए सरकार के कार्यकाल की तुलना एनडीए सरकार से करते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय बजार में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के बावजूद उनकी सरकार ने तेल की कीमतों पर नियंत्रण में रखा था. आज 22 मार्च 2022 को कच्चे तेल की कीमत 108.2 अमरिकी डॉलर प्रति बैरल है. 26 मई 2014 को जब मोदी सरकार सत्ता में आयी थी तब भी कच्चे तेल की कीमत 108 डॉलर प्रति बैरल ही थी लेकिन 2014 की तुलना में आज डीज़ल और पैट्रोल बहुत महँगे हो चुके हैं. कांग्रेस के द्वारा जारी आँकड़ों के मुताबिक वर्ष 2014-15 से 2021-22 के बीच आठ वर्षों में मोदी सरकार ने तेल की कीमतें बढ़ा कर जनता से 26 लाख करोड़ रुपये वसूले हैं.
पढ़ें-Petrol Diesel Price: पेट्रोल डीजल की कीमतों में इजाफा, जानें कितने रुपये बढ़े दाम