नई दिल्ली : भारतीय सार्स-कोव-2 जीनोमिक कंसोर्टिया 'इनसैकोग' (SARS-COV-2 Genomics Consortia INSACOG) ने बुधवार को कहा है कि इस बात के आंकड़े हैं कि कोरोना के ओमीक्रोन वेरिएंट के पास उच्च प्रतिरक्षा से बचने की क्षमता है. इस संबंध में INSACOG ने अपने नवीनतम साप्ताहिक बुलेटिन में कहा है कि स्पष्ट प्रयोगात्मक और नैदानिक के आंकड़े ओमीक्रोन की उच्च प्रतिरक्षा से बचने की क्षमता की पुष्टि करते हैं. हालांकि INSACOG ने वैश्विक डेटा का हवाला देते हुए बताया है कि बीमारी की गंभीरता का प्रारंभिक अनुमान,पिछले प्रकोपों की तुलना में कम है.
INSACOG ने कहा कि देश में ओमीक्रोन को फैलने से रोकने के लिए निगरानी के उचित सार्वजनिक उपाय और जांच की जा रही है. वर्तमान समय में देखा जा रहा है कि विश्व स्तर पर ओमीक्रोन वेरिएंट के आगे कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए कोविड रोधी वैक्सीन या पूर्व संक्रमण से मिली प्रतिरक्षा क्षमता में काफी कमी आई है. हालांकि अभी ऐसा नहीं है कि डेल्टा वेरिएंट का खतरा टल गया है. क्योंकि अभी भी डेल्टा कई क्षेत्रों में मौजूद है और दुनिया में यह सबसे प्रचलित वेरिएंट बना हुआ है.
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हालांकि दक्षिणी अफ्रीका में मिले ओमिक्रोन ने डेल्टा (Delta) वेरिएंट को पूरी तरह से विस्थापित कर दिया है. यही नहीं यूके और अन्य जगहों पर ओमिक्रोन प्रमुख वेरिएंट बनने की राह पर है. वैश्विक आंकड़ों का हवाला देते हुए जीनोमिक कंसोर्टियम ने कहा कि अब स्पष्ट प्रयोगात्मक और नैदानिक आंकड़े हैं जो ओमीक्रोन के बहुत उच्च प्रतिरक्षा से बचने की क्षमता दर्शाते हैं. हालांकि ओमीक्रोन से हुई बीमारी की गंभीरता पिछले प्रकोपों की तुलना में कम है.
INSACOG ने कहा कि भारत में ओमीक्रोन की निगरानी के लिए उचित सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय और जांच की जा रही है. वहीं अब तक, 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से भारत में 781 ओमीक्रोन मामले पाए गए हैं.