कोलकाता : पूर्व भाजपा नेता बाबुल सुप्रियो टीएमसी में शामिल हो गए हैं. बाबुल पश्चिम बंगाल में आसनसोल से बीजेपी सांसद थे.
उन्होंने हाल में राजनीति छोड़ने की घोषणा की थी. उन्होंने इसकी जानकारी सोशल मीडिया फेसबुक के जरिये दी. बाबुल सुप्रियो ने राजनीति से संन्यास लेते हुए कहा कि बिना राजनीति में आए भी सामाजिक कार्य किया जा सकता है. अपने फेसबुक पोस्ट में उन्होंने लिखा कि वह किसी भी पार्टी में नहीं जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि टीएमसी, कांग्रेस या सीपीएम किसी भी दल ने उन्हें नहीं बुलाया है.
बीजपी सांसद बाबुल सुप्रियो ने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा, 'अलविदा! मैं किसी भी राजनीतिक दल में नहीं जा रहा हूं. टीएमसी, कांग्रेस, सीपीआई(एम) किसी ने भी मुझे नहीं बुलाया. मैं कहीं नहीं जा रहा हूं. सामाजिक कार्य करने के लिए राजनीति में होने की आवश्यकता नहीं है.'
बाबुल सुप्रियो के टीएमसी में शामिल होने के बाद पार्टी ने एक ट्वीट में कहा कि आज राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी और राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन की मौजूदगी में पूर्व केंद्रीय मंत्री व मौजूदा सांसद बाबुल सुप्रियो तृणमूल परिवार में शामिल हो गए.
कोलकाता में संवाददाता सम्मेलन में बाबुल सुप्रियो ने कहा, तृणमूल कांग्रेस से जुड़ने को लेकर बहुत उत्साहित हूं, पश्चिम बंगाल के विकास के लिए काम करूंगा. TMC में शामिल होने के बाद बाबुल सुप्रियो ने कहा, मुझे काम करना है, काम करने का मौका मुझे यहां मिला. दीदी(ममता बनर्जी) और अभिषेक ने मुझे ये मौका दिया है, इतना अच्छा मौका मुझे मिला है, पूरे दिल से मैंने राजनीति छोड़ी थी और पूरे दिल से ही मैं इस मौके को स्वीकार कर रहा हूं.
यह पूछे जाने पर कि क्या वह आसनसोल सीट से भाजपा सांसद के तौर पर इस्तीफा देंगे, सुप्रियो ने कहा कि वह नियमों का पालन करेंगे.
उन्होंने कहा, जब मैंने दो महीने पहले कहा था कि मैं राजनीति छोड़ना चाहता हूं तो मैं इसे लेकर गंभीर था. यह नया अवसर मिलने के बाद, हालांकि मैंने अपना विचार बदलने का फैसला किया. मैं टीएमसी में शामिल होने को लेकर बहुत उत्साहित हूं. मैं बंगाल के विकास के लिए काम करूंगा.
उन्होंने कहा, मैं राज्य के लिये काम करने का अवसर देने के लिये अभिषेक बनर्जी (टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव) और ममता बनर्जी का शुक्रगुजार हूं.
उन्होंने कहा, निश्चित तौर पर यहां (TMC) पर ज्वाइन किया तो आसनसोल की सीट पकड़कर रखने कोई मतलब ही नहीं है. आसनसोल की वजह से मैं राजनीति में आया हूं, उनके भरोसे की वजह से आया हूं. आसनसोल के लिए जितना स्पेशल कर सकता हूं, उतना करूंगा.
पिछले महीने सुप्रियो ने घोषणा की थी कि वह राजनीति छोड़ रहे हैं, लेकिन बाद में उन्हें लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं देने के लिए मना लिया गया था. सुप्रियो ने जोर देकर कहा था कि वह अब सक्रिय राजनीति का हिस्सा नहीं रहेंगे.
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बता दें, बाबुल सुप्रियो राजनेता से पहले हिंदी फिल्म सिनेमा के एक मशहूर गायक हैं और उससे भी पहले वह पश्चिम बंगाल में एक बैंक में नौकरी किया करते थे. बाबुल का जन्म 15 दिसंबर 1970 को पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के उत्तरपाड़ा में हुआ था. बाबुल एक ऐसे परिवार से ताल्लुकात रखते हैं, जहां संगीत ही उनकी असल दुनिया है.
सुर के साथ राजनीति में एंट्री
बाबुल सुप्रियो के राजनीति में आने का कारण यह था कि वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कट्टर प्रशंसक रहे. बाबुल ने साल 2014 के आम चुनाव में बतौर बीजेपी उम्मीदवार राजनीति में एंट्री की थी. आम चुनाव 2014 में वह पश्चिम बंगाल की आसनसोल सीट से चुनाव लड़े और जीते.
शुरुआती तौर पर उन्हें शहरी विकास राज्य मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई. उन्होंने 12 जुलाई तक इस पद काम किया. वहीं, आम चुनाव 2019 में बाबुल ने भी जीत दर्ज की थी, लेकिन हाल ही में मोदी कैबिनेट से हुई उनकी छुट्टी ने उन्हें बड़ा झटका दिया.