नई दिल्ली : उच्च तकनीकी विकास के बावजूद दुनिया एक ऐसे वायरस से जूझ रही है जिसने पूरे विश्व में आर्थिक संकट जैसे हालात पैदा कर दिए हैं. एक प्रचलित कहावत है 'स्वास्थ्य ही धन है'. कोरोना वायरस ने ये बात हमें बहुत अच्छी तरह से समझा दी है.
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के योग प्रमाणन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) डॉ ईश्वर वी बसवरड्डी ने बताया कि कोविड के कारण होने वाली स्वास्थ्य जटिलताओं से निपटने के लिए योगासन का उपयोग किया जाना चाहिए. कुछ योगासन अपनाने से कोविड मरीजों को स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं को काबू करने में मदद मिलेगी.
सांस लेने में मददगार यह अभ्यास
डॉ. ईश्वर वी बसवारड्डी ने बताया कि तीन प्रकार के कोविड मरीज हैं. गंभीर रूप से बीमार मरीजों के लिए नेति, धौति और कपालभारती का उपयोग किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि कुछ अन्य जैसे हास्त्रिक प्राणायाम, जय प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम और ध्यान इस तरह के योग सांस लेने की क्षमता को बेहतर बनाने में मदद करते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे सभी आसनों को उचित मार्गदर्शन में किया जाना चाहिए.
बसवारड्डी ने बताया कि वेंटिलेटर पर रोगियों के लिए विश्राम या प्राणायाम जैसे योग हैं जिन्हें सावधानी से सिखाया जाना चाहिए, क्योंकि यह ऐसे गंभीर रोगियों के लिए मुश्किल है. इसलिए हम आमतौर पर इसे करने की सलाह नहीं देते हैं.
इन आसन से होगा फेफड़ों में सुधार
आयुष मंत्रालय के डॉक्टर ने बताया कि जब कोविड-19 के मरीज ठीक हो जाते हैं तो हमारे पास उनके लिए कुछ आसन जैसे प्राणायाम, योग निद्रा का पैकेज है. आयुष दिशानिर्देशों में हमने ऐसे लोगों के लिए 40 मिनट के योग आसन का पैकेज दिया है. जिसमें ताडासन, त्रिकोणासन, भूषणासन, शशकासन, वक्रासन, भुजंगासन, शलपासन, सेतुबंधासन जैसे आसन हैं. यह आसन फेफड़ों की क्षमता में सुधार करने में मदद करते हैं. इन्हें कपालभारती प्राणायाम, नरशोदान प्राणायाम के साथ मिलाकर बनाया गया है. निश्चित रूप से इनके उपयोग से ठीक होने की संभावनाएं बढ़ जाएगी.
अकेलापन दूर करने में कारगर योग
डॉ. ईश्वर वी बसवाराड्डी ने कहा कि ऐसी महामारी में एक आदर्श व्यक्ति को एकांत में होना चाहिए, लेकिन अकेला नहीं. लोग योग के अभ्यास से इस अकेलेपन को दूर कर सकते हैं क्योंकि यह हमे अपने भीतर एकजुट होना और हमारी समस्याओं को ठीक करना सिखाता है. यह हमें समस्याओं को दूर करना और इच्छाशक्ति को विकसित करने में मदद करता है. योग अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थितियों और मानसिक आघात के इलाज का एक प्रभावी तरीका हो सकता है.
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आपको बता दें पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को दुनिया भर में मनाया गया था. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 27 सितंबर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में पहले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का विचार प्रस्तावित किया गया था.