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न्यायालय हैदराबाद मुठभेड़ की जांच के लिये पूर्व न्यायाधीश नियुक्त करने पर करेगा विचार

हैदराबाद मुठभेड़ मामले पर उच्चमतम न्यायालय ने कहा कि इस घटना के लिए की जांच के लिए शीर्ष अदालत पूर्व न्यायाधीश को नियुक्त करने पर विचार कर रहा है.

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सुप्रीम कोर्ट
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Published : Dec 11, 2019, 11:56 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि वह तेलंगाना में पशु चिकित्सक से सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले के चारों आरोपियों के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने की घटना की जांच के लिये शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश को नियुक्त करने पर विचार कर रहा है.

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने कहा, 'हम इस तथ्य के प्रति सचेत हैं कि तेलंगाना उच्च न्यायालय ने इस घटना का संज्ञान लिया है.'

पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत सिर्फ यही चाहती है कि उच्चतम न्यायालय के दिल्ली में रहने वाले किसी पूर्व न्यायाधीश को इस मामले की जांच करनी चाहिए.

पीठ ने कहा, 'हमारा प्रस्ताव शीर्ष अदालत के किसी पूर्व न्यायाधीश को इस मामले की जांच के लिये नियुक्त करने का है.'

पीठ ने स्पष्ट किया कि इस घटना की जांच करने वाले पूर्व न्यायाधीश को दिल्ली में रहकर काम करना होगा.

पीठ ने कहा कि उसने शीर्ष अदालत के एक पूर्व न्यायाधीश से इस घटना की जांच करने का अनुरोध किया था लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया.

न्यायालय ने इस मुठभेड़ की विशेष जांच दल से स्वतंत्र जांच कराने के लिये दायर जनहित याचिकाओं को गुरुवार के लिये सूचीबद्ध करते हुये संबंधित पक्षकारों के वकीलों से कहा कि वे नियुक्ति के लिये पूर्व न्यायाधीशों के नामों के बारे में सुझाव दें.

तेलंगाना सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और अधिवक्ता कृष्ण कुमार सिंह ने कहा कि उन्होंने मुठभेड़ के मामले में शीर्ष अदालत द्वारा प्रतिपादित निर्देशों का पालन किया है और सारे मामले को पहले ही राज्य सीआईडी के सुपुर्द कर दिया है.

संबंधित पुलिस अधिकारियों के खिलाफ स्वतंत्र जांच कराने के लिये शीर्ष अदालत में दो याचिकायें दायर की गयी हैं. पहली याचिका अधिवक्ता जी एस मणि और प्रदीप कुमार यादव ने दायर की है जबकि दूसरी याचिका अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा ने दायर की है.

मणि और यादव की जनहित याचिका में दावा किया गया है कथित मुठभेड़ फर्जी है और इस घटना में शामिल पुलिस अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दायर की जानी चाहिए.

तेलंगाना पुलिस ने शुक्रवार को कहा था कि ये आरोपी पुलिस के साथ हुई फायरिंग में मारे गये.

यह घटना सवेरे करीब साढ़े छह बजे हुयी जब जांच की प्रक्रिया के दौरान उन्हें वारदात की पुनर्रचना के लिये घटनास्थल पर ले जाया गया था. इन चारों आरोपियों को हैदराबाद के निकट राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर गोली मारी गयी थी, जहां 27 वर्षीय महिला पशु चिकित्सक का जला हुआ शव मिला था.

पढ़ें-हैदराबाद एनकाउंटर के सम्मान में सुदर्शन पटनायक ने उकेरी आकृति, देखें वीडियो

मणि और यादव ने अपनी याचिका में कहा है कि कोई भी निर्दोष महिला से सामूहिक बलात्कार और उसकी हत्या के मामले में संलिप्त आरोपियों का समर्थन नहीं करेगा लेकिन जांच एजेन्सी और पुलिस आयुक्त जैसे उच्चस्तरीय अधिकारियों द्वारा इन आरोपियों को अदालत से सजा मिले बगैर ही कानून अपने हाथ में लेकर मुठभेड़ में मारा जाना दुर्भाग्यपूर्ण है.

अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा ने अपनी याचिका में उच्चतम न्यायालय की निगरानी में विशेष जांच दल से इस मुठभेड़ की जांच कराने का अनुरोध किया है.

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि वह तेलंगाना में पशु चिकित्सक से सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले के चारों आरोपियों के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने की घटना की जांच के लिये शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश को नियुक्त करने पर विचार कर रहा है.

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने कहा, 'हम इस तथ्य के प्रति सचेत हैं कि तेलंगाना उच्च न्यायालय ने इस घटना का संज्ञान लिया है.'

पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत सिर्फ यही चाहती है कि उच्चतम न्यायालय के दिल्ली में रहने वाले किसी पूर्व न्यायाधीश को इस मामले की जांच करनी चाहिए.

पीठ ने कहा, 'हमारा प्रस्ताव शीर्ष अदालत के किसी पूर्व न्यायाधीश को इस मामले की जांच के लिये नियुक्त करने का है.'

पीठ ने स्पष्ट किया कि इस घटना की जांच करने वाले पूर्व न्यायाधीश को दिल्ली में रहकर काम करना होगा.

पीठ ने कहा कि उसने शीर्ष अदालत के एक पूर्व न्यायाधीश से इस घटना की जांच करने का अनुरोध किया था लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया.

न्यायालय ने इस मुठभेड़ की विशेष जांच दल से स्वतंत्र जांच कराने के लिये दायर जनहित याचिकाओं को गुरुवार के लिये सूचीबद्ध करते हुये संबंधित पक्षकारों के वकीलों से कहा कि वे नियुक्ति के लिये पूर्व न्यायाधीशों के नामों के बारे में सुझाव दें.

तेलंगाना सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और अधिवक्ता कृष्ण कुमार सिंह ने कहा कि उन्होंने मुठभेड़ के मामले में शीर्ष अदालत द्वारा प्रतिपादित निर्देशों का पालन किया है और सारे मामले को पहले ही राज्य सीआईडी के सुपुर्द कर दिया है.

संबंधित पुलिस अधिकारियों के खिलाफ स्वतंत्र जांच कराने के लिये शीर्ष अदालत में दो याचिकायें दायर की गयी हैं. पहली याचिका अधिवक्ता जी एस मणि और प्रदीप कुमार यादव ने दायर की है जबकि दूसरी याचिका अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा ने दायर की है.

मणि और यादव की जनहित याचिका में दावा किया गया है कथित मुठभेड़ फर्जी है और इस घटना में शामिल पुलिस अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दायर की जानी चाहिए.

तेलंगाना पुलिस ने शुक्रवार को कहा था कि ये आरोपी पुलिस के साथ हुई फायरिंग में मारे गये.

यह घटना सवेरे करीब साढ़े छह बजे हुयी जब जांच की प्रक्रिया के दौरान उन्हें वारदात की पुनर्रचना के लिये घटनास्थल पर ले जाया गया था. इन चारों आरोपियों को हैदराबाद के निकट राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर गोली मारी गयी थी, जहां 27 वर्षीय महिला पशु चिकित्सक का जला हुआ शव मिला था.

पढ़ें-हैदराबाद एनकाउंटर के सम्मान में सुदर्शन पटनायक ने उकेरी आकृति, देखें वीडियो

मणि और यादव ने अपनी याचिका में कहा है कि कोई भी निर्दोष महिला से सामूहिक बलात्कार और उसकी हत्या के मामले में संलिप्त आरोपियों का समर्थन नहीं करेगा लेकिन जांच एजेन्सी और पुलिस आयुक्त जैसे उच्चस्तरीय अधिकारियों द्वारा इन आरोपियों को अदालत से सजा मिले बगैर ही कानून अपने हाथ में लेकर मुठभेड़ में मारा जाना दुर्भाग्यपूर्ण है.

अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा ने अपनी याचिका में उच्चतम न्यायालय की निगरानी में विशेष जांच दल से इस मुठभेड़ की जांच कराने का अनुरोध किया है.

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    SC to consider appointing its ex-judge to inquire into encounter of rape-murder accused in Hyderabad

        



The Supreme Court on Wednesday said it is considering appointing a former judge of the apex court for inquiry into the encounter killings of the four accused in the gang rape-and-murder case of a veterinarian in Telangana.

     "We are conscious of the fact that the Telangana High Court had taken note of it," a bench headed by Chief Justice of India (CJI) S A Bobde said, adding that the top court only wants that a Delhi-based former apex court judge should hold inquiry into the case.

     "We propose to appoint a former Supreme Court judge to inquire into it," said the bench, also comprising Justices S A Nazeer and Sanjeev Khanna.

     The judge, who would inquire into the incident, would sit in Delhi, it said.

     The bench said it requested a former apex court judge to inquire into the incident, but he declined it.

     The bench, which has now posted the two PILs seeking an independent SIT probe into the encounter for hearing on Thursday, has asked the counsel for parties to suggest the names of former judges for appointment to inquire into the incident.

     Senior advocate Mukul Rohatgi and advocate Krishna Kumar Singh, appearing for the Telangana government, said it had followed the directions laid down by the apex court for an inquiry into encounters and had already referred the case to the state CID.

     Two petitions have been filed in the Supreme Court, one by lawyers G S Mani and Pradeep Kumar Yadav, and the other by advocate M L Sharma, seeking independent investigation against the police officials concerned.

     The PIL, filed by Mani and Yadav, claimed that the alleged encounter was "fake" and an FIR should be lodged against the police officials who were involved in the incident.

 


Conclusion:
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