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PM मोदी की अध्यक्षता वाली नीति आयोग की बैठक में 'न्यू इंडिया' का खाका तैयार - fifth meeting of Policy Commission

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीति आयोग की पांचवीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' के मंत्र को पूरा करने में निती आयोग ने अहम भूमिका होने की बात कही. और क्या कुछ बोले PM, पढ़ें पूरी खबर...

बैठक के दाैरान पीएम मोदी व अन्य सदस्य
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Published : Jun 15, 2019, 9:22 AM IST

Updated : Jun 15, 2019, 9:16 PM IST

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज नीति आयोग की संचालन परिषद की पांचवीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं. इस बैठक में सूखे की स्थिति, कृषि क्षेत्र के संकट, वर्षा जल संचयन और खरीफ फसल के लिए तैयारियों के मुद्दे पर विचार विमर्श किया जा सकता है.

NITI Aayog council meet etv bharat
PM मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक

प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन के मुख्य बिंदु:

  • हर भारतीय को अधिकार सम्पन्न बनाने और लोगों की जिंदगी अधिक सुगम बनाने के कार्य पर भी जोर दिया जाएगा.
  • देश में गरीबी, बेरोजगारी, सूखा, बाढ़, प्रदूषण भ्रष्टाचार और हिंसा आदि के खिलाफ सामूहिक लड़ाई का आह्वान किया.
  • 17वीं लोकसभा के चुनावों को दुनिया में लोकतंत्र का सबसे बड़ी कवायद बताया और कहा कि अब समय है कि सब मिल कर भारत के विकास में लग जाएं.
  • मोदी ने नीति आयोग की संचालन परिषद के सभी सदस्यों से सरकार का कारगर और लोगों के भरोसे वाला ढ़ाचा तैयार करने में मदद का आह्वान किया.
  • देश को 2024 तक पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना चुनौतीपूर्ण बताया.
  • राज्यों के स्तर पर निर्यात पर जोर से आय और रोजगार को गति मिलेगी.
  • मोदी ने कहा कि यहां बैठे सभी लोगों का 2022 तक नया भारत बनाने का एक साझा लक्ष्य है.
  • स्वच्छ भारत अभियान और प्रधानमंत्री आवास योजना का उदाहरण देते हुए कहा कि केंद्र और राज्य मिलकर क्या नहीं कर सकते हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि सशक्तिकरण और जीवन सुगमता हर भारतीय को उपलब्ध कराना है.
  • उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की 150वीं वर्षगांठ के लिए जो लक्ष्य रखे गए हैं, उसे हर हाल में हासिल किया जाना चाहिए और आजादी की 75वीं वर्षंगांठ को लेकर जो लक्ष्य रखे गए हैं, उसे हासिल करने की दिशा में काम करना चाहिए.
  • जल संरक्षण के अपर्याप्त प्रयासों का असर सबसे ज्यादा गरीबों पर पड़ता है. जल संरक्षण और जल स्तर बढ़ाने पर ध्यान देना है. मोदी ने जल संरक्षण और प्रबंधन के क्षेत्र में कई राज्यों के प्रयासों की सराहना की.
  • प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत जिला सिंचाई योजनाओं को सावधानीपूर्वक क्रियान्वित किया जाना चाहिए.
  • सूखे की स्थिति से निपटने के लिए प्रभावी कदम उठाने का आह्वान किया करते हिए प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रति बूंद, अधिक फसल की भावना को बढ़ाने की जरूरत है.
  • कृषि क्षेत्र में संरचनात्मक सुधारों की जरूरत पर बल देते हुए मोदी ने कंपनियों के निवेश, लाजिस्टिक को मजबूत बनाने और पर्याप्त बाजार समर्थन उपलब्ध कराने की जरूरत है की भी बात कही.
  • खाद्य उत्पादन के मुकबले खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में तेजी से विकास होना चाहिए.
  • कई पिछड़े जिले नक्सल हिंसा से प्रभावित हैं. उन्होंने कहा कि नक्सली हिंसा के खिलाफ लड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर है. विकास में तेजी लाते हुए हिंसा से कड़ाई से निपटा जाएगा.
  • स्वास्थ्य क्षेत्र के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि 2022 तक कई लक्ष्यों को हासिल करने को ध्यान में रखना है. उन्होंने 2025 तक टीबी को समाप्त करने के लक्ष्य का जिक्र किया.
  • मोदी ने उन राज्यों से आयुष्मान भारत के तहत पीएमजेएवाई से यथाशीघ्र जुड़ने का आह्वान किया, जो अब तक इसमें शामिल नहीं हुए है.
  • हम कार्य-प्रदर्शन, पारदर्शिता और प्रतिपादन की विशेषता वाली शासन व्यवस्था की ओर बढ़ रहे हैं. योजनाओं का समुचित तरीके से क्रियान्वयन और निर्णय महत्वपूर्ण है.
  • पीएम-किसान सम्मान निधी और अन्य किसान केंद्रित योजनाओं का लाभ समय के भीतर लाभार्थियों तक पहुंचाया जाएगा.
  • केंद्र सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध है. इसके लिए मत्स्य पालन, पशुपालन, बागवानी, फल व सब्जियों की खेती पर ध्यान देने की आवश्यकता है.
  • आय और रोजगार बढ़ाने के लिए निर्यात क्षेत्र काफी महत्वपूर्ण है. इसके लिए राज्यों को निर्यात प्रोत्साहन पर ध्यान देना चाहिए. नव निर्मित जल शक्ति मंत्रालय पानी के लिए एकीकृत दृष्टिकोण प्रदान करने में मदद करेगा.
  • प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' के मंत्र को पूरा करने में निती आयोग ने अहम भूमिका निभाई है.
    NITI Aayog council meet etv bharat
    नीति आयोग ने निभाई अहम भूमिका
  • 2024 तक भारत का पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य है. ये काफी चुनौतीपूर्ण है लेकिन हम इसे हासिल कर सकते हैं.
    NITI Aayog council meet etv bharat
    बैठक के दाैरान पीएम मोदी व अन्य सदस्य

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, बैठक के पांच सूत्री एजेंडा में आकांक्षी जिला कार्यक्रम, कृषि में बदलाव और सुरक्षा संबंधी मुद्दे भी शामिल हैं. बैठक में विशेषरूप से नक्सल प्रभावित जिलों पर विचार विमर्श किया जा सकता है.

बता दें, राष्ट्रपति भवन में होने वाली इस बैठक में राज्यों के मुख्यमंत्री, संघ शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल, कई केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भाग लेंगे. नई नरेंद्र मोदी सरकार में यह संचालन परिषद की पहली बैठक है.

गौरतलब है कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होंगे. वहीं इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी बैठक में शामिल होने से पहले ही इनकार कर दिया है.

पढ़ें- भारत सहित SCO सदस्यों ने आतंकवाद की एक सुर में निंदा की

ममता का कहना है कि नीति आयोग के पास राज्यों की योजनाओं के समर्थन के लिए वित्तीय अधिकार नहीं हैं. ऐसे में इस तरह की बैठक की कवायद बेकार है.

प्रधानमंत्री की अगुवाई वाली संचालन परिषद के सदस्यों में वित्त, गृह, रक्षा, कृषि, वाणिज्य और ग्रामीण विकास मंत्रियों के अलावा राज्यों के मुख्यमंत्री, नीति आयोग के उपाध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी भी शामिल हैं.

गौरतलब है कि संचालन परिषद की पहली बैठक आठ फरवरी, 2015 को हुई थी. इसमें प्रधानमंत्री ने नीति आयोग के लिए प्रमुख कामकाज तय किए थे. इनमें सहकारिता के संघवाद को बढ़ावा देना और राज्यों की सक्रिय भागीदारी के जरिये राष्ट्रीय मुद्दों को हल करना प्रमुख रूप से शामिल है.

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज नीति आयोग की संचालन परिषद की पांचवीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं. इस बैठक में सूखे की स्थिति, कृषि क्षेत्र के संकट, वर्षा जल संचयन और खरीफ फसल के लिए तैयारियों के मुद्दे पर विचार विमर्श किया जा सकता है.

NITI Aayog council meet etv bharat
PM मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक

प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन के मुख्य बिंदु:

  • हर भारतीय को अधिकार सम्पन्न बनाने और लोगों की जिंदगी अधिक सुगम बनाने के कार्य पर भी जोर दिया जाएगा.
  • देश में गरीबी, बेरोजगारी, सूखा, बाढ़, प्रदूषण भ्रष्टाचार और हिंसा आदि के खिलाफ सामूहिक लड़ाई का आह्वान किया.
  • 17वीं लोकसभा के चुनावों को दुनिया में लोकतंत्र का सबसे बड़ी कवायद बताया और कहा कि अब समय है कि सब मिल कर भारत के विकास में लग जाएं.
  • मोदी ने नीति आयोग की संचालन परिषद के सभी सदस्यों से सरकार का कारगर और लोगों के भरोसे वाला ढ़ाचा तैयार करने में मदद का आह्वान किया.
  • देश को 2024 तक पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना चुनौतीपूर्ण बताया.
  • राज्यों के स्तर पर निर्यात पर जोर से आय और रोजगार को गति मिलेगी.
  • मोदी ने कहा कि यहां बैठे सभी लोगों का 2022 तक नया भारत बनाने का एक साझा लक्ष्य है.
  • स्वच्छ भारत अभियान और प्रधानमंत्री आवास योजना का उदाहरण देते हुए कहा कि केंद्र और राज्य मिलकर क्या नहीं कर सकते हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि सशक्तिकरण और जीवन सुगमता हर भारतीय को उपलब्ध कराना है.
  • उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की 150वीं वर्षगांठ के लिए जो लक्ष्य रखे गए हैं, उसे हर हाल में हासिल किया जाना चाहिए और आजादी की 75वीं वर्षंगांठ को लेकर जो लक्ष्य रखे गए हैं, उसे हासिल करने की दिशा में काम करना चाहिए.
  • जल संरक्षण के अपर्याप्त प्रयासों का असर सबसे ज्यादा गरीबों पर पड़ता है. जल संरक्षण और जल स्तर बढ़ाने पर ध्यान देना है. मोदी ने जल संरक्षण और प्रबंधन के क्षेत्र में कई राज्यों के प्रयासों की सराहना की.
  • प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत जिला सिंचाई योजनाओं को सावधानीपूर्वक क्रियान्वित किया जाना चाहिए.
  • सूखे की स्थिति से निपटने के लिए प्रभावी कदम उठाने का आह्वान किया करते हिए प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रति बूंद, अधिक फसल की भावना को बढ़ाने की जरूरत है.
  • कृषि क्षेत्र में संरचनात्मक सुधारों की जरूरत पर बल देते हुए मोदी ने कंपनियों के निवेश, लाजिस्टिक को मजबूत बनाने और पर्याप्त बाजार समर्थन उपलब्ध कराने की जरूरत है की भी बात कही.
  • खाद्य उत्पादन के मुकबले खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में तेजी से विकास होना चाहिए.
  • कई पिछड़े जिले नक्सल हिंसा से प्रभावित हैं. उन्होंने कहा कि नक्सली हिंसा के खिलाफ लड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर है. विकास में तेजी लाते हुए हिंसा से कड़ाई से निपटा जाएगा.
  • स्वास्थ्य क्षेत्र के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि 2022 तक कई लक्ष्यों को हासिल करने को ध्यान में रखना है. उन्होंने 2025 तक टीबी को समाप्त करने के लक्ष्य का जिक्र किया.
  • मोदी ने उन राज्यों से आयुष्मान भारत के तहत पीएमजेएवाई से यथाशीघ्र जुड़ने का आह्वान किया, जो अब तक इसमें शामिल नहीं हुए है.
  • हम कार्य-प्रदर्शन, पारदर्शिता और प्रतिपादन की विशेषता वाली शासन व्यवस्था की ओर बढ़ रहे हैं. योजनाओं का समुचित तरीके से क्रियान्वयन और निर्णय महत्वपूर्ण है.
  • पीएम-किसान सम्मान निधी और अन्य किसान केंद्रित योजनाओं का लाभ समय के भीतर लाभार्थियों तक पहुंचाया जाएगा.
  • केंद्र सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध है. इसके लिए मत्स्य पालन, पशुपालन, बागवानी, फल व सब्जियों की खेती पर ध्यान देने की आवश्यकता है.
  • आय और रोजगार बढ़ाने के लिए निर्यात क्षेत्र काफी महत्वपूर्ण है. इसके लिए राज्यों को निर्यात प्रोत्साहन पर ध्यान देना चाहिए. नव निर्मित जल शक्ति मंत्रालय पानी के लिए एकीकृत दृष्टिकोण प्रदान करने में मदद करेगा.
  • प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' के मंत्र को पूरा करने में निती आयोग ने अहम भूमिका निभाई है.
    NITI Aayog council meet etv bharat
    नीति आयोग ने निभाई अहम भूमिका
  • 2024 तक भारत का पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य है. ये काफी चुनौतीपूर्ण है लेकिन हम इसे हासिल कर सकते हैं.
    NITI Aayog council meet etv bharat
    बैठक के दाैरान पीएम मोदी व अन्य सदस्य

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, बैठक के पांच सूत्री एजेंडा में आकांक्षी जिला कार्यक्रम, कृषि में बदलाव और सुरक्षा संबंधी मुद्दे भी शामिल हैं. बैठक में विशेषरूप से नक्सल प्रभावित जिलों पर विचार विमर्श किया जा सकता है.

बता दें, राष्ट्रपति भवन में होने वाली इस बैठक में राज्यों के मुख्यमंत्री, संघ शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल, कई केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भाग लेंगे. नई नरेंद्र मोदी सरकार में यह संचालन परिषद की पहली बैठक है.

गौरतलब है कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होंगे. वहीं इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी बैठक में शामिल होने से पहले ही इनकार कर दिया है.

पढ़ें- भारत सहित SCO सदस्यों ने आतंकवाद की एक सुर में निंदा की

ममता का कहना है कि नीति आयोग के पास राज्यों की योजनाओं के समर्थन के लिए वित्तीय अधिकार नहीं हैं. ऐसे में इस तरह की बैठक की कवायद बेकार है.

प्रधानमंत्री की अगुवाई वाली संचालन परिषद के सदस्यों में वित्त, गृह, रक्षा, कृषि, वाणिज्य और ग्रामीण विकास मंत्रियों के अलावा राज्यों के मुख्यमंत्री, नीति आयोग के उपाध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी भी शामिल हैं.

गौरतलब है कि संचालन परिषद की पहली बैठक आठ फरवरी, 2015 को हुई थी. इसमें प्रधानमंत्री ने नीति आयोग के लिए प्रमुख कामकाज तय किए थे. इनमें सहकारिता के संघवाद को बढ़ावा देना और राज्यों की सक्रिय भागीदारी के जरिये राष्ट्रीय मुद्दों को हल करना प्रमुख रूप से शामिल है.

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पीटीआई-भाषा संवाददाता 20:18 HRS IST




             
  • नीति आयोग की संचालन परिषद की बैठक शनिवार को, मोदी करेंगे अध्यक्षता



नयी दिल्ली, 14 जून (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को नीति आयोग की संचालन परिषद की पांचवीं बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इस बैठक में सूखे की स्थिति, कृषि क्षेत्र के संकट, वर्षा जल संचयन और खरीफ फसल के लिए तैयारियों के मुद्दे पर विचार विमर्श होगा। 



एक आधिकारिक बयान के अनुसार बैठक के पांच सूत्री एजेंडा में आकांक्षी जिला कार्यक्रम, कृषि में बदलाव और सुरक्षा संबंधी मुद्दे भी शामिल हैं। बैठक में विशेषरूप से नक्सल प्रभावित जिलों पर विचार विमर्श होगा। 



राष्ट्रपति भवन में होने वाली इस बैठक में राज्यों के मुख्यमंत्री, संघ शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल, कई केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भाग लेंगे। 



नई नरेंद्र मोदी सरकार में यह संचालन परिषद की पहली बैठक है। 



पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया है। ममता का कहना है कि नीति आयोग के पास राज्यों की योजनाओं के समर्थन के लिए वित्तीय अधिकार नहीं हैं, ऐसे में इस तरह की बैठक की कवायद बेकार है। 



प्रधानमंत्री की अगुवाई वाली संचालन परिषद के सदस्यों में वित्त, गृह, रक्षा, कृषि, वाणिज्य और ग्रामीण विकास मंत्रियों के अलावा राज्यों के मुख्यमंत्री, नीति आयोग के उपाध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी शामिल हैं। 



संचालन परिषद की बैठक में पिछली बैठकों पर हुई कार्रवाई की समीक्षा की जाती है और साथ ही भविष्य की विकास से संबंधित प्राथमिकताएं तय की जाती हैं। अभी तक प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में संचालन परिषद की चार बैठकें हो चुकी हैं। 



संचालन परिषद की पहली बैठक आठ फरवरी, 2015 को हुई थी जिसमें प्रधानमंत्री ने नीति आयोग के लिए प्रमुख कामकाज तय किए थे। इनमें सहकारिता के संघवाद को बढ़ावा देना और राज्यों की सक्रिय भागीदारी के जरिये राष्ट्रीय मुद्दों को हल करना प्रमुख रूप से शामिल है।



संचालन परिषद की दूसरी बैठक 15 जुलाई, 2015 को हुई थी जिसमें मुख्यमंत्रियों के तीन उप समूहों और दो कार्यबलों की प्रगति की समीक्षा की गई। 



इसी तरह संचालन परिषद की तीसरी बैठक 23 अप्रैल, 2017 को हुई जिसमें मोदी ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव साथ साथ कराने तथा वित्त वर्ष को जनवरी-दिसंबर करने पर बल दिया था। संचालन परिषद की चौथी बैठक 17 जून, 2018 को हुई थी जिसमें किसानों की आमदनी दोगुना करने और सरकार की प्रमुख योजनाओं में हुई प्रगति के उपायों पर विचार विमर्श किया गया।




 


Conclusion:
Last Updated : Jun 15, 2019, 9:16 PM IST
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