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अमेरिका में कोरोना के मरीजों पर कार्डियक सेल थेरेपी उपयोग, परिणाम सकारात्मक - First Cardiac Cell Therapy

चीन के वुहान से पुरी दुनिया में फैले इस वायरस का कहर जारी है. इससे सबसे अधिक अमेरिका प्रभावित है. इससे के चलते यहां पर अनेक प्रयोग किए जा रहें है. इसी बीच इसी बीच वहां पर कार्डिक सेल थेरेपी का प्रयोग किया गया है. यहां पर छह लोगों को उपर कार्डियक सेल थेरपी का प्रयोग किया गया, जिसमें से चार लोगों की स्थिति में सुधार हो रहा है.

कार्डिक सेल थेरेपी उपयोग
कार्डिक सेल थेरेपी उपयोग
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Published : May 14, 2020, 8:47 PM IST

हैदराबाद : दुनियाभर में कोरोना वायरस का कहर जारी है. इस वायरस से सबसे अधिक अमेरिका प्रभावित हैं. इसी बीच वहां पर कार्डियक सेल थेरेपी का प्रयोग किया गया है. यहां पर छह लोगों को उपर कार्डियक सेल थेरपी का प्रयोग किया गया, जिसमें से चार लोगों की परिणाम सकारात्मक मिले हैं. उनकी स्थिति में सुधार हो रहा है.

सीएपी -1002 नामक एक प्रक्रिया का उपयोग हृदय रोगों से पीड़ित रोगियों के इलाज और प्रतिरक्षा दमन के कारण होने वाली सूजन को कम करने के लिए किया जाता है.

इस प्रक्रिया में सीडीसी कोशिकाओं (Cardiosphere-derived cells) का उपयोग मानव हृदय के ऊतकों की मदद से प्रयोगशाला में उत्पन्न किया जाता है. हालांकि इस प्रक्रिया के वर्तमान परिणाम आशाजनक लग रहे हैं, शोधकर्ताओं का कहना है कि इसे कोरोना से पीड़ितों के लिए एक सुरक्षित उपचार नहीं कहा जा सकता है.

अमेरिका में सीडर-सिनाई अस्पताल में उक्त रोगियों को प्रदान किए गए इन उपचारों का विवरण चिकित्सा पत्रिका 'बेसिक रिसर्च इन कार्डियोलॉजी' में प्रकाशित की गई है.

अमेरिकन फूड एंड ड्रग एजेंसी (एफडीए) कोविड रोगियों के लिए इस प्रकार के उपचार को मंजूरी नहीं देती है. हालांकि, जब रोगियों के इलाज के लिए कोई अन्य उपचार नहीं बचा है और अंतिम उपाय के रूप में आपात स्थिति के इस तरह के उपचारों की अनुमति दी जाती है.

हैदराबाद : दुनियाभर में कोरोना वायरस का कहर जारी है. इस वायरस से सबसे अधिक अमेरिका प्रभावित हैं. इसी बीच वहां पर कार्डियक सेल थेरेपी का प्रयोग किया गया है. यहां पर छह लोगों को उपर कार्डियक सेल थेरपी का प्रयोग किया गया, जिसमें से चार लोगों की परिणाम सकारात्मक मिले हैं. उनकी स्थिति में सुधार हो रहा है.

सीएपी -1002 नामक एक प्रक्रिया का उपयोग हृदय रोगों से पीड़ित रोगियों के इलाज और प्रतिरक्षा दमन के कारण होने वाली सूजन को कम करने के लिए किया जाता है.

इस प्रक्रिया में सीडीसी कोशिकाओं (Cardiosphere-derived cells) का उपयोग मानव हृदय के ऊतकों की मदद से प्रयोगशाला में उत्पन्न किया जाता है. हालांकि इस प्रक्रिया के वर्तमान परिणाम आशाजनक लग रहे हैं, शोधकर्ताओं का कहना है कि इसे कोरोना से पीड़ितों के लिए एक सुरक्षित उपचार नहीं कहा जा सकता है.

अमेरिका में सीडर-सिनाई अस्पताल में उक्त रोगियों को प्रदान किए गए इन उपचारों का विवरण चिकित्सा पत्रिका 'बेसिक रिसर्च इन कार्डियोलॉजी' में प्रकाशित की गई है.

अमेरिकन फूड एंड ड्रग एजेंसी (एफडीए) कोविड रोगियों के लिए इस प्रकार के उपचार को मंजूरी नहीं देती है. हालांकि, जब रोगियों के इलाज के लिए कोई अन्य उपचार नहीं बचा है और अंतिम उपाय के रूप में आपात स्थिति के इस तरह के उपचारों की अनुमति दी जाती है.

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