नई दिल्ली : कोरोना महामारी के कारण दिल्ली में पिछले 24 घंटे में 56 लोगों की मौत हो चुकी है. लगातार बढ़ रहे आंकड़ों के बीच केंद्र और केजरीवाल सरकार हालात से निपटने की योजनाएं बना रही हैं. इसी कड़ी में गृहमंत्री अमित शाह ने आज लगातार दूसरे दिन बैठक की. सोमवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भाजपा, आम आदमी पार्टी व कांग्रेस सहित अन्य दलों के नेता शामिल हुए.
सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लेने के बाद आप के नेता संजय सिंह ने बताया कि राज्य सरकार के अस्पताल में 1900 बेड और केंद्र सरकार के अस्पताल में 2000 बेड बढ़ाने का प्रस्ताव आया है. निजी अस्पताल में 1,178 बेड बढ़ेंगे. 500 कोच के जरिए 8,000बेड, आने वाले दिनों में 500 कोच और लेकर 16,000 बेड बढ़ाने की बात कही गई.
दिल्ली कांग्रेस प्रमुख अनिल चौधरी ने कहा कि टेस्टिंग सबके लिए होनी चाहिए क्योंकि यह हर एक का अधिकार है. सभी देशों में टेस्ट के माध्यम से ही उपचार संभव है. उन्होंने कहा कि शाह ने यह स्वीकार किया है और आश्वासन दिया है कि एक नई परीक्षण नीति के तहत सभी का परीक्षण का लिया जाएगा.
बैठक के बाद दिल्ली भाजपा प्रमुख आदेश गुप्ता ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अमित शाह ने कोरोना संक्रमण को लेकर कहा है कि दिल्ली सरकार 20 जून से प्रतिदिन 18 हजार लोगों की कोरोना जांच करेगी.
बीजेपी प्रमुख आदेश कुमार गुप्ता ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में बीजेपी ने मांग की कि कोरोना टेस्ट पर 50% शुल्क माफ किया जाना चाहिए. इस मांग को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दे दी है.
बैठक के पहले सूत्रों के मुताबिक सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस ने मांग की है कि चौथे वर्ष के मेडिकल छात्रों को अस्थायी रेजिडेंट डॉक्टरों के रूप में इस्तेमाल किया जाए. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के चलते बैचलर ऑफ फार्मेसी के चौथे वर्ष के छात्रों को स्वास्थ्य के लिए वैकल्पिक रूप में इस्तेमाल किया जाए.
सर्वदलीय बैठक से पहले कांग्रेस ने सभी लोगों का कोरोना टेस्ट किए जाने की मांग की. कांग्रेस ने यह भी मांग की है कि 10,000 रुपये हर उस परिवार को दिया जाए, जिसका सदस्य संक्रमित है या संक्रमित जोन में हो.
बैठक के बाद ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि मैंने वहां अपनी मांगों को रखा है और अब देखना होगा कि सरकार हमारी मांगों को कितना मानती है. कोरोना मामले में हो रहे राजनीति के सवाल पर चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि सवाल उठाना राजनीति नहीं है. दिल्ली कांग्रेस लॉकडाउन के पहले दिन से आम लोगों की आवाज उठा रही है और उन तक हर संभव जरूरी सहायता भी पहुंचाई जा रही है. राजनीति आम आदमी पार्टी और भाजपा कर रही है. अगर अंग्रेजों के शासन के समय आम इंसान सवाल नहीं उठाता तो शायद हमारा देश आजाद ना हो पाता.
गौरतलब है कि शाह ने रविवार, 14 जून को भी दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, उप राज्यपाल अनिल बैजल समेत तमाम अधिकारियों के साथ बैठक कर दिल्ली में कोरोना संकट की समीक्षा की थी. इस मीटिंग के बाद राजधानी में कोरोना की रफ्तार रोकने के लिए कई बड़े फैसले लिए गए थे.
गृह मंत्री के साथ मीटिंग के बाद सीएम केजरीवाल ने ट्वीट किया था कि बातचीत बहुत प्रोडक्टिव रही. कई बड़े फैसले किए गए. कोरोना से हम मिलकर लड़ेंगे.
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इसी के साथ शाह ने भी जानकारी दी थी कि मीटिंग में कई बड़े फैसले किए गए. ट्वीट करते हुए अमित शाह ने कहा, 'दिल्ली में कोरोना से संक्रमित मरीजों के लिए बेड की कमी को देखते हुए केंद्र सरकार ने तुरंत 500 रेलवे कोच दिल्ली को देने का निर्णय लिया है. इन रेलवे कोच से न सिर्फ दिल्ली में 8000 बेड बढ़ेंगे बल्कि ये कोच कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए सभी सुविधाओं से लेस होंगे.'
बैठक के बाद खुद अमित शाह ने ट्वीट कर बताया था कि अगले दो दिन में कोरोना की टेस्टिंग को बढ़ाकर दोगुना कर दिया जाएगा और छह दिन बाद टेस्टिंग को बढ़ाकर तीन गुना किया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ दिनों के बाद कंटेनमेंट जोन में हर पोलिंग स्टेशन पर टेस्टिंग की व्यवस्था शुरू कर दी जाएगी.
अमित शाह ने आगे लिखा, 'दिल्ली के कंटेनमेंट जोन में कॉन्टेक्ट मैपिंग अच्छे से हो पाए, इसके लिए घर-घर जाकर हर एक व्यक्ति का व्यापक स्वास्थ्य सर्वे किया जाएगा, जिसकी रिपोर्ट एक सप्ताह में आ जाएगी. साथ ही अच्छे से मॉनिटरिंग हो, इसके लिए वहां हर व्यक्ति के मोबाइल में आरोग्य सेतु एप डाउनलोड कराया जाएगा.'
बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय ने शनिवार को दिल्ली सरकार से कहा था कि दिल्ली देश का एकमात्र राज्य है, जिसने अन्य सभी राज्यों की तुलना में दैनिक परीक्षणों की संख्या में कमी कर दी है.