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अबू धाबी में बन रहा है अयोध्या जैसा राम मंदिर, जानें इसकी खासियत - ayodhya

संयुक्त अरब अमीरात के अबू धाबी में अयोध्या जैसे एक भव्य राम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है. सैकड़ों इंजीनियरों की टीम इस भव्य मंदिर के निर्माण कार्य में लगी हुई है. पीएम मोदी ने जब संयुक्त अरब अमीरात का दौरा किया था, उस वक्त इस मंदिर की नींव डाली गई थी.

ayodhya ram mandir
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Published : Sep 27, 2021, 9:30 PM IST

लखनऊ : संयुक्त अरब अमीरात में अयोध्या जैसे एक भव्य राम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है. सैकड़ों इंजीनियरों की टीम इस भव्य मंदिर के निर्माण कार्य में लगी हुई है और अब एक वीडियो जारी कर इस मंदिर के निर्माण कार्य के बारे में जानकारी दी गई है. पीएम मोदी ने जब संयुक्त अरब अमीरात का दौरा किया था, उस वक्त इस मंदिर की नींव डाली गई थी.

15 लाख की आबादी वाले देश अबू धाबी में रह रहे करीब 33 लाख भारतीयों के लिए यह मंदिर आस्था का केंद्र बन जाएगा. अबू धाबी में पहला हिंदू मंदिर बन रहा है. जिसका काम तेजी से शुरू हो गया है. 16.7 एकड़ में बन रहे मंदिर परिसर में 45 करोड़ दिरहम (करीब 900 करोड़ रुपए) खर्च होंगे. अनुमान है कि 2023 तक मंदिर निर्माण पूरा हो जाएगा. इस मंदिर में 2000 से ज्यादा कलाकृतियां लगाई जाएंगी.

हिंदू मंदिर अबू धाबी परियोजना के कोर टीम के सदस्यों के मुताबिक संयुक्त अरब अमीरात का पहले हिंदू मंदिर की उम्र कम से कम एक हजार वर्ष होगी. मंदिर के एक प्रतिनिधि ने मुताबिक मंदिर के आधार नींव का काम पूरा हो गया है और जब भारत से कारीगर आएंगे तब गुलाबी बलुआ पत्थर लगाने का काम तब शुरू होगा.

धार्मिक नेता और बीएपीएस हिंदू मंदिर के प्रवक्ता ब्रह्मविहारी स्वामी ने बताया कि "अबू मुरीखाह स्थित मंदिर की भूमि में बलुआ पत्थर की मोटी परत बिछाई गई है. मंदिर के विकास की देखरेख करने वाले स्वामी ने कहा कि, "यह काफी ज्यादा मजबूत है. मंदिर में लगाने के लिए सफेद संगमरमर पत्थरों पर खास डिजाइन बनाए जाएंगे, जिसके लिए भारत से कारीगरों को बुलाया जाएगा. मंदिर बनाने में करीब 888 करोड़ रुपये का खर्च आएगा.

मंदिर की नींव को काफी ज्यादा मजबूत करने के लिए फ्लाइ एश का इस्तेमाल किया गया है, जिसमें 55 प्रतिशत सीमेंट और कंक्रीट का इस्तेमाल किया गया है. मंदिर के निर्माण कार्य में 10 देशों के 30 प्रोफेशनल इंजीनियरों ने 5 हजार घंटे काम करने के बाद मंदिर का 3डी मॉडल तैयार किया है. जानकारों के मुताबिक हिंदू इतिहास में पहली बार एक ऐसे मंदिर का निर्माण हो रहा है, जिसका डिजाइन पूरी तरह से डिजिटल तरीके बनाया गया है.

अयोध्या में राम मंदिर

अयोध्या में राम मंदिर दिसंबर 2023 तक भक्तों के लिए खुल जाएगा. भारत समेत दुनिया भर के श्रद्धालु रामलला के दर्शन कर सकेंगे. यह जानकारी सूत्रों ने दी है. इससे पहले राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र का बताया था कि 70 एकड़ भूमि पर राम मंदिर इकोफ्रेंडली बनाने के लिए पर्यावरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. पूरे देश में अयोध्या का राम मंदिर हरियाली से परिपूर्ण होगा. देश की पहली नव ग्रह नक्षत्र वाटिका भी विकसित की गई है. 70 एकड़ भूमि में बनने वाला राम मंदिर वास्तु दृष्टिकोण के साथ-साथ संस्कृति और सभ्यता के आधार पर भी विकसित किया जाएगा.

इसे भी पढ़ें- भक्तों के लिए दिसंबर 2023 तक खुलेगा अयोध्या का राम मंदिर

27 नक्षत्रों के 27 पेड़ लगाए गए
अयोध्या राम जन्मभूमि परिसर में देश की अनोखी नक्षत्र वाटिका बनाई गई है. इसमें 27 नक्षत्रों के 27 पेड़ लगाए गए हैं. जगद्गुरु रामानंदाचार्य रामदिनेशाचार्य के अनुसार 27 नक्षत्र जीवन में होते हैं और 27 नक्षत्र के 27 पेड़ होते हैं. इनके माध्यम से अपने नक्षत्रों को संभाल सकते हैं. राम जन्मभूमि परिसर में लगे नक्षत्र वाटिका में आप अपने नक्षत्र की पूजन कर अपने हालात को भी सुधार सकते हैं.

लखनऊ : संयुक्त अरब अमीरात में अयोध्या जैसे एक भव्य राम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है. सैकड़ों इंजीनियरों की टीम इस भव्य मंदिर के निर्माण कार्य में लगी हुई है और अब एक वीडियो जारी कर इस मंदिर के निर्माण कार्य के बारे में जानकारी दी गई है. पीएम मोदी ने जब संयुक्त अरब अमीरात का दौरा किया था, उस वक्त इस मंदिर की नींव डाली गई थी.

15 लाख की आबादी वाले देश अबू धाबी में रह रहे करीब 33 लाख भारतीयों के लिए यह मंदिर आस्था का केंद्र बन जाएगा. अबू धाबी में पहला हिंदू मंदिर बन रहा है. जिसका काम तेजी से शुरू हो गया है. 16.7 एकड़ में बन रहे मंदिर परिसर में 45 करोड़ दिरहम (करीब 900 करोड़ रुपए) खर्च होंगे. अनुमान है कि 2023 तक मंदिर निर्माण पूरा हो जाएगा. इस मंदिर में 2000 से ज्यादा कलाकृतियां लगाई जाएंगी.

हिंदू मंदिर अबू धाबी परियोजना के कोर टीम के सदस्यों के मुताबिक संयुक्त अरब अमीरात का पहले हिंदू मंदिर की उम्र कम से कम एक हजार वर्ष होगी. मंदिर के एक प्रतिनिधि ने मुताबिक मंदिर के आधार नींव का काम पूरा हो गया है और जब भारत से कारीगर आएंगे तब गुलाबी बलुआ पत्थर लगाने का काम तब शुरू होगा.

धार्मिक नेता और बीएपीएस हिंदू मंदिर के प्रवक्ता ब्रह्मविहारी स्वामी ने बताया कि "अबू मुरीखाह स्थित मंदिर की भूमि में बलुआ पत्थर की मोटी परत बिछाई गई है. मंदिर के विकास की देखरेख करने वाले स्वामी ने कहा कि, "यह काफी ज्यादा मजबूत है. मंदिर में लगाने के लिए सफेद संगमरमर पत्थरों पर खास डिजाइन बनाए जाएंगे, जिसके लिए भारत से कारीगरों को बुलाया जाएगा. मंदिर बनाने में करीब 888 करोड़ रुपये का खर्च आएगा.

मंदिर की नींव को काफी ज्यादा मजबूत करने के लिए फ्लाइ एश का इस्तेमाल किया गया है, जिसमें 55 प्रतिशत सीमेंट और कंक्रीट का इस्तेमाल किया गया है. मंदिर के निर्माण कार्य में 10 देशों के 30 प्रोफेशनल इंजीनियरों ने 5 हजार घंटे काम करने के बाद मंदिर का 3डी मॉडल तैयार किया है. जानकारों के मुताबिक हिंदू इतिहास में पहली बार एक ऐसे मंदिर का निर्माण हो रहा है, जिसका डिजाइन पूरी तरह से डिजिटल तरीके बनाया गया है.

अयोध्या में राम मंदिर

अयोध्या में राम मंदिर दिसंबर 2023 तक भक्तों के लिए खुल जाएगा. भारत समेत दुनिया भर के श्रद्धालु रामलला के दर्शन कर सकेंगे. यह जानकारी सूत्रों ने दी है. इससे पहले राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र का बताया था कि 70 एकड़ भूमि पर राम मंदिर इकोफ्रेंडली बनाने के लिए पर्यावरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. पूरे देश में अयोध्या का राम मंदिर हरियाली से परिपूर्ण होगा. देश की पहली नव ग्रह नक्षत्र वाटिका भी विकसित की गई है. 70 एकड़ भूमि में बनने वाला राम मंदिर वास्तु दृष्टिकोण के साथ-साथ संस्कृति और सभ्यता के आधार पर भी विकसित किया जाएगा.

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27 नक्षत्रों के 27 पेड़ लगाए गए
अयोध्या राम जन्मभूमि परिसर में देश की अनोखी नक्षत्र वाटिका बनाई गई है. इसमें 27 नक्षत्रों के 27 पेड़ लगाए गए हैं. जगद्गुरु रामानंदाचार्य रामदिनेशाचार्य के अनुसार 27 नक्षत्र जीवन में होते हैं और 27 नक्षत्र के 27 पेड़ होते हैं. इनके माध्यम से अपने नक्षत्रों को संभाल सकते हैं. राम जन्मभूमि परिसर में लगे नक्षत्र वाटिका में आप अपने नक्षत्र की पूजन कर अपने हालात को भी सुधार सकते हैं.

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