अनंतनाग: जम्मू-कश्मीर में खराब मौसम के कारण तीन दिन तक स्थगित रहने के बाद अमरनाथ यात्रा रविवार को फिर से शुरू करने की अनुमति दे दी गई. वहीं अमरनाथ गुफा के आसपास आसमान साफ दिखने के बाद अधिकारियों ने गुफा मंदिर के द्वार खोल दिए और वहां फंसे श्रद्धालुओं को दक्षिण कश्मीर के हिमालय में प्राकृतिक रूप से निर्मित बर्फ के शिवलिंग के दर्शन की अनुमति दे दी. इस बारे में अधिकारियों ने बताया कि लगातार भारी बारिश के बाद अमरनाथ जाने वाले तीर्थयात्रियों को पहलगाम नुनवान आधार शिविर से एक और जत्थे को रवाना किया गया.
नुनवान बेस कैंप प्रभारी के मुताबिक, 7000 हजार तीर्थयात्रियों के इस जत्थे को तीन दिन बाद रविवार को बेस कैंप से आगे जाने की इजाजत दे दी गई. पहलगाम के नुनवान बेस कैंप से रवाना हुए तीर्थयात्री काफी उत्साहित दिख रहे थे. इस दौरान तीर्थयात्रियों के शिव भक्ति गीतों और हरहर महादेव के जयकारों बेस कैंप गूंज रहा था. तीर्थयात्रियों का कहना था कि वे तीन दिनों से अमरनाथ यात्रा का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. वे बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए काफी उत्सुक हैं.
धार्मिक आस्था और उत्साह के साथ अमरनाथ यात्रा पर निकले तीर्थयात्रियों का कहना था कि भगवान शिव ने उन्हें यहां बुलाया है और वे बेसब्री से शिवलिंग के दर्शन का इंतजार कर रहे हैं. तीर्थयात्रियों ने आगे कहा कि वे सरकार की व्यवस्था से काफी प्रभावित हैं. तीर्थयात्रियों ने सुरक्षा समेत अन्य उचित इंतजाम के लिए सरकार के प्रति आभार जताया. उन्होंने कहा कि वह दर्शन के दौरान देश की शांति, सुरक्षा और समृद्धि के लिए विशेष प्रार्थना करेंगे. तीर्थयात्रियों को उम्मीद है कि उनकी यात्रा सफल और शुभ तरीके से समाप्त होगी. बता दें कि अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई से शुरू हुई है जो 31 अगस्त तक चलेगी. 62 दिवसीय यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों का आना जारी है और अब तक 50,000 से अधिक तीर्थयात्री बाबा अमरनाथ के दर्शन कर चुके हैं.
दर्शन कर चुके श्रद्धालुओं को बालटाल आधार शिविर लौटने की अनुमति
पंजतरणी आधार शिविर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जो श्रद्धालु पहले ही दर्शन कर चुके थे, उन्हें बालटाल आधार शिविर लौटने की अनुमति दे दी गई है. घाटी में भारी बारिश के कारण फंसे 700 से अधिक अमरनाथ यात्रियों को सेना ने अनंतनाग जिले के काजीगुंड स्थित अपने शिविर में शरण दी है. अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले दिन में खराब मौसम और जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग बंद रहने के कारण जम्मू से श्रद्धालुओं के किसी नए जत्थे को आगे बढ़ने की इजाजत नहीं दी गई.
अधिकारियों के मुताबिक, राजमार्ग पर यातायात बहाल करने के प्रयास जारी हैं, जो भूस्खलन की कई घटनाओं के कारण बंद है. रामबन जिले में भूस्खलन के कारण करीब 40 मीटर सड़क धंस गई, जिससे वहां 3,500 से अधिक वाहन फंसे हुए हैं. गुरुवार रात से अमरनाथ गुफा के ऊंचाई वाले क्षेत्र के निकटवर्ती इलाकों समेत जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में भारी बारिश हो रही है. मौसम विभाग के अनुसार, क्षेत्र में सोमवार से मौसम में सुधार होने की संभावना है. अधिकारियों के अनुसार, लगातार बारिश के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर मलबा हटाने का काम बाधित हुआ.
यातायात विभाग के एक अधिकारी ने कहा, 'भूस्खलन के मलबे को हटाने और पुराने मार्ग से होकर पंथियाल सुरंग के पास की क्षतिगस्त सड़क पर पहुंचकर उसकी मरम्मत करने का काम जारी है. पंथियाल में पर्वतीय क्षेत्र से गुजरने वाले राजमार्ग पर पर्वतों से लगातार चट्टानें गिरने के कारण यातायाता बहाली के कार्य में बाधा आ रही है.' अधिकारी के मुताबिक, सड़क के यातायात योग्य बनने के बाद फंसे हुए वाहनों को प्राथमिकता के आधार पर निकाला जाएगा और फिर जम्मू एवं श्रीनगर से नये वाहनों को आने की अनुमति दी जाएगी. अधिकारी ने कहा कि रत्ता छंब में फिर से भूस्खलन होने से मुगल रोड बाधित हो गई है. उन्होंने बताया कि शनिवार को दोपहर बाद मार्ग को यातायात के लिए साफ कर दिया गया था, लेकिन फिर से भूस्खलन होने के बाद यह दोबारा बाधित हो गया. अधिकारी के अनुसार, मार्ग से मलबा हटाने का काम जारी है.
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(अतिरिक्त इनपुट-एजेंसी)