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भारत में पैसा बचाने के लिए एयरलाइनें नहीं करतीं एयरोब्रिज का उपयोग, लगेगा जुर्माना - Airlines not use aerobridges to save money

निजी क्षेत्र की एयरलाइंस विमान में सवार होने या उतरने के समय पैसा बचाने के लिए एयरोब्रिज का इस्तेमाल नहीं कर रही हैं (Airlines In India Not Using Aerobridges) जिससे बुजुर्ग लोगों को काफी परेशानी होती है और उन्हें सीढ़ियों का इस्तेमाल करना पड़ता है.

Airlines In India Not Using Aerobridges For Boarding To Save Money
भारत में पैसा बचाने के लिए एयरलाइनें नहीं करतीं एयरोब्रिज का उपयोग, लगेगा जुर्माना
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Published : Mar 15, 2022, 7:48 AM IST

Updated : Mar 15, 2022, 7:21 PM IST

नई दिल्ली: निजी क्षेत्र की एयरलाइंस विमान में सवार होने या उतरने के समय पैसा बचाने के लिए एयरोब्रिज का इस्तेमाल नहीं कर रही हैं (Airlines In India Not Using Aerobridges) जिससे बुजुर्ग लोगों को काफी परेशानी होती है और उन्हें सीढ़ियों का इस्तेमाल करना पड़ता है. परिवहन, पर्यटन और संस्कृति पर संसदीय समिति की एक रिपोर्ट में यह उल्लेख किया गया है. एयरोब्रिज किसी हवाईअड्डे के टर्मिनल के द्वार को वहां खड़े किसी विमान के द्वार से सीधे जोड़ने का काम करता है.

समिति की सोमवार को राज्यसभा में पेश रिपोर्ट में कहा गया है कि निजी एयरलाइंस का यह रुख काफी उदासीन और अनुचित है. समिति ने नागर विमानन मंत्रालय को ऐसी एयरलाइंस पर जुर्माना लगाने का सुझाव दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक, कई हवाईअड्डों पर एयरोब्रिज की सुविधा उपलब्ध है लेकिन एयरलाइंस यात्रियों को विमान पर सवार करने या उतारने के लिए इनका इस्तेमाल नहीं कर रही हैं. इसके बजाय वे सीढ़ियों का इस्तेमाल करती हैं.

ये भी पढ़ें - लोक सभा में जम्मू-कश्मीर के बजट पर चर्चा, वित्त मंत्री सीतारमण ने दिया जवाब

रिपोर्ट कहती है कि विमानन कंपनियां यात्रियों से एयरोब्रिज सुविधा का शुल्क वसूलती हैं, लेकिन परिचालन लागत को घटाने के लिए वे इसका इस्तेमाल नहीं करते हैं. इसकी वजह से विशेषरूप से बुजुर्ग यात्रियों का काफी परेशानी होती है और उन्हें सीढ़ियों का इस्तेमाल करने के लिए मजबूर होना पड़ता है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 2018 में सभी भारतीय हवाईअड्डा ऑपरेटरों को एक सर्कुलर जारी किया था जिसमें कहा गया था कि यदि यात्रियों के बोर्डिंग और डिबोर्डिंग के लिए एक एयरोब्रिज उपलब्ध है तो इसका उपयोग उनकी सुविधा के लिए किया जाना चाहिए.

एरोब्रिज एक चलने योग्य सुरंग है जो यात्रियों के बोर्डिंग या डिबोर्डिंग के लिए हवाई अड्डे की इमारत से विमान तक फैली हुई होती है. एयरोब्रिज सुविधाओं का उपयोग करने के लिए एयरलाइंस को हवाई अड्डे को एक निश्चित शुल्क देना पड़ता है. समिति ने सोमवार को सिफारिश की कि मंत्रालय को अपने परिपत्र का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए नियमित रूप से औचक निरीक्षण करना चाहिए और यदि कोई चूक होती है तो संबंधित निजी एयरलाइंस को दंडित किया जाना चाहिए.

नई दिल्ली: निजी क्षेत्र की एयरलाइंस विमान में सवार होने या उतरने के समय पैसा बचाने के लिए एयरोब्रिज का इस्तेमाल नहीं कर रही हैं (Airlines In India Not Using Aerobridges) जिससे बुजुर्ग लोगों को काफी परेशानी होती है और उन्हें सीढ़ियों का इस्तेमाल करना पड़ता है. परिवहन, पर्यटन और संस्कृति पर संसदीय समिति की एक रिपोर्ट में यह उल्लेख किया गया है. एयरोब्रिज किसी हवाईअड्डे के टर्मिनल के द्वार को वहां खड़े किसी विमान के द्वार से सीधे जोड़ने का काम करता है.

समिति की सोमवार को राज्यसभा में पेश रिपोर्ट में कहा गया है कि निजी एयरलाइंस का यह रुख काफी उदासीन और अनुचित है. समिति ने नागर विमानन मंत्रालय को ऐसी एयरलाइंस पर जुर्माना लगाने का सुझाव दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक, कई हवाईअड्डों पर एयरोब्रिज की सुविधा उपलब्ध है लेकिन एयरलाइंस यात्रियों को विमान पर सवार करने या उतारने के लिए इनका इस्तेमाल नहीं कर रही हैं. इसके बजाय वे सीढ़ियों का इस्तेमाल करती हैं.

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रिपोर्ट कहती है कि विमानन कंपनियां यात्रियों से एयरोब्रिज सुविधा का शुल्क वसूलती हैं, लेकिन परिचालन लागत को घटाने के लिए वे इसका इस्तेमाल नहीं करते हैं. इसकी वजह से विशेषरूप से बुजुर्ग यात्रियों का काफी परेशानी होती है और उन्हें सीढ़ियों का इस्तेमाल करने के लिए मजबूर होना पड़ता है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 2018 में सभी भारतीय हवाईअड्डा ऑपरेटरों को एक सर्कुलर जारी किया था जिसमें कहा गया था कि यदि यात्रियों के बोर्डिंग और डिबोर्डिंग के लिए एक एयरोब्रिज उपलब्ध है तो इसका उपयोग उनकी सुविधा के लिए किया जाना चाहिए.

एरोब्रिज एक चलने योग्य सुरंग है जो यात्रियों के बोर्डिंग या डिबोर्डिंग के लिए हवाई अड्डे की इमारत से विमान तक फैली हुई होती है. एयरोब्रिज सुविधाओं का उपयोग करने के लिए एयरलाइंस को हवाई अड्डे को एक निश्चित शुल्क देना पड़ता है. समिति ने सोमवार को सिफारिश की कि मंत्रालय को अपने परिपत्र का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए नियमित रूप से औचक निरीक्षण करना चाहिए और यदि कोई चूक होती है तो संबंधित निजी एयरलाइंस को दंडित किया जाना चाहिए.

Last Updated : Mar 15, 2022, 7:21 PM IST

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