आर्थिक तंगी से जूझ रहे रावण का पुतला बनाने वाले कारिगर, पहले के मुकाबले कम हुई बिक्री
गुरुग्राम: बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में दशहरे के पर्व (Festival Of Dussehra) को मनाया जाता है. दशहरे के दिन बड़ी संख्या में रावण, कुंभकरण और और मेघनाथ के पुतले जलाए जाते हैं. गुरुग्राम के महरौली रोड पर हर साल पुतला विक्रेता पुतला (Artisans Making Effigies Of Ravana) बनाते हैं. लेकिन इस बार पुतलों की बिक्री पहले के मुकाबले कम हुई है. पुतला विक्रेताओं का कहना है कि इस बार रावण के पुतले कम बिक रहे हैं. जिसके चलते उन्होंने जो पुतले बनाने में राशि खर्च की है वो भी नहीं निकल पा रही है.