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यमुनानगरः 2022 तक कैसे दोगुनी होगी किसानों की आय, जब MSP से भी कम मिलेंगे दाम - यमुनानगर अनाज मंडी

किसानों का कहना है कि मजदूरी, खाद और दवाईयों के दाम पिछले साल के मुकाबले काफी बढ़ गए हैं और मंडियों में फसल के जो दाम मिल रहे हैं, उससे खेती की लागत निकलना भी मुश्किल हो गया है.

How will farmers' income double by 2022, when prices will be less than MSP
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Published : Nov 24, 2019, 3:12 PM IST

Updated : Nov 24, 2019, 3:26 PM IST

यमुनानगरः यमुनानगर की अनाज मंडी में लगभग सभी किसानों की धान पहुंच चुकी है, इक्का-दुक्का किसान ही अब मंडियों में आ रहे हैं. वहीं ईटीवी भारत की टीम ने जब यमुनानगर की अनाज मंडी का जायजा लिया तो मंडी में इंतजाम तो पर्याप्त नजर आए, लेकिन किसानों को फसल का उचित दाम ना मिलने से किसान सरकार से हताश और नाराज नजर आए.

सरकार से नाराज किसान

केंद्र और प्रदेश की सरकारें भले की खुद को किसान हितैषी बतातीं हो और 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का दावा करतीं हो. लेकिन मंडी में मिले किसान सरकार से बिल्कुल नाराज दिखे और मौजूदा सरकार को किसान विरोधी बता रहे थे.

यमुनानगरः 2022 तक कैसे दोगुनी होगी किसानों की आय, जब MSP से भी कम मिलेंगे दाम, देखिए रिपोर्ट.

ये भी पढ़ेंः- 15 दिसंबर से 30 जनवरी तक चलेंगे भाजपा संगठन के चुनाव, ये होगी पूरी प्रक्रिया

MSP भी नहीं मिल रही किसानों को

किसानों ने बताया के तैयार मोटी जीरी का रेट 1835 रुपये निर्धारित किया गया है, लेकिन आढ़ती मुश्किल से 1500 या 1600 रुपये में जीरी खरीद रहे हैं. कभी नमी के नाम पर पैसे काट लिए जाते हैं, तो कभी किसी और कारण से. महीन धान के रेट भी पिछले साल के मुकाबले डेढ़ से दो गुने तक कम मिल रहे हैं. जिससे किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी ने दिया 'सरकारी' जवाब

किसानों का कहना है कि मजदूरी, खाद और दवाईयों के दाम पिछले साल के मुकाबले काफी बढ़ गए हैं और मंडियों में फसल के जो दाम मिल रहे हैं, उससे खेती की लागत निकलना भी मुश्किल हो गया है.
वही जब मामले को लेकर जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी राजेश आर्य ने कहा कि मंडियों में किसानों को किसी तरह की परेशानी ना आए उसके लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं. किसानों को कम लागत मिलने के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अगर उनके पास ऐसी कोई लिखित में शिकायत आती है तो उस पर कार्रवाई करते हुए सरकार को भेजा जाएगा.

यमुनानगरः यमुनानगर की अनाज मंडी में लगभग सभी किसानों की धान पहुंच चुकी है, इक्का-दुक्का किसान ही अब मंडियों में आ रहे हैं. वहीं ईटीवी भारत की टीम ने जब यमुनानगर की अनाज मंडी का जायजा लिया तो मंडी में इंतजाम तो पर्याप्त नजर आए, लेकिन किसानों को फसल का उचित दाम ना मिलने से किसान सरकार से हताश और नाराज नजर आए.

सरकार से नाराज किसान

केंद्र और प्रदेश की सरकारें भले की खुद को किसान हितैषी बतातीं हो और 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का दावा करतीं हो. लेकिन मंडी में मिले किसान सरकार से बिल्कुल नाराज दिखे और मौजूदा सरकार को किसान विरोधी बता रहे थे.

यमुनानगरः 2022 तक कैसे दोगुनी होगी किसानों की आय, जब MSP से भी कम मिलेंगे दाम, देखिए रिपोर्ट.

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MSP भी नहीं मिल रही किसानों को

किसानों ने बताया के तैयार मोटी जीरी का रेट 1835 रुपये निर्धारित किया गया है, लेकिन आढ़ती मुश्किल से 1500 या 1600 रुपये में जीरी खरीद रहे हैं. कभी नमी के नाम पर पैसे काट लिए जाते हैं, तो कभी किसी और कारण से. महीन धान के रेट भी पिछले साल के मुकाबले डेढ़ से दो गुने तक कम मिल रहे हैं. जिससे किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी ने दिया 'सरकारी' जवाब

किसानों का कहना है कि मजदूरी, खाद और दवाईयों के दाम पिछले साल के मुकाबले काफी बढ़ गए हैं और मंडियों में फसल के जो दाम मिल रहे हैं, उससे खेती की लागत निकलना भी मुश्किल हो गया है.
वही जब मामले को लेकर जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी राजेश आर्य ने कहा कि मंडियों में किसानों को किसी तरह की परेशानी ना आए उसके लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं. किसानों को कम लागत मिलने के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अगर उनके पास ऐसी कोई लिखित में शिकायत आती है तो उस पर कार्रवाई करते हुए सरकार को भेजा जाएगा.

Intro:एंकर। ईटीवी भारत की स्पेशल प्रोग्राम के तहत हमारी टीम यमुनानगर के अनाज मंडी में पहुंची जहां पर मंडी में तो इंतजाम पर्याप्त पाए गए लेकिन अपनी फसल का उचित मूल्य न मिलने से कसा किसान हताश नजर आए।


Body:वीओ यमुनानगर की अनाज मंडी में लगभग सभी किसानों के धान मंडियों में पहुंच चुकी है इक्का-दुक्का किसान ही अब मंडियों में आ रहे हैं। ईटीवी भारत की टीम ने जब यमुनानगर की अनाज मंडी का जायजा लिया तो मंडी के इंतजाम तो पर्याप्त नजर आए लेकिन किसानों को उचित नाम मूल्य ना मिलने से किसानों में काफी रोष नजर आया। हरियाणा सरकार भले ही अन्नदाता की आय दुगनी करने का दावा करती हो लेकिन और खुद को किसान हितैषी सरकार बताती हो लेकिन किसान इससे काफी नाखुश नजर आ रहे हैं और मौजूदा सरकार को किसान विरोधी सरकार बताते हैं।

वीओ किसान रामकुमार ने बताया के तैयार जीरी का रेट 1835 रुपए निर्धारित किया गया है लेकिन आढ़ती मुश्किल से 1500 या 1600 रुपये खरीद रहे हैं । कभी नमी के नाम पर पैसे काट लिए जाते हैं और कभी किसी और कारण से। जिससे किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिससे उनके लागत भी फसल की लागत भी पूरी नहीं हो रही है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा के इस सरकार में तो जिमीदार बिल्कुल ही खत्म हो चुका है।

बाइट राम कुमार ( किसान

वीओ गांव बंबोली से आए किसान अशोक कुमार का कहना है के पिछले साल के मुकाबले इस बार फसल की लागत कम मिली है। फसल की कटाई के लिए मजदूरी भी महंगी पड़ी है और फसल के लिए दवाइयां भी इस साल ज्यादा महंगी मिली है। क्योंकि फसल को बीमारियां ही इतनी बढ़ती जा रही हैं ख्वाब भी पहले के मुकाबले अब महंगी मिलती है इससे किसान की लागत भी पूरी नहीं हुई है।

बाइट अशोक कुमार

वीओ वही अधिकारी सब कुछ सही बता रहे हैं । जिला खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारी राजेश आर्य ने का कहना है के मंडियों में किसानों को किसी तरह की परेशानी ना आए उसके लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं किसानों को कम लागत मिलने के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अगर उनके पास ऐसी कोई लिखित में शिकायत आती है तो उस पर कार्रवाई करते हुए सरकार को भेजा जाएगा।

बाइट। राजेश आर्य ( जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी )


Conclusion:
Last Updated : Nov 24, 2019, 3:26 PM IST
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