यमुनानगर: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल(National Green Tribunal) के मुताबिक बिना एनवायरमेंट क्लीयरेंस के चल रहे फॉर्मलडिहाइड प्लांट (formaldehyde plant) को बंद करने के आदेश हैं, लेकिन यमुनानगर में फिर भी साल 2006 के बाद लगे बिना एनवायरमेंट क्लीयरेंस के 7 फॉर्मलडिहाइड प्लांट चल रहे हैं. 15 दिन पहले ये मामला पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (Pollution control Board) के संज्ञान में लाया गया था जिसके बाद विभाग ने कहा था कि इन फैक्ट्रियों को सील कर दिया गया है.
विभाग के अधिकारियों ने बताया था कि इनके बिजली कनेक्शन काटने के लिए बिजली विभाग को लिख दिया गया है, लेकिन अभी भी ये प्लांट देर रात धड़ल्ले से एनजीटी के नियमों के विरुद्ध जाकर अपना काम जारी रखे हुए हैं और अभी तक इनके बिजली कनेक्शन भी नहीं काटे गए हैं.
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आपको बता दें कि हरियाणा के यमुनानगर में 9 फॉर्मलडिहाइड प्लांट चल रहे हैं जिनमें से सिर्फ दो प्लांट्स के पास एनवायरमेंट क्लीयरेंस है, बाकी प्लांट एनजीटी के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं. पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने कार्रवाई की बात कही थी लेकिन बावजूद इसके ये प्लांट चल रहे हैं. वहीं जब मीडिया की टीम मौके पर पहुंची तो देर रात वहां एक फैक्ट्री में गुजरात नंबर की 6 गाड़ियां मौजूद थी जिनमें से एक गाड़ी के जरिए फैक्ट्री में केमिकल भरा जा रहा था.
पत्रकारों को देख फैक्ट्री के लोग बाहर आ गए और उनका कहना था कि प्लांट बंद पड़ा है इसलिए मशीने जाम होने का डर बना रहता है. उन लोगों ने कहा कि मशीने खराब न हो जाए इसके लिए उनका सरकुलेशन जरूरी होता है. अब सवाल ये उठका है कि जब प्लांट बंद करने के आदेश दे दिए गए हैं तो मशीने क्यों चलाई जा रही थी.
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वहीं जब इस बारे में पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अधिकारी से बातचीत की गई तो उन्होंने फैक्ट्री के चालू रहने की बात पर कुछ भी कहने से मना कर दिया. उन्होंने बस इतना कहा कि प्लांट्स को सील कर दिया है और बिजली विभाग को इनके कनेक्शन काटने के लिए पत्र लिख दिया गया है.
उनसे जब पूछा गया कि आखिर सील होने के बावजूद यह फैक्ट्रियां कैसी चल रही हैं तो उनके पास कोई जवाब नहीं था. वहीं इस मामले में बिजली विभाग के अधिकारी का कहना था कि उन्हें पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की तरफ से लेटर मिल चुका है और वो जल्द ही इन फैक्ट्रियों के बिजली कनेक्शन काट देंगे.