यमुनानगर: पहाड़ों में हो रही बारिश का असर एक बार फिर से मैदानी इलाकों में दिखाई देना शुरू हो गया है. मैदानी इलाकों में भी बारिश लगातार जारी है. जिसकी वजह से नदियां उफान पर हैं. शुक्रवार और शनिवार को बारिश के बाद हथिनी कुंड बैराज पर यमुना नदी का पानी ढाई लाख क्यूसेक के पास दर्ज किया गया. ये पानी अगले 72 घंटों में दिल्ली पहुंचेगा. जिसके बाद दिल्ली में एक बार फिर से बाढ़ जैसे हालात पैदा हो सकते हैं.
बता दें कि यमुना नदी उत्तराखंड और हिमाचल के पहाड़ी इलाकों से निकल कर धरातल पर पहुंचती है. जिसके बाद यमुनानगर के हथिनी कुंड बैराज पर इस नदी के पानी को डायवर्ट किया जाता है. शुक्रवार और शनिवार की सुबह केचमेंट एरिया में भारी बरसात हुई. इसके अलावा पहाड़ों में भी लगातार बारिश हो रही है. जिसके चलते यमुना का जलस्तर हथिनी कुंड बैराज पर शनिवार सुबह 8 बजे तक 87177 क्यूसेक दर्ज किया गया.
22 जून 2023 को यानी शनिवार सुबह 9 बजे यमुना नदी का जलस्तर 147857 क्यूसेक दर्ज किया गया, इसके बाद 10 बजे 209042 क्यूसेक, 11 बजे 223054 क्यूसेक, 12 बजे 240825 क्यूसेक और 1 बजे 241518 क्यूसेक और 2 बजे तक 251987 पानी दर्ज किया गया. अभी केचमेंट एरिया में लगातार बरसात बताई जा रही है. ये पानी और भी बढ़ सकता है. जिसके चलते निचले इलाकों को सूचित कर दिया गया है. दिल्ली में भी सूचना दे दी गई है.
100000 क्यूसेक से ऊपर पानी दर्ज किए जाने के बाद हथिनी कुंड बैराज के सभी 18 गेट खोल दिए गए थे और डब्ल्यूजेसी (हरियाणा की तरफ आने वाली नदी) और ईवाईसी (उत्तर प्रदेश की तरफ जाने वाली नदी) को सेंट्रल वाटर कमीशन की हिदायतों के मुताबिक बंद कर दिया गया. इसके अलावा निचले इलाकों और दिल्ली को इस बारे में सूचित कर दिया गया है. - विजय गर्ग, कार्यकारी अभियंता, सिंचाई विभाग
बता दें कि यमुना नदी में 100000 क्यूसेक पानी आने पर मिनी फ्लड घोषित कर दिया जाता है. पानी 250000 क्यूसेक दर्ज होने पर फ्लड घोषित कर दिया जाता है. जिसके बाद निचले इलाकों को सूचित कर दिया जाता है. इस सीजन अभी तक 359000 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया है. हालांकि अभी हिमाचल और उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में लगातार बरसात बताई जा रही है. जिसके चलते यमुना नदी में अभी और जलस्तर बढ़ने की संभावना जताई जा रही है. अब ये ढाई लाख क्यूसेक पानी अगले 72 घंटों में दिल्ली पहुंचेगा.