यमुनानगर: रादौर के पूर्णगढ़ गांव (Purnagarh Village Radaur Yamunanagar) में प्रतिबंधित मांस मिलने पर ग्रामीणों ने हंगामा कर (Villagers protest in yamunanagar) दिया. ग्रामीणों का आरोप है कि नलकूप के पास प्रवासी मजदूरों ने प्रतिबंधित मांस का इस्तेमाल किया है. ग्रामीणों ने मामले की सूचना पुलिस को दी. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और प्रतिबंधित मांस को कब्जे में ले लिया. पुलिस का कहना है कि प्रतिबंधित मांस किस जानवर का है जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा.
मामला बीते रविवार की देर रात का बताया जा रहा है, प्रतिबंधित मांस मिलने पर पूर्णगढ़ व बापा के ग्रामीण रादौर पुलिस स्टेशन पहुंचे और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कहकर प्रदर्शन करने लगे. ग्रामीणों का आरोप है कि प्रवासी मजदूर (migrant labourers in yamunanagar) जो मांस पका रहे थे वो प्रतिबंधित है. एक ग्रामीण बख्शीश सिंह ने बताया कि गांव पूर्णगढ़ में एक किसान के नलकूप पर धान लगाने के लिए प्रवासी लेबर रुके हुए हैं.
रविवार को लेबर से कुछ लोग गांव बापा से चिकन लेकर आए. शाम के समय जैसे ही वह उसे बना रहे थे तो गांव के कुछ लोग वहां पर पहुंच गए. इसके बाद यह बात गांव में आग की तरह फैल गई. इसके बाद ग्रामीणों ने लेबर कर्मियों पिटाई कर दी. इसी दौरान सूचना पुलिस तक पहुंची तो पहले डायल 112 की टीम मौके पर पहुंची. इसके बाद रादौर थाने की टीम पहुंची. लेबर कर्मियों को पुलिस वहां से लेकर थाने पहुंची. इस दौरान दोनों गांव के सैकड़ों लोग थाने पहुंचे और देर रात हंगामा करने लगे.
उनकी मांग थी कि आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए. वहीं मामले की सूचना पर गौ रक्षक दल और हिंदू संगठन के कार्यकर्ता भी मौके पर पहुंचे. पूरे मामले पर रादौर डीएसपी रजत गुलिया ने बताया कि प्रतिबंधित मीट की सूचना के बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची थी. यह मीट किस पशु या जानवर का है अभी इस बारे कुछ नहीं कहा जा सकता. मौके पर पशुपालन विभाग की टीम को सेम्पल के लिए बुलाया गया है. सेंपल के बाद जो भी रिपोर्ट आएगी, उस आधार पर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि अभी इस मामले में पांच लोगों को कब्जे में लिया गया है, जिनमें से कुछ प्रवासी मजदूर हैं, जबकि कुछ बापा गांव के शामिल हैं.