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सरस्वती की धरा को धार देने की कोशिश, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने की प्रोजेक्ट पर चर्चा

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Published : Dec 7, 2019, 11:07 PM IST

केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने बताया कि पिछली बैठक में सरस्वती उद्गम स्थल की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया गया हैं. दूसरे दौर में इसरो, एएसआई और जीएसआई की मदद से स्थाई स्तंभ बनाकर सरस्वती के डी-मार्केशन का काम शुरू कर दिया जाएगा.

prahlad patel reached yamunanagar
केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल

यमुनानगर: केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल यमुनानगर पहुंचे. सबसे पहले उन्होंने पराकलां स्थित देश के सबसे बड़े अशोक चक्र का जायजा लिया. इसके बाद वो सरस्वती उद्गम स्थल के शोद्धकर्ता पद्म भूषण दर्शनलाल जैन के निवास स्थान पर पहुंचे और उनसे प्रोजेक्ट को लेकर बातचीत की.

'सरस्वती को दोबारा जीवित करना है बड़ा काम'
बातचीत के बाद केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि सरस्वती का काम एक बड़ा काम हैं. जिसका श्रय दर्शनलाल जैन को जाता है. पिछली बैठक में सरस्वती उद्गम स्थल की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया गया हैं. दूसरे दौर में इसरो, एएसआई और जीएसआई की मदद से स्थाई स्तंभ बनाकर सरस्वती के डी-मार्केशन का काम शुरू कर दिया जाएगा.

सरस्वती की धरा को धार देने की कोशिश

केंद्रीय मंत्री ने ये भी कहा कि सरस्वती को पूर्णजीवित करने के लिए सबसे पहले सभी को विश्वास करना होगा, क्योंकि अविश्वास करने का कोई आधार नही हैं. उन्होंने कहा कि सरस्वती उद्गम स्थल को भुलाया नही जा सकता है. वहीं इस मौके पर दर्शनलाल जैन ने केंद्रीय पर्यटन मंत्री को सरस्वती उद्गम स्थल से जुड़ी अपनी किताबे भेंट की.

क्या है प्रोजेक्ट?
हजारों करोड़ के ये प्रोजेक्ट हरियाणा सरकार का मेगा प्रोजेक्ट है. इस प्रोजेक्ट के तहत एक काम हिमाचल सरकार के साथ मिलकर किया जाना है, जिसमें काठगढ़ के पास एक डैम बनाया जाएगा. उस डैम में हिमाचल से आने वाला पानी को इकट्ठा किया जाएगा, जो सरस्वती नदी में छोड़ा जाएगा. यमुनानगर के आदिबद्री को सरकार पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की सोच रही है.

इस डैम में हिमाचल का काफी हिस्सा शामिल होगा, जिसके लिए हिमाचल से एनओसी मांगा गया है. इसके बाद सरस्वती रिवर के रिवाइवल का काम शुरू होगा. इसके लिए बाकायदा यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल और सिरसा तक सरस्वती नदी के मार्ग में शामिल जिलों से प्रोजेक्ट मांगे गए हैं.

ये भी पढ़िए: खेल मंत्री संदीप सिंह का बयान, 'हरियाणा में खेल स्टेडियम नहीं ट्रेनिंग सेंटर बनाएगी सरकार'

यमुनानगर और कुरुक्षेत्र में जो प्रोजेक्ट तैयार हुआ है उसके तहत सरस्वती नदी की चौड़ाई बढ़ाई जाएगी, कई स्थानों पर ब्रिज बनाए जाएंगे. इसको लेकर प्रोजेक्ट तैयार किया गया है. इस प्रोजेक्ट पर प्राथमिक स्तर पर 235 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. ये अकेले यमुनानगर में होने वाले कार्यों की बात है, अन्य जिलों में भी लगभग इतनी राशि से इस प्रोजेक्ट पर होने वाले कार्य को पूरा किया जा सकेगा.

यमुनानगर: केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल यमुनानगर पहुंचे. सबसे पहले उन्होंने पराकलां स्थित देश के सबसे बड़े अशोक चक्र का जायजा लिया. इसके बाद वो सरस्वती उद्गम स्थल के शोद्धकर्ता पद्म भूषण दर्शनलाल जैन के निवास स्थान पर पहुंचे और उनसे प्रोजेक्ट को लेकर बातचीत की.

'सरस्वती को दोबारा जीवित करना है बड़ा काम'
बातचीत के बाद केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि सरस्वती का काम एक बड़ा काम हैं. जिसका श्रय दर्शनलाल जैन को जाता है. पिछली बैठक में सरस्वती उद्गम स्थल की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया गया हैं. दूसरे दौर में इसरो, एएसआई और जीएसआई की मदद से स्थाई स्तंभ बनाकर सरस्वती के डी-मार्केशन का काम शुरू कर दिया जाएगा.

सरस्वती की धरा को धार देने की कोशिश

केंद्रीय मंत्री ने ये भी कहा कि सरस्वती को पूर्णजीवित करने के लिए सबसे पहले सभी को विश्वास करना होगा, क्योंकि अविश्वास करने का कोई आधार नही हैं. उन्होंने कहा कि सरस्वती उद्गम स्थल को भुलाया नही जा सकता है. वहीं इस मौके पर दर्शनलाल जैन ने केंद्रीय पर्यटन मंत्री को सरस्वती उद्गम स्थल से जुड़ी अपनी किताबे भेंट की.

क्या है प्रोजेक्ट?
हजारों करोड़ के ये प्रोजेक्ट हरियाणा सरकार का मेगा प्रोजेक्ट है. इस प्रोजेक्ट के तहत एक काम हिमाचल सरकार के साथ मिलकर किया जाना है, जिसमें काठगढ़ के पास एक डैम बनाया जाएगा. उस डैम में हिमाचल से आने वाला पानी को इकट्ठा किया जाएगा, जो सरस्वती नदी में छोड़ा जाएगा. यमुनानगर के आदिबद्री को सरकार पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की सोच रही है.

इस डैम में हिमाचल का काफी हिस्सा शामिल होगा, जिसके लिए हिमाचल से एनओसी मांगा गया है. इसके बाद सरस्वती रिवर के रिवाइवल का काम शुरू होगा. इसके लिए बाकायदा यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल और सिरसा तक सरस्वती नदी के मार्ग में शामिल जिलों से प्रोजेक्ट मांगे गए हैं.

ये भी पढ़िए: खेल मंत्री संदीप सिंह का बयान, 'हरियाणा में खेल स्टेडियम नहीं ट्रेनिंग सेंटर बनाएगी सरकार'

यमुनानगर और कुरुक्षेत्र में जो प्रोजेक्ट तैयार हुआ है उसके तहत सरस्वती नदी की चौड़ाई बढ़ाई जाएगी, कई स्थानों पर ब्रिज बनाए जाएंगे. इसको लेकर प्रोजेक्ट तैयार किया गया है. इस प्रोजेक्ट पर प्राथमिक स्तर पर 235 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. ये अकेले यमुनानगर में होने वाले कार्यों की बात है, अन्य जिलों में भी लगभग इतनी राशि से इस प्रोजेक्ट पर होने वाले कार्य को पूरा किया जा सकेगा.

Intro:एंकर - सरस्वती उदगम स्थल की खोज एक बड़ा काम हैं, इस प्रोजेक्ट की रिपोर्टस पिछली बैठक में स्वीकार कर ली गई हैं बहुत जल्द इसरों, एएसआई और जीएसआई के सहयोग से स्थाई स्तंब बनाकर सरस्वती की डी-मार्केशन शुरू करवाई जाएगी। शनिवार को यमुनानगर पहुंचे केन्द्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने टोपराकलां स्थित देश के सबसे बड़े अशोक चक्र का अवलोकन करने के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए यह बात कही। केन्द्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि सरस्वती को पूर्णजीवित करने के लिए सबसे पहले सभी को विश्वास करना होगा। क्योंकि अविश्वास करने का कोई आधार नही हैं। और आने वाले समय में आदिबद्री को दुनियां में एक अलग पहचान दिलवाने के प्रयास जारी हैं। Body:वीओ 1 - शनिवार को यमुनानगर पहुंचे केन्द्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने सबसे पहले टोपराकलां स्थित देश के सबसे बड़े अशोक चक्र का अवलोकन किया इसके बाद वह सरस्वती उदमस्थल के शोद्धकर्ता पद्म भूषण दर्शनलाल जैन के निवास स्थान पर पहुंचे। और सरस्वती प्रजेक्ट को लेकर दोनों में काफी समय तक अहम चर्चा हुई। केन्द्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि सरस्वती का काम एक बड़ा काम हैं। जिसका श्रेय दर्शनलाल जैन को जाता है। पिछली बैठक में सरस्वती उदगम की रिपोर्टस को स्वीकार कर लिया गया हैं। दूसरे दौर में इसरों एएसआई और जीएसआई के सहयोग से स्थाई स्तंब बनाकर सरस्वती का डी-मार्केशन का काम शूरू किया जाएगा। और सरस्वती को पूर्णजीवित किया जाएगा उसके लिए सबको विश्वास करना होगा क्योंकि अविश्वास करने का कोई आधार नही हैं। सरस्वती उदगम स्थल को भुलाया नही जा सकता आदिबद्री स्थित उदगम स्थल किन्हीं प्राकृतिक कारणो से आगे पीछे हुआ होगा मगर उसपर भी शोद्ध हैं आदिबद्री को दुनियां जाने इसके प्रयास किए जा रहे है।

बाईट - प्रहलाद सिंह पटेल, केन्द्रीय पर्यटन मंत्री

वीओ 2 - इस अवसर पर दर्शनलाल जैन ने केन्द्रीय पर्यटन मंत्री को सरस्वती उदगम स्थल से जुड़ी अपनी किताबे भेंट की जिसपर चुटकी लेते हुए प्रहलाद पटेल ने कहा कि आप किताबे दे तो रहें हो मैं मना नही कर पा रहा हुं लेकिन मैं इन्हें पढ़ूंगा नही वह किताबे कम पढ़ते हैं और काम ज्यादा करते हैं।

बाईट - प्रहलाद सिंह पटेल, केन्द्रीय पर्यटन मंत्री
Conclusion:
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