सिरसा: हरियाणा के सिरसा में गांव टीटू खेड़ा का एक परिवार अपने दो दिव्यांग बच्चों के साथ सरकारी दफ्तरों के धक्के खाने को मजबूर हो रहा है. दरअसल, परिवार के लोगों का आरोप है कि गांव में एक व्यक्ति उसके मकान और खेत के नजदीक रास्ते पर कब्जा करके बैठा है. जिस वजह से वे अपने मकान और खेत में सीधे तरीके से जान नहीं सकते, बल्कि कई घरों की छतों को क्रॉस करना पड़ता है. ऐसे में उनके सामने लकड़ी की सीढ़ी का सहारा लेना ही मजबूरी है.
पुलिस से की फरियाद: परिवार का कहना है कि दोनों बच्चों को छोटे-मोटे काम के लिए भी लकड़ी की सीढ़ी से वे उठाकर ले जाते हैं और अपनी जान जोखिम में डालते हैं. पीड़ित का कहना है कि अपने मकान और खेत के पास की जमीन पर कब्जा होने की शिकायत कई बार सिरसा पुलिस और जिला प्रशासन को दे चुके हैं. इसके बावजूद भी कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई. जिसके बाद पीड़ित परिवार सिरसा प्रशासन की दहलीज पर इंसाफ की गुहार लगाने पहुंचा है.
डीसी ने पुलिस को दिए निर्देश: डीसी शांतनु शर्मा ने सिरसा पुलिस को इस मामले में जल्द ही कार्रवाई करने के आदेश जारी कर दिए हैं. सिरसा के लघु सचिवालय में पीड़ित जसवंत सिंह और उनकी पत्नी सरोज रानी ने बताया कि "गांव का एक व्यक्ति सतनाम सिंह जो कि फौज में है, उनके घर और खेत की ओर जाने वाले रास्ते पर कब्जा करके बैठा है. इस रास्ते की कार्रवाई को लेकर कोर्ट में केस भी किया था. केस भी जीत गए. जिसके बावजूद उनको रास्ता नहीं दिया जा रहा है". उन्होंने कहा कि कई बार सिरसा पुलिस और जिला प्रशासन के सामने इस बाबत शिकायत भी दी गई है. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
दिव्यांग बच्चों के माता-पिता पर अत्याचार: पीड़ित परिवार ने बताया कि रास्ता नहीं मिलने की वजह से वे अपने घर में भी नहीं जा पा रहे हैं. बल्कि किसी दूसरे मकान की छत से दोनों दिव्यांग बच्चों को अपनी गोद में उठाकर जाने को मजबूर है. आरोप है कि जब पीड़ित परिवार ने सतनाम सिंह से रास्ता दिए जाने की मांग की तो सतनाम और उसके साथियों ने उन्हें कई बार धमकाया भी था.
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