गया/यमुनानागर: बिहार के गया रेलवे स्टेशन से आरपीएफ व सीआईबी की टीम ने बुधवार को दो यात्रियों से 18 लाख रुपया कैश बरामद करने में बड़ी सफलता हासिल की है. दोनों यात्री पिता-पुत्र बताये गए हैं. आरपीएफ की टीम ने इस मामले की जानकारी आयकर विभाग को भी दी है, जिसके बाद आयकर विभाग की टीम पैसे की वैधता की जांच पड़ताल की जा रही है. दोनों की पहचान पंकज कुमार और पुत्र राघव गुप्ता के रूप में हुई है. दोनों हरियाणा के यमुनानगर जिले के सिविल लाइन थाना जगाधरी के रहने वाले हैं.
आरपीएफ और सीआईबी की टीम को मिली सफलता: रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट गया के अधिकारी और सीआईबी के स्टाफ स्टेशन परिसर में बुधवार को अपराधिक गतिविधियों पर निगरानी रख रहे थे. उसी दौरान प्लेटफॉर्म संख्या 1 पर 2 व्यक्तियों को संदिग्ध अवस्था में अपने-अपने कंधे में बैग लिए हुए देखा गया. जब दोनों को पूछताछ के लिए रुकवाया गया तो दोनों घबरा गए. संदेह होने पर दोनों की बैग की तलाशी ली गई तो दोनों के अलग-अलग बैग से करीब 18 लाख रुपए की बरामदगी की गई. दोनों खुद को पिता-पुत्र और दिल्ली में बर्तन का थोक कारोबारी बता रहे हैं.
जांच में जुटी आयकर विभाग की टीम : पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि गया और सासाराम में बर्तन की डिलीवरी पिछले महीने कराई गई थी और पैसे के तकादे के लिए आए थे. हालांकि 18 लाख रुपए से संबंधित किसी प्रकार का कागजात उन्होंने आरपीएफ के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया. वहीं, आरपीएफ की सूचना के बाद आयकर विभाग की टीम अब जांच में जुट गई है. जानकारी के अनुसार दोनों दिल्ली जाने के लिए हावड़ा राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन को पकड़ने के लिए गया जंक्शन पहुंचे थे.
क्या कहते हैं आरपीएफ अधिकारी?: वहीं, इस मामले में आरपीएफ अधिकारी ने कहा कि शुरुआती पूछताछ में पिता-पुत्र ने अपने-अपने बैग में काफी रुपए होने की बात स्वीकार किया. इसके बाद उन्हें पोस्ट पर लाया गया और उन दोनों के बैग में रखे भारतीय मुद्रा को निकाला गया, जो कि करीब 18 लाख रुपए निकले. जब दोनों से इस रुपए के बारे में पूछा गया तो बताया कि सासाराम एवं गया के व्यापारियों को स्टील के बर्तन पूर्व में दिए गए थे, उसी बर्तन के ये पैसे हैं. हालांकि दोने बाप बेटे मौके पर कोई वैध कागजात दिखाने में दोनों असफल रहे. आरपीएफ अधिकारी ने कहा कि, जब्त रुपए के मामले की जांच में आयकर विभाग की मदद ली जा रही है.
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