यमुनानगर: जिले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal) के आदेशों ने बिना एनवायरमेंट क्लीयरेंस के चल रहे फॉर्मलडिहाइड प्लांट्स (Formaldehyde Plants) को बंद करने आदेश दिए हुए हैं, लेकिन यमुनानगर में फिर भी साल 2006 से बिना एनवायरमेंट क्लीयरेंस के फॉर्मलडिहाइड प्लांट चल रहे हैं. यमुनानगर में 9 फॉर्मलडिहाइड प्लांट्स चल रहे हैं, लेकिन इनमें से सिर्फ दो ही प्लांट्स के पास एनवायरमेंट क्लीयरेंस हैं बाकि 7 प्लांट बिना एनवायरमेंट क्लीयरेंस के धड़ल्ले से चल रहे हैं.
पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड भी इन प्लांट्स को कई बार चेतावनी दे चुका है, लेकिन शायद इन प्लांट्स के मालिकों की कान पर जूं तक नहीं रेंग रही. इस बारे में एक बार फिर संज्ञान में लाने के लिए पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से संपर्क किया गया. करीब 10 दिन पहले पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने जल्द ही कार्रवाई करने की बात कही थी, लेकिन 10 दिन बीत जाने के बावजूद अब तक ये प्लांट धड़ल्ले से चल रहे थे.
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वहीं कार्रवाई ना होने के चलते ये मामला जिला उपायुक्त गिरीश अरोड़ा के संज्ञान में लाया गया. इस पर जिला उपायुक्त ने कहा कि उन्होंने हाल ही में यहां कार्यभार संभाला है और यदि एनजीटी के नियमों की अवहेलना की जा रही है तो वे पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ही नहीं बल्कि टीम गठित कर इसकी जांच करवाएंगे. यदि कोई भी दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
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