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'अगर सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी तो नहीं होगी गेहूं की खरीद'

रादौर में आढ़ती एसोसिएशन ने जिला स्तरीय बैठक की. बैठक में ये साफ कहा गया कि अगर सरकार ने गेहूं खरीद नीति को स्पष्ट नहीं किया तो वो गेहूं की खरीद नहीं होने देंगे.

radaur grain traders warning to haryana govt before crops purchase
radaur grain traders warning to haryana govt before crops purchase
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Published : Apr 16, 2020, 4:18 PM IST

Updated : May 23, 2020, 9:09 PM IST

यमुनानगर: हरियाणा में 20 अप्रैल से शुरू होने वाली गेहूं की खरीद से पहले ही आढ़ती सरकार के खिलाफ लामबंद होना शुरू हो गए हैं. गुरुवार को रादौर में आढ़ती एसोसिएशन की जिला स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया.

बैठक में आढ़तियों ने खरीद नीति स्पष्ट ना होने पर सरकार की जमकर आलोचना की. वहीं आढ़तियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगों पर कोई उचित कदम नहीं उठाया, तो 20 अप्रैल से शुरू होने वाली गेंहू की खरीद के कार्य को वो शुरू नही करेंगे.

बैठक के बाद पत्रकारों को जानकारी देते हुए एसोसिएशन के जिला प्रधान शिवकुमार संधाला ने कहा कि आढ़तियों की मांग है सरकार जो भी भुगतान करे वो आढ़तियों के माध्यम से ही करे ओर आढ़तियों को बाध्य नहीं किया जाए कि तीन दिन तक किसान का भुगतान किया जाए.

उन्होंने कहा कि सरकार से अब आढतियों का विश्वास उठ चुका है, क्योंकि धान सीजन का भी करोड़ों रुपये आढ़तियों का सरकार पर बकाया है. खैर एक तरफ जहां सरकार की कोरोना को लेकर पहले ही मुसीबतें बढ़ी हुई थी, वहीं अब आढ़तियों द्वारा सीजन के शुरू होने से पहले खरीद नीति पर सवाल उठने से सरकार को दोहरी मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है.

यमुनानगर: हरियाणा में 20 अप्रैल से शुरू होने वाली गेहूं की खरीद से पहले ही आढ़ती सरकार के खिलाफ लामबंद होना शुरू हो गए हैं. गुरुवार को रादौर में आढ़ती एसोसिएशन की जिला स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया.

बैठक में आढ़तियों ने खरीद नीति स्पष्ट ना होने पर सरकार की जमकर आलोचना की. वहीं आढ़तियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगों पर कोई उचित कदम नहीं उठाया, तो 20 अप्रैल से शुरू होने वाली गेंहू की खरीद के कार्य को वो शुरू नही करेंगे.

बैठक के बाद पत्रकारों को जानकारी देते हुए एसोसिएशन के जिला प्रधान शिवकुमार संधाला ने कहा कि आढ़तियों की मांग है सरकार जो भी भुगतान करे वो आढ़तियों के माध्यम से ही करे ओर आढ़तियों को बाध्य नहीं किया जाए कि तीन दिन तक किसान का भुगतान किया जाए.

उन्होंने कहा कि सरकार से अब आढतियों का विश्वास उठ चुका है, क्योंकि धान सीजन का भी करोड़ों रुपये आढ़तियों का सरकार पर बकाया है. खैर एक तरफ जहां सरकार की कोरोना को लेकर पहले ही मुसीबतें बढ़ी हुई थी, वहीं अब आढ़तियों द्वारा सीजन के शुरू होने से पहले खरीद नीति पर सवाल उठने से सरकार को दोहरी मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है.

Last Updated : May 23, 2020, 9:09 PM IST
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