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प्लाईवुड कारोबारियों को सताने लगा श्रमिकों के पलायन का डर, सरकार से की बंद पड़ी फैक्ट्रियों को खोलने की मांग

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Published : May 15, 2021, 4:48 PM IST

प्लाईबोर्ड व्यापारियों ने कैबिनेट मंत्री कंवरपाल गुर्जर से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि अगर बंद पड़ी फैक्ट्रियों को नहीं खोला गया तो श्रमिक पलायन कर जाएंगे. ऐसे में आने वाले वक्त में उनके साथ-साथ सरकार के राजस्व को भी काफी नुकसान हो सकता है.

plywood factory owner
प्लाईवुड कारोबारियों को सता रहा श्रमिकों के पलायन का डर

यमुनानगर: लॉकडाउन के चलते निगम क्षेत्र में प्रशासन ने प्लाईवुड फैक्ट्री बंद करा दी है. प्लाईवुड व्यापारियों का कहना है कि इस कारण काफी श्रमिक घर लौट रहे हैं. जो श्रमिक रुके हैं, वो काम न होने के कारण परेशान हैं. अगर सभी श्रमिक पलायन कर गए तो जिले का प्लाईवुड कारोबार चौपट हो जाएगा. जिले की पहचान प्लाईवुड कोरोबार से ही है.

बता दें कि प्लाईवुड कारोबारी फैक्ट्री खोलने की मांग को लेकर कैबिनेट मंत्री कंवरपाल गुर्जर से मिले. जहां उन्होंने कैबिनेट मंत्री को ज्ञापन सौंपकर बंद पड़ी फैक्ट्रियों को नियम अनुसार चलाने देने की अनुमति देने की मांग की.

कारोबारियों ने कहा कि प्लाईवुड फैक्ट्रियों में अधिकतर श्रमिक बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बंगाल के हैं. डेढ़ लाख से ज्यादा श्रमिक इस इंडस्ट्री में कार्य करते हैं. अगर सभी श्रमिक घर चले गए तो कई माह तक इंडस्ट्री सुचारू रूप से नहीं चल पाएगी. बिना श्रमिक के बोर्ड इंडस्ट्री नहीं चल सकती है. इंडस्ट्री बंद होने से सरकार को राजस्व का भी नुकसान है.

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कारोबारियों ने कहा कि बिजली का बिल और अन्य खर्च बंद इंडस्ट्री में भी हो रहे हैं. अधिकतर फैक्ट्री में सैनिटाइजर की व्यवस्था है, इसलिए उनको कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक इंडस्ट्री चलाने की अनुमति दी जाए.

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दूसरी तरफ कैबिनेट मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कारोबारियों को मुख्यमंत्री से बात करने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि जल्द ही कारोबारियों की समस्या को हल करवा लिया जाएगा.

यमुनानगर: लॉकडाउन के चलते निगम क्षेत्र में प्रशासन ने प्लाईवुड फैक्ट्री बंद करा दी है. प्लाईवुड व्यापारियों का कहना है कि इस कारण काफी श्रमिक घर लौट रहे हैं. जो श्रमिक रुके हैं, वो काम न होने के कारण परेशान हैं. अगर सभी श्रमिक पलायन कर गए तो जिले का प्लाईवुड कारोबार चौपट हो जाएगा. जिले की पहचान प्लाईवुड कोरोबार से ही है.

बता दें कि प्लाईवुड कारोबारी फैक्ट्री खोलने की मांग को लेकर कैबिनेट मंत्री कंवरपाल गुर्जर से मिले. जहां उन्होंने कैबिनेट मंत्री को ज्ञापन सौंपकर बंद पड़ी फैक्ट्रियों को नियम अनुसार चलाने देने की अनुमति देने की मांग की.

कारोबारियों ने कहा कि प्लाईवुड फैक्ट्रियों में अधिकतर श्रमिक बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बंगाल के हैं. डेढ़ लाख से ज्यादा श्रमिक इस इंडस्ट्री में कार्य करते हैं. अगर सभी श्रमिक घर चले गए तो कई माह तक इंडस्ट्री सुचारू रूप से नहीं चल पाएगी. बिना श्रमिक के बोर्ड इंडस्ट्री नहीं चल सकती है. इंडस्ट्री बंद होने से सरकार को राजस्व का भी नुकसान है.

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कारोबारियों ने कहा कि बिजली का बिल और अन्य खर्च बंद इंडस्ट्री में भी हो रहे हैं. अधिकतर फैक्ट्री में सैनिटाइजर की व्यवस्था है, इसलिए उनको कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक इंडस्ट्री चलाने की अनुमति दी जाए.

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दूसरी तरफ कैबिनेट मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कारोबारियों को मुख्यमंत्री से बात करने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि जल्द ही कारोबारियों की समस्या को हल करवा लिया जाएगा.

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