यमुनानगर: रादौर में गंगा दशहरे के अवसर पर श्रद्धालु यमुना नहर के गंदे पानी में पूजा अर्चना करने को मजबूर दिखाई दिए. लोगों ने बाताया कि नहर में गंदा पानी जमा है. लेकिन गंगा दशहरे पर यहां पूजा करने की पौराणिक मान्यता है. जिसके चलते वो जहां नहाने और पूजा अर्चना करने के लिए पहुंचे हैं. हालांकि इस दौरान उन्होंने नहर में छोड़े जा रहे गंदे पानी के लिए सरकार और प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया.
गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान का बेहद खास महत्व होता है. ऐसा कहा जाता है कि गंगा दशहरे के दिन स्नान और पूजा अर्चना करने से दरिद्रता दूर हो जाती है. जिसके चलते रादौर में श्रद्धालुओं ने यमुना नहर के गंदे पानी में पूजा अर्चना और स्नान किया. श्रद्धालुओं ने बताया कि गंगा दशहरे पर यमुनानगर में पूजा करने और स्नान करने की पौराणिक मान्यता है.
यमुना नहर में छोड़े जा रहे गंदे पानी को लेकर स्वामी महेशाश्रम ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि एक तरफ तो बीजेपी सरकार गाय और गंगा की बात करती है. वहीं दूसरी तरफ गाय और गंगा की हालत आज सबके सामने है. उन्होंने कहा कि गाय और गंगा की हालत को देखकर उन्हें आत्मिक दुःख पहुंचा है. इस दौरान लोगों ने भी कहा कि नहरों की सफाई के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं. लेकिन सफाई कहीं दिखाई नहीं देती है.
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देश में जिन नहरों को जीवनदायनी और पूजनीय माना जाता है. आज शासन-प्रशासन की लापरवाही और इनकी सफाई के लिए लाखों करोड़ों रुपये खर्च करने के दावों की सच्चाई सबके सामने है.