यमुनानगरः ओवरलोड वाहनों पर नकेल डालने में संबंधित विभाग नाकाम हो रहे हैं. जिसके चलते जिले के कई क्षेत्र डेंजर जोन बनकर रह गए हैं. इन मार्गों पर आए दिन सड़क दुर्घटनाएं बढ़ती ही जा रही है. इसके बावजूद अधिकारी केवल काटे गए चालानों के आंकड़ों की बाजीगरी दर्शा अपनी पीठ थपथपाने का काम कर रहे हैं.
पुलिस के सामने धड़ल्ले से चल रहा है ओवरलोडिंग का धंधा!
सरकार ने सड़कें सुरक्षित रहें इसके लिए वाहनों में कितना वजन ले जाया जाए, इसके वाहनों की क्षमता के अनुसार मानक तैयार किए हैं. इन मानको का उल्लंघन होने पर वाहन ओवरलोड माना जाता है. विभाग द्वारा उस पर भारी भरकम जुर्माने की व्यवस्था की गई है, लेकिन यहां पुलिस, वन और परिवहन विभाग के अधिकारियों के सामने ओवरलोड वाहन धड़ल्ले से जिले की सड़कों को रौंद रहे हैं.
ग्रामीणों से होती है अवैध वसूली!
हाल ही में तिगरा गांव के एक नौजवान फौजी की मौत से गुस्साए युवकों ने तो सीधे-सीधे खाकी पर सड़क दुर्घटना का आरोप लगा दिया था. ग्रामीणों का कहना था कि एंट्री के नाम पर अवैध वसूली कर पुलिसकर्मी ओवरलोडेड वाहनों को नहीं रोकते.