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यमुनानगर: सत्संग घरों में रह रहे प्रवासी मजदूरों ने छोड़ी नशे की लत

यमुनानगर में लॉकडाउन का एक अच्छा पहलू सामने आया है. राधा स्वामी सत्संग घर में कई प्रवासी मजदूर रुके हुए हैं. कई प्रवासी मजदूरों ने यहां नशे को बिल्कुल छोड़ दिया है. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर...

Migrant laborers living in satsang houses quit drug addiction in yamunanagar
Migrant laborers living in satsang houses quit drug addiction in yamunanagar
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Published : Apr 24, 2020, 6:21 PM IST

यमुनानगर: लॉकडाउन की वजह से जहां देश की आर्थिक स्थिति को बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है. वहीं इस लॉकडाउन से कुछ अच्छे पहलू भी सामने आ रहे हैं. लॉकडाउन के चलते यमुनानगर जिले में ऐसे प्रवासी मजदूर सामने आए हैं जो कई कई सालों से नशे में अपनी जिंदगी बर्बाद कर रहे थे, लेकिन अब इसका नतीजा ये निकला है कि कई लोगों ने नशे जैसी लत को छोड़ दिया है.

प्रवासी मजदूर अलग-अलग राज्यों से आए हुए हैं, लेकिन लॉकडाउन की वजह से उनको शैल्टर होम में रखा गया है. इन लोगों में बहुत से ऐसे भी हैं जो कई कई सालों से नशा कर रहे थे, लेकिन अब राधा स्वामी सत्संग की तरफ से चलाए जा रहे शैल्टर होम में कई लोग ऐसे हैं जो नशे से मुक्त हो चुके हैं.

सत्संग घरों में रह रहे प्रवासी मजदूरों ने छोड़ी नशे की लत

जिले में राधा स्वामी सत्संग की तरफ से अलग-अलग जगहों पर 22 शैल्टर होम स्थापित किए गए हैं. इन शैल्टर होम्स में 3000 से अधिक प्रवासी मजदूरों रुके हुए हैं. संस्था की तरफ से जहां उनके खाने-पीने रहने बाद का प्रबंध है, वहीं उनका ध्यान अच्छे कार्यों में लगे, इसके लिए वहां विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं.

शैल्टर होम में एलईडी लगाकर विशेष प्रवक्ता बुलाकर प्रवचन करवाए जाते हैं, जिसका असर इन प्रवासी मजदूरों पर देखने को मिल रहा है. ऐसे कई मजदूर हैं जिनको नशा छोड़ने के लिए भी प्रेरित किया जाता है और उसी का नतीजा ये निकला कि जो मजदूर कई सालों से नशा कर रहे थे, वो नशे को छोड़ चुके हैं.

यमुनानगर: लॉकडाउन की वजह से जहां देश की आर्थिक स्थिति को बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है. वहीं इस लॉकडाउन से कुछ अच्छे पहलू भी सामने आ रहे हैं. लॉकडाउन के चलते यमुनानगर जिले में ऐसे प्रवासी मजदूर सामने आए हैं जो कई कई सालों से नशे में अपनी जिंदगी बर्बाद कर रहे थे, लेकिन अब इसका नतीजा ये निकला है कि कई लोगों ने नशे जैसी लत को छोड़ दिया है.

प्रवासी मजदूर अलग-अलग राज्यों से आए हुए हैं, लेकिन लॉकडाउन की वजह से उनको शैल्टर होम में रखा गया है. इन लोगों में बहुत से ऐसे भी हैं जो कई कई सालों से नशा कर रहे थे, लेकिन अब राधा स्वामी सत्संग की तरफ से चलाए जा रहे शैल्टर होम में कई लोग ऐसे हैं जो नशे से मुक्त हो चुके हैं.

सत्संग घरों में रह रहे प्रवासी मजदूरों ने छोड़ी नशे की लत

जिले में राधा स्वामी सत्संग की तरफ से अलग-अलग जगहों पर 22 शैल्टर होम स्थापित किए गए हैं. इन शैल्टर होम्स में 3000 से अधिक प्रवासी मजदूरों रुके हुए हैं. संस्था की तरफ से जहां उनके खाने-पीने रहने बाद का प्रबंध है, वहीं उनका ध्यान अच्छे कार्यों में लगे, इसके लिए वहां विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं.

शैल्टर होम में एलईडी लगाकर विशेष प्रवक्ता बुलाकर प्रवचन करवाए जाते हैं, जिसका असर इन प्रवासी मजदूरों पर देखने को मिल रहा है. ऐसे कई मजदूर हैं जिनको नशा छोड़ने के लिए भी प्रेरित किया जाता है और उसी का नतीजा ये निकला कि जो मजदूर कई सालों से नशा कर रहे थे, वो नशे को छोड़ चुके हैं.

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