यमुनानगर: सोमवार को यमुनानगर में मिड डे मील वर्कर्स यूनियन ने सर्व कर्मचारी संघ और सीटू के बैनर तले जोरदार प्रदर्शन किया. मिड डे मील वर्कर्स यूनियन ने मानदेय में बढ़ोतरी और बकाया मानदेय जल्द देने और वर्दी का पत्ता 12 सौ रुपये करने की मांग को लेकर ये प्रदर्शन किया.
मिड डे मील वर्कर्स यूनियन की महासचिव ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते हैं सभी स्कूलों में बच्चों का आना बंद है. सरकार और विभाग के निर्देशानुसार मिड डे मील वर्कर लाभार्थी बच्चों को घर-घर राशन पहुंचा रही हैं. इसके साथ ही स्कूलों में शिक्षकों और अन्य स्टाफ की मदद कर रही हैं. राज्य के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में 30 हजार के करीब मिड डे मील वर्कर्स काम कर रही है.
उन्होंने कहा कि वेतन के नाम पर अभी भी बहुत ही कम मानदेय में गुजारा करना पड़ता है और ये मानदेय भी साल में 10 महीने ही मिलता है. उन्होंने कहा कि दूसरे तमाम काम धंधे बंद हैं. तो परिवार का गुजारा कैसे होगा. बहुत से स्कूलों में अभी तक वेतन मिला भी नहीं है. लॉकडाउन के चलते अन्य काम धंधे बंद हो गए हैं. इसलिए हमारा वेतन भी बढ़ाया जाए.
मिड डे मील वर्कर्स की मुख्य मांगे:
1. मिड डे मील वर्कर्स के मानदेय में तुरंत बढ़ोतरी की जाए. जिसमें न्यूनतम वेतन 18000 रुपये किया जाए.
2. स्कूलों में मिड डे मील वर्कर से करवाई जा रही बेगारी बंद की जाए.
3. स्कूलों में घास और पेड़ आदि के काम करवाने का काम मनरेगा के तहत करवाया जाए. यदि मिड डे मील वर्कर से ये काम करवाया जाता है. तो उन्हें अलग से 600 रुपये की दिहाड़ी दी जाए.
4. सभी स्कूलों में बिजली पीने के पानी आदि की पूरी व्यवस्था की जाए.
5. सभी मिड डे मील वर्कर्स को बीपीएल की श्रेणी में मानते हुए राशन डिपो से सस्ता राशन उपलब्ध करवाया जाए.
6. किसी भी वर्कर को काम से ना हटाया जाए और हटाई गई वर्कर्स को काम पर रखा जाए.
7. वर्कर्स के बकाया मानदेय को तुरंत भुगतान हो.
8. वर्दी का दिया जाने वाला भत्ता 1200 रुपये किया जाए और रंग बदला जाए.
ये भी पढ़ें: चीन की चुनौती से निपटने के लिये हम अच्छी स्थिति में हैं: वायुसेना प्रमुख