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यमुनानगरः आम की फसल पर मौसम की मार, उत्पादन में गिरावट

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Published : Mar 9, 2020, 10:47 AM IST

रादौर में आम के बाग के ठेकेदार असलम ने बताया कि इस बार लगातार मौसम में हो रहे बदलाव के कारण आम की फसल को काफी नुक्सान हो रहा है. उन्होंने कहा की आम की फसल आने से पहले आने वाला बौर इस बार पूरी तरह से नहीं आ रहा है.

Mango crop affected radaur
आम की फसल

यमुनानगर: लगातार बदल रहे मौसम के मिजाज से इस बार आम की फसल को अनुकूल वातावरण नहीं मिल पा रहा है, जिसके चलते इस बार फलों के राजा आम का रसीला स्वाद आम आदमी की पहुंच से बाहर हो सकता है. क्योंकि प्रारंभिक दौर में ही मौसम अनुकूल न होने से आम के बौर को नुकसान पहुंच रहा है. जिससे बाग मालिकों के साथ ठेकेदारों की भी चिंता बढ़ी हुई है.

बदलते मौसम के चलते आम की फसल हो रही प्रभावित,

रादौर में आम के बाग के ठेकेदार असलम ने बताया कि इस बार लगातार मौसम में हो रहे बदलाव के कारण आम की फसल को काफी नुक्सान हो रहा है. उन्होंने कहा की आम की फसल आने से पहले आने वाला बौर इस बार पूरी तरह से नहीं आ रहा है. उन्होंने कहा कि जो आम का बौर फरवरी महीने में निकलना था. उसकी जगह पेड़ से नई पत्तीयां निकल रही हैं, जबकि आमतौर पर ये पत्ती अप्रैल महीने में निकलती थीं.

ऐसे में प्रारंभिक दौर में ही बौर में बड़े स्तर पर नुकसान होने से आम का उत्पादन घटने का खतरा मंडरा रहा है. इस बार बाग ठेका लेने वाले समेत बाग मालिकों में भी बेचैनी बढ़ गई है, क्योंकि ठेकेदारों को मुनाफा मिलना तो दूर बल्कि अपनी असल रकम वापस न लौटने का डर भी सता रहा है. खैर इस बार अगर आम का उत्पादन प्रभावित होता है, तो ये साफ है कि आम का रसीला स्वाद चखने के लिए आपको अपनी जेब जरूर ढीली करनी पड़ेगी.

ये भी पढ़ें- सिरसा के खारिया में बीजेपी की प्रगति रैली, मिली करोड़ों की सौगात

यमुनानगर: लगातार बदल रहे मौसम के मिजाज से इस बार आम की फसल को अनुकूल वातावरण नहीं मिल पा रहा है, जिसके चलते इस बार फलों के राजा आम का रसीला स्वाद आम आदमी की पहुंच से बाहर हो सकता है. क्योंकि प्रारंभिक दौर में ही मौसम अनुकूल न होने से आम के बौर को नुकसान पहुंच रहा है. जिससे बाग मालिकों के साथ ठेकेदारों की भी चिंता बढ़ी हुई है.

बदलते मौसम के चलते आम की फसल हो रही प्रभावित,

रादौर में आम के बाग के ठेकेदार असलम ने बताया कि इस बार लगातार मौसम में हो रहे बदलाव के कारण आम की फसल को काफी नुक्सान हो रहा है. उन्होंने कहा की आम की फसल आने से पहले आने वाला बौर इस बार पूरी तरह से नहीं आ रहा है. उन्होंने कहा कि जो आम का बौर फरवरी महीने में निकलना था. उसकी जगह पेड़ से नई पत्तीयां निकल रही हैं, जबकि आमतौर पर ये पत्ती अप्रैल महीने में निकलती थीं.

ऐसे में प्रारंभिक दौर में ही बौर में बड़े स्तर पर नुकसान होने से आम का उत्पादन घटने का खतरा मंडरा रहा है. इस बार बाग ठेका लेने वाले समेत बाग मालिकों में भी बेचैनी बढ़ गई है, क्योंकि ठेकेदारों को मुनाफा मिलना तो दूर बल्कि अपनी असल रकम वापस न लौटने का डर भी सता रहा है. खैर इस बार अगर आम का उत्पादन प्रभावित होता है, तो ये साफ है कि आम का रसीला स्वाद चखने के लिए आपको अपनी जेब जरूर ढीली करनी पड़ेगी.

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