यमुनानगर: रविवार को कैमला गांव में किसानों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कार्यक्रम का विरोध किया. जिसकी वजह से मुख्यमंत्री का आगमन रद्द करना पड़ा. कृषि कानून से गुस्साए किसानों ने कार्यक्रम स्थल पर जमकर तोड़फोड़ की थी. किसानों ने मुख्यमंत्री के हेलीपैड को भी उखाड़ दिया था. इस घटना पर कैबिनेट मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं.
कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि मैं कतई नहीं मानता कि ये लोग किसान हैं. लोकतंत्र में हर व्यक्ति को अपनी बात रखने का अधिकार है, लेकिन रविवार को जो हुआ वो बिल्कुल गैर जिम्मेदाराना व्यवहार था.
'कैमला गांव में हुई घटना निंदनीय'
कैबिनेट मंत्री ने कहा कैमला में जो कुछ हुआ मैं उस पूरी घटना की निंदा करता हूं. वो बिल्कुल गलत था, लोकतंत्र में हर व्यक्ति को अपनी बात कहने का अधिकार है. ये जो कानून बनाए गए हैं, लंबे समय से इनकी मांग हो रही थी कि किसान को अपनी फसल की कीमत लगाने का अधिकार मिलना चाहिए और स्वामीनाथन ने भी यही बात कही थी.
कंवरपाल ने कहा कि किसानों के हित में ही ये कानून बनाए गए हैं. कुछ लोगों ने किसानों को गुमराह करने का काम किया है. गुमराह करने वाले लोग अपनी बात कह रहे हैं. निश्चित तौर पर जिन्होंने कानून बनाया है उनको भी तो अधिकार है कि वो अपनी बात कहें. लोकतंत्र में दोनों को अपनी बात कहने का अधिकार है.
'लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने का अधिकार'
उन्होंने कहा कि किसान अपनी बात कह रहे हैं. सरकार अपनी बात कह रही है. उसमें इस बात की जिद्द क्या है कि हम आपको अपनी बात नहीं करने देंगे. इसका मतलब स्पष्ट है कि किसानों के पास कहने के लिए कुछ नहीं, कोई तर्क नहीं है. वो जोर जबरदस्ती करना चाहते हैं. मैं समझता हूं जिस प्रकार का व्यवहार किया गया वो बेहद खतरनाक और गैर जिम्मेदाराना था.
ये भी पढ़ें- किसानों के समर्थन में INLD विधायक अभय चौटाला ने विधानसभा अध्यक्ष को भेजा इस्तीफा
इस दौरान कैबिनेट मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि पंजाब के सीएम केंद्र की ओर से लागू किए गए इन कानूनों को काले कानून बता रहे हैं. जबकि वो हरियाणा का एसवाईएल का पानी खुद दबाए बैठे हैं. जबकि सुप्रीम कोर्ट तक हरियाणा के हक में फैसला सुना चुका है. तो क्या वो काला कानून नहीं है जो वो सुप्रीम कोर्ट तक की भी नहीं सुन रहे.