यमुनानगर: पिछले 54 दिनों से कृषि कानूनों के विरोध में देश भर के किसान दिल्ली बॉर्डर पर केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. किसानों के इस आंदोलन को आम लोगों का भी समर्थन मिल रहा है. वहीं हरियाणा के किसानों ने भी कृषि कानूनों के विरोध और किसान आंदोलन के समर्थन में केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.
अब यमुनानगर के किसान केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिए हैं. यमुनानगर में जनता प्रतिनिधियों ने किसान आंदोलन के समर्थन में इस्तीफा देना शुरू कर दिया है. ताजा मामला जिले के छछरौली खंड के कडकोली गांव का है. जहां गांव के सरपंच ने किसान आंदोलन के समर्थन में अपना इस्तीफा जिला उपायुक्त को सौंप दिया. यमुनानगर में अब तक 8 जिला परिषद सदस्य अपना इस्तीफा सौंप चुके हैं.
'नए कृषि कानून वापस होने तक करेंगे विरोध'
सरपंच पद से इस्तीफा दे चुके हरविंदर सिंह का कहना है कि वे संवैधानिक पद को छोड़कर किसान आंदोलन में उतरने जा रहे हैं. वे बीजेपी सरकार की हटधर्म के खिलाफ किसानों को समर्थन देने दिल्ली जाएंगे और जब तक नए कृषि कानून वापस नहीं होते. वो बीजेपी सरकार का डटकर विरोध करते रहेंगे.
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दो महीने बाद भी किसानों के हाथ खाली
गौरतलब है कि 27 नवंबर 2020 से किसान ने कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली कूच कर रहे हैं. किसानों को करीब 2 महीने का समय होने वाला है, लेकिन सरकार के साथ कई दौर की वार्ता के बावजूद अभी तक कोई हल नहीं निकला है. जहां किसान नए कृषि कानून रद्द करवाने के लिए खड़े हुए हैं. तो वहीं सरकार ने अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया है. जिसके चलते लाखों की संख्या में किसान दिल्ली के बॉर्डर्स पर मौजूद हैं.