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यमुनानगर दुष्कर्म मामला: एक छात्रा बयान से पलटी, दूसरी नहीं कर पाई आरोप साबित, बरी हुए आरोपी - यमुनानगर छात्रा ने बदले बयान

इस मामले में वकील ने बताया कि छात्राओं के परिजन ने महिला थाने में 2019 में दुष्कर्म का मामला दर्ज करवाया था, लेकिन कोर्ट के सामने आरोपियों पर दोनों छात्राएं सही से आरोप साबित नहीं कर पाईं.

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यमुनानगर दुष्कर्म मामला: एक छात्रा बयान से पलटी, दूसरी नहीं कर पाई आरोप साबित, बरी हुए आरोपी
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Published : Feb 6, 2021, 5:34 PM IST

यमुनानगर: साल 2019 में निजी स्कूल में पढ़ रही दो छात्राओं के साथ दुष्कर्म के मामले में दोनों आरोपियों को बरी कर दिया गया. वकील अमदीप के मुताबिक छात्राओं के बयान से पलट जाने के बाद ये फैसला अतिरिक्त जिला न्यायालय ने सुनाया.

वकील अमनदीप सिंह ने बताया कि केस की सुनवाई के दौरान एक छात्रा अपने बयानों से मुकर गई, जबकि मेडिकल ग्राउंड और अन्य साक्ष्यों के आधार पर दूसरी छात्रा के साथ दुष्कर्म की पुष्टि भी नहीं हो पाई. जिस वजह से आरोपियों को बरी कर दिया गया.

ये पढ़ें- करनाल: दो सड़क हादसों में तीन लोगों की मौत, चार घायल

1 मई 2019 से आरोपी थे जेल में बंद

बता दें कि यमुनानगर महिला थाना पुलिस ने 30 अप्रैल 2019 को दो छात्राओं की शिकायत पर बरकत और मोहन के खिलाफ दुष्कर्म का अलग-अलग केस दर्ज किया था. शिकायतकर्ताओं ने कहा कि वे घर से स्कूल के लिए निकली थीं. रास्ते में उन्हें स्कूल में ही पढ़ने वाले मोहन और बरकत मिल गए दोनों उन्हें बहला-फुसलाकर बरकत के घर ले गए. यहां पर उनके साथ दुष्कर्म किया. पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी. एक मई को आरोपितों को काबू कर कोर्ट में पेश किया. यहां से उन्हें जेल भेज दिया गया था.

ये भी पढ़िए: अंबाला-अमृतसर नेशनल और नारायणगढ़ कड़ासन हाईवे पर चक्का जाम करेंगे किसान

छात्राओं परिजनों ने करवाया था झूठा केस- वकील

वकील ने बताया कि 30 अप्रैल को छात्राओं के अभिभावकों ने बरकत और मोहन के साथ मारपीट की थी. इसके बाद बरकत और मोहन ने गांधी नगर पुलिस को शिकायत दी. जब छात्राओं के अभिभावकों को इसकी भनक लगी, तो उन्होंने यमुनानगर महिला थाने में उनके खिलाफ दुष्कर्म का केस दर्ज करवाया दिया. वहीं केस की सुनवाई के दौरान जांच अधिकारी ने घटना स्थल के आसपास के लोगों के बयान भी दर्ज नहीं किए. इसके अलावा मेडिकल ग्राउंड पर भी छात्राओं से दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हो पाई.

यमुनानगर: साल 2019 में निजी स्कूल में पढ़ रही दो छात्राओं के साथ दुष्कर्म के मामले में दोनों आरोपियों को बरी कर दिया गया. वकील अमदीप के मुताबिक छात्राओं के बयान से पलट जाने के बाद ये फैसला अतिरिक्त जिला न्यायालय ने सुनाया.

वकील अमनदीप सिंह ने बताया कि केस की सुनवाई के दौरान एक छात्रा अपने बयानों से मुकर गई, जबकि मेडिकल ग्राउंड और अन्य साक्ष्यों के आधार पर दूसरी छात्रा के साथ दुष्कर्म की पुष्टि भी नहीं हो पाई. जिस वजह से आरोपियों को बरी कर दिया गया.

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1 मई 2019 से आरोपी थे जेल में बंद

बता दें कि यमुनानगर महिला थाना पुलिस ने 30 अप्रैल 2019 को दो छात्राओं की शिकायत पर बरकत और मोहन के खिलाफ दुष्कर्म का अलग-अलग केस दर्ज किया था. शिकायतकर्ताओं ने कहा कि वे घर से स्कूल के लिए निकली थीं. रास्ते में उन्हें स्कूल में ही पढ़ने वाले मोहन और बरकत मिल गए दोनों उन्हें बहला-फुसलाकर बरकत के घर ले गए. यहां पर उनके साथ दुष्कर्म किया. पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी. एक मई को आरोपितों को काबू कर कोर्ट में पेश किया. यहां से उन्हें जेल भेज दिया गया था.

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छात्राओं परिजनों ने करवाया था झूठा केस- वकील

वकील ने बताया कि 30 अप्रैल को छात्राओं के अभिभावकों ने बरकत और मोहन के साथ मारपीट की थी. इसके बाद बरकत और मोहन ने गांधी नगर पुलिस को शिकायत दी. जब छात्राओं के अभिभावकों को इसकी भनक लगी, तो उन्होंने यमुनानगर महिला थाने में उनके खिलाफ दुष्कर्म का केस दर्ज करवाया दिया. वहीं केस की सुनवाई के दौरान जांच अधिकारी ने घटना स्थल के आसपास के लोगों के बयान भी दर्ज नहीं किए. इसके अलावा मेडिकल ग्राउंड पर भी छात्राओं से दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हो पाई.

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