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गेहूं की फसल के लिए आफत बनी तेज बारिश, खेतों में बिछी तैयार फसल

किसानों का कहना है कि अभी तक पीले रतुए की बीमारी से फसल को बचाने का प्रयास किया जा रहा था, वहीं बीती रात तेज तूफान के साथ आई बारिश ने उनकी मेहनत पर पानी फेर कर रख दिया है.

wheat crop in radaur yamunanagar
गेहूं की फसल के लिए आफत बनी तेज बारिश
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Published : Feb 21, 2020, 2:42 PM IST

यमुनानगरः रादौर में बीती रात तेज तूफान के साथ आई बारिश गेहूं उत्पादक किसानों के लिए आफत बनकर बरसी. बारिश से गेहूं की फसल खेतों में बिछ कर खराब होने के कगार पर पंहुच गई. जिससे किसानों की चिंता एक बार फिर बढ़ गई है. किसानों की मानें तो जो फसल खेतो में बिछ गई है उसकी जहां गुणवत्ता प्रभावित होगी, वहीं उत्पादन पर भी इसका असर पड़ेगा.

बारिश ने फेरा पानी

कभी फसल में बीमारी तो कभी प्राकृतिक आपदा ने धरती पुत्रों की चिंता बढ़ा रखी है. खासकर गेहूं उत्पादक किसानों पर तो इस वक्त दोहरी मार पड़ रही है. किसानों का कहना है कि अभी तक जहां गेहूं की फसल में आए पीले रतुए की बीमारी से फसल को बचाने का प्रयास किया जा रहा था, वहीं बीती रात तेज तूफान के साथ आई बारिश ने उनकी मेहनत पर पानी फेर कर रख दिया है.

गेहूं की फसल के लिए आफत बनी तेज बारिश

कर्ज में डूबे किसान पर दोहरी मार

छोटाबांस के किसान राजबीर व राजकुमार ने बताया कि फसल के खेतों में बिछ जाने के कारण इसकी गुणवत्ता के साथ साथ उत्पादन पर भी असर पड़ेगा, जिसे उन्हें प्रति एकड़ हजारों रुपए का नुक्सान झेलना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि एक ओर किसान पहले ही कर्ज में डूबा हुआ है वहीं दूसरी ओर प्राकृतिक आपदा भी किसानों को परेशान कर रही है.

ये भी पढ़ेंः जरूरी सूचना: अंबाला-दिल्ली रेल रूट पर होगा मेगा ब्लॉक, इन दिनों ये ट्रेनें रहेंगी रद्द

किसानों को मुआवजा देकर राहत दे सरकार

पहले जहां गेहूं की फसल को बीमारी से बचाने के लिए किसान महंगे कीटनाशकों का छिड़काव कर अपनी मेहनत को बचाने की कश्मकश में जुटा हुआ था, वहीं अब पड़ी इस कुदरत की मार ने किसानों की कमर ही तोड़कर रख दी है. ऐसे में सरकार को इन प्रभावित किसानों की खराब हुई फसल का उचित मुआवजा देकर कुछ राहत दिए जाने की जरूरत है.

यमुनानगरः रादौर में बीती रात तेज तूफान के साथ आई बारिश गेहूं उत्पादक किसानों के लिए आफत बनकर बरसी. बारिश से गेहूं की फसल खेतों में बिछ कर खराब होने के कगार पर पंहुच गई. जिससे किसानों की चिंता एक बार फिर बढ़ गई है. किसानों की मानें तो जो फसल खेतो में बिछ गई है उसकी जहां गुणवत्ता प्रभावित होगी, वहीं उत्पादन पर भी इसका असर पड़ेगा.

बारिश ने फेरा पानी

कभी फसल में बीमारी तो कभी प्राकृतिक आपदा ने धरती पुत्रों की चिंता बढ़ा रखी है. खासकर गेहूं उत्पादक किसानों पर तो इस वक्त दोहरी मार पड़ रही है. किसानों का कहना है कि अभी तक जहां गेहूं की फसल में आए पीले रतुए की बीमारी से फसल को बचाने का प्रयास किया जा रहा था, वहीं बीती रात तेज तूफान के साथ आई बारिश ने उनकी मेहनत पर पानी फेर कर रख दिया है.

गेहूं की फसल के लिए आफत बनी तेज बारिश

कर्ज में डूबे किसान पर दोहरी मार

छोटाबांस के किसान राजबीर व राजकुमार ने बताया कि फसल के खेतों में बिछ जाने के कारण इसकी गुणवत्ता के साथ साथ उत्पादन पर भी असर पड़ेगा, जिसे उन्हें प्रति एकड़ हजारों रुपए का नुक्सान झेलना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि एक ओर किसान पहले ही कर्ज में डूबा हुआ है वहीं दूसरी ओर प्राकृतिक आपदा भी किसानों को परेशान कर रही है.

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किसानों को मुआवजा देकर राहत दे सरकार

पहले जहां गेहूं की फसल को बीमारी से बचाने के लिए किसान महंगे कीटनाशकों का छिड़काव कर अपनी मेहनत को बचाने की कश्मकश में जुटा हुआ था, वहीं अब पड़ी इस कुदरत की मार ने किसानों की कमर ही तोड़कर रख दी है. ऐसे में सरकार को इन प्रभावित किसानों की खराब हुई फसल का उचित मुआवजा देकर कुछ राहत दिए जाने की जरूरत है.

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