यमुनानगर: हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से अभी तक मानसून में 3 लाख 59 हजार क्यूसेक पानी गुजरने के बाद अब बैराज पर खतरा मंडराने लगा है. इस बार आये पानी के तेज बहाब में बैराज के आगे बनी एक लंबी-चौड़ी दीवार करीब 15 फीट नीचे धंस गई है. हैरानी की बात ये है कि मानसून की काफी बारिश अभी बाकी है. ये दीवार धंसना हथिनीकुंड बैराज के लिए किसी खतरे से कम नहीं है.
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यमुनानगर के हथिनीकुंड बैराज पर आये 3 लाख 59 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने के बाद हरियाणा के करीब 12 जिलों समेत दिल्ली तक बाढ़ ने तबाही मचा दी है. इसी पानी के दबाव के चलते अब हथनीकुंड बैराज का अस्तित्व खतरे में नजर आ रहा है. हथिनीकुंड बैराज से निकला पानी बैराज के आगे लगे बड़े-बड़े ब्लॉक को भी अपने साथ तिनके की तरह बहा ले गया. यहां तक की पानी को रोकने के लिए बनाई गई एक दीवार को भी पानी के सैलाब ने करीब 15 फीट नीचे खिसका दिया है. बैराज से गिरने वाले पानी की टक्कर इसी दीवार पर लगती थी.
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सिंचाई विभाग ने कुछ समय पहले ही पानी के बहाव के लिए बड़े-बड़े ब्लॉक लगाकर बैराज के आगे एक रैंप तैयार किया था. पानी ने इस पूरे रैंप को भी तहस-नहस कर दिया है. उसको सुधारने के लिए सिंचाई विभाग फिर से ब्लॉक बनाने का काम शुरू कर रहा है. अगर ये पानी बैराज के पिलर की तरफ मुड़ गया तो बड़ा खतरा पैदा हो सकता है. इस मामले को लेकर फिलहाल किसी अधिकारी का बायन सामने नहीं आया है.
इस बार पहाड़ों पर हुई भारी बारिश के बाद हथिनीकुंड बैराज पर भी पानी का दबाव ज्यादा देखा गया. पानी छोड़ने के बाद हरियाणा में करीब 12 जिले बाढ़ की चपेट में आ गये. वहीं देश की राजधानी दिल्ली में भी बाढ़ ने लोगों को बेहाल कर दिया. हरियाणा के इतिहास में पहली बार सरकार को बाढ़ घोषित करनी पड़ी. सरकार ने बताया कि हरियाणा में 12 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं.
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